बेमेतरा: बेमेतरा जिले के बोरसी के बारूद फैक्ट्री में 2 दिन में पहले हुए हादसे के बाद अब तक 8 लोगों के लापता होने की सूचना जिला प्रशासन ने दी है. वहीं, दो मजदूरों का उपचार राजधानी रायपुर के अस्पताल में जारी है. 1 मजदूर की मौत हो गई है. इस बीच हादसे के तीसरे दिन सोमवार को गुपचुप तरीके से बारूद फैक्ट्री के पीछे दरवाजे से बारूद सामग्री को फैक्टरी प्रबंधन के निजी वाहन से बाहर ले जाया जा रहा था. इसकी भनक जैसे ही ग्रामीण को लगी. ग्रामीण फैक्ट्री के मुख्य दरवाजा को छोड़कर पीछे के दरवाजे पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया.
फैक्टरी से सामान बाहर ले जाने पर बवाल: दरअसल, 26 मई को भारतीय सेना के मैनेजर जयदीप के नेतृत्व में भारतीय सेना की सीओडी टीम एक जेसीओ और दो गोला बारूद तकनीशियन के साथ दो बम सूट, दो विस्फोटक, वेपर डिटेक्टर और आवश्यक सामाग्रियों के साथ घटनास्थल पहुंचकर जायजा लिया है. सेना द्वारा जारी किए रिपोर्ट में पीईएसओ की ओर से दौरा और निरीक्षण किए जाने तक किसी भी प्रकार के फैक्ट्री के संचालन और विस्फोटकों को हटाने की अनुमति नहीं दी गई. वहीं, आज पीछे दरवाजे से विस्फोटक सामग्रियों को फैक्ट्री के निजी वाहन में भरकर ले जाया जा रहा था, जिसकी जानकारी ग्रामीणों को लग गई और ग्रामीणों ने पीछे दरवाजे पर जाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
हादसे के संबंध में न्यायिक जांच होगी. जिला प्रशासन के द्वारा किसी का भी बचाव नहीं किया जा रहा है. दो दिनों तक हमने खुद मामले की निगरानी की है. डीएनए टेस्ट को लेकर काम किया जा रहा है. दोषियों पर कार्रवाही होगी. -रणबीर शर्मा, कलेक्टर, बेमेतरा
जहां एक ओर फैक्ट्री के पीछे के रास्ते से सामान ले जाने की जानकारी के बाद ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कलेक्टर ने मामले में न्यायिक जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.