बेतिया: बिहार के बेतिया में शराब से मौत का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा है. जिले के लौरिया मठिया गांव में कुल 5 लोगों की मौत हुई. परिजन और स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सभी की मौत शराब पीने से हुई है, लेकिन डॉक्टर की टीम और प्रशासन के अलग-अलग बयान से कंफ्यूजन बढ़ गया है. एक जहां डॉक्टर की टीम जहां शराब से मौत की आंशका जता रही है वहीं प्रशासन इसे बीमारी और हादसा बता रहा है.
बेतिया में सात लोगों की मौत: स्थानीय प्रशासन ने 5 लोगों की मौत को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. नरकटियागंज एसडीएम सूर्य कांत गुप्ता ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टर की टीम, स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल कि टीम को भेजा गया. जांच में यह जानकारी मिली है कि 14 जनवरी से लेकर अब तक 5 लोगों की मौत हुई है.
बीमारी और हादसे मौत के कारण: दो व्यक्ति जिनकी उम्र 60 और 60 साल थी, उनकी मौत बीमारी के कारण हुई है. एक व्यक्ति को पैरालाइसिस, एक को कोल्ड डायरिया और पुरानी बीमारी दमा थी. इस कारण उनकी मौत हुई. तीन व्यक्ति जिनकी उम्र 28 से 38 बीच की है, इन तीनों को भी कोल्ड डायरिया और दस्त हो गया था. एक व्यक्ति की मौत ट्रैक्टर से दुर्घटना के कारण हुई.
लंग्स खराब होने के कारण मौत: एक व्यक्ति प्रदीप कुमार जिसकी उम्र 40 वर्ष थी. परिजनों ने बताया कि बीमार पड़ने पर अस्पताल ले जाया गया था. डॉक्टर के अनुसार इनका लंग्स खराब थे. सांस की तकलीफ और बेचैनी हुई थी और उनकी मृत्यु हो गयी. डॉक्टर की टीम अभी इसकी जांच कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि को बोला गया है कि अगर कोई बीमार पड़ते हैं तो इसकी जानकारी प्रशासन को दें.
शराब पीने से मौत नहीं हुई: एसडीएम ने बताया कि इन सातों मामलों में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था. शराब से मौत की बात पर एसडीएम ने बताया कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. एक व्यक्ति प्रदीप कुमार गुप्ता के बारे में लोग बता रहे थे कि पहले नशा की आदत थी, लेकिन वर्तमान में जिस स्थिति में डॉक्टर के पास गए तो पचा चला कि इनका लंग्स बहुत दिनों से खराब था.
"किसी भी मामले में शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. हमलोग इसको लेकर सतर्क हैं. जनप्रतिनिधियों से अपील की गयी है कि किसी भी तरह की कोई सूचना मिलती है तो प्रशासन को इसकी जानकारी दें ताकि समाधान किया जा सके. इस तरह की कोई घटना आती है तो कार्रवाई करेंगे." -सूर्य कांत गुप्ता, एसडीएम, नरकटियागंज
शराब और गांजा हो सकते हैं कारण: इधर, डॉक्टर के द्वारा अलग बयान दिया जा रहा है. लौरिया पीएचसी प्रभारी डॉ मूर्तजा अंसारी ने बताया कि सूचना मिली की एक सप्ताह के अंदर में 2 से 4 लोगों की मौत हुई है. इसकी जानकारी मिलने के बाद टीम जांच के लिए पहुंचे. मृतकों के घर गए. अचानक तबीयत बिगड़ी और मौत हो गयी. मौत के कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन परिजनों का कहना है कि ये लोग शराब और गांजा का अत्यधिक सेवन करते थे.
"जांच चल रही है कि किस कारण मौत हुई है. हो सकता है ठंडा का असर हुआ होगा. गांजा पीने से भी फेफड़ा पर असर होता है. तीनों एंगल से जांच हो रही है. जो लोग बेहोश हुए ये लोग कुछ दिनों से खटका (कोई मर जाए तो) के कारण खाना-पीना नहीं खा रहे थे. इनमें हाइपोग्लाइसीमिया का लक्षण हो सकता है." -डॉ मूर्तजा अंसारी, पीएचसी प्रभारी, लौरिया
हाइपोग्लाइसीमिया क्या है? हाइपोग्लाइसीमिया यानी ब्लड शुगर कम होना होता है. डॉक्टर के मुताबिक उपवास रखना भी इसके कई कारण हैं. मेडिकल साइंस के मुताबिक डायबिटीज को नियंत्रित करने की दवा ज्यादा लेना, अल्कोहल का सेवन ज्यादा करना, गंभीर बीमारी आदि कई कारण हो सकता है. इसके कई लक्षण भी हैं, जैसे पसीना आना, कंपकंपी, थकान, आंखों के सामने धुंधलापन आदि हो सकते हैं.
आनन-फानन में अंतिम संस्कार: अब सवाल उठता है क्यों मेडिकल टीम के वरीय डॉक्टर मूर्तजा अंसारी अलग बयान देते हैं और प्रशासन के अधिकारी अलग बयान देते हैं. अगर इतने लोगों की मौत बीमारी से हुई है या दुर्घटना में हुई है तो इतनी आनन-फानन में अंतिम संस्कार क्यों किया गया.
परिजन बोले-'शराब से हुई मौत': मृतक प्रदीप का बड़े भाई का कहना था कि "भाई ने गांव में शराब पी थी. तबियत खराब हुई और उसकी मौत हो गई है." मनीष, सुरेश चौधरी, शिव राम, नरसिंग शाह इन सब की मौत संदिग्ध स्थिति में हुई है. लौरिया पीएचसी प्रभारी डॉ. मूर्तजा अंसारी ने भी बताया है की दो की मौत नशे की सेवन करने से हुई है. मेडिकल टीम सभी मौतों की जांच रिपोर्ट तैयार कर रहीं है.
2021 में एक दर्जन लोगों की मौत: बता दें कि इससे पहले भी साल 2021 में 16 जुलाई को लोरिया के देवराज में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत शराब पीने से हुई थी. एक बार फिर 7 लोगों की मौत से गांव में दहशत का माहौल है.
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