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बेहतर झारखंड, एक सार्थक संवादः प्रदेश के विकास की पहल पर जोर, राज्य को एक पॉजिटिव सोच वाली सरकार की जरूरत- सांसद - Behtar Jharkhand Ek Sarthak Samvad

Behtar Jharkhand Ek Sarthak Samvad. रांची के आड्रे हाउस में बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें भाजपा नेता के साथ साथ शहर के प्रबुद्धजन शामिल हुए. इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश को बेहतर बनाने की पहल पर जोर देने पर बल दिया गया.

Behtar Jharkhand Ek Sarthak Samvad program in Ranchi
रांची में बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों की ओर से राज्य को बनाने की पहल पर जोर दिया गया
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 17, 2024, 7:38 PM IST

बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते वक्ता

रांचीः राज्य के विकास के लिए सुंदर माहौल बनाना जरूरी, ये कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का. वहीं रांची से बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य को एक पॉजिटिव सोच वाली सरकार की जरूरत है. ये तमाम बातें बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम में हुईं. रांची के आड्रे हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा नेता के साथ-साथ शहर के प्रबुद्धजन भी शामिल हुए.

वर्ष 2000 में नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आये झारखंड प्रदेश को एक बेहतर झारखंड के रूप में कैसे विकसित किया जाए. इसको लेकर रांची के आड्रे हाउस में एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में समाज के अलग-अलग वर्गों से आने वाले लोगों के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रांची के सांसद संजय सेठ, एकल विद्यालय के राज्य संयोजक ललन शर्मा, पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री कार्यालय में ओएसडी रहे विवेक सिंह, रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन सहित का कई हस्तियों ने शिरकत की. सभी वक्ताओं ने झारखंड की धरती को सभी तरह से धन-धान्य से परिपूर्ण बताते हुए कहा कि फिर हम विकास के दौर में पीछे क्यों छूट गए, यह बड़ा सवाल है.

बेहतर झारखंड बनाने के लिए हर तबके को प्रयास करना होगा- बाबूलाल मरांडीः

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य को बेहतर झारखंड बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा. जिन कठिनाइयों को हमने झेला है, उन कठिनाइयों को आज की पीढ़ी को नहीं झेलना पड़े, इसका ख्याल रखना जरूरी है. वहीं इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि प्राकृतिक संसाधनों को दोहन कर विकास की गाथा नहीं लिखी जाए. उन्होंने कहा कि खनिज पर आधारित विकास की अपनी सीमाएं हैं.

पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन खत्म भी हो जाते हैं और उसके बाद सिर्फ पलायन बचता है. कोडरमा और गिरिडीह का माइका यानी अभ्रख खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है, कोयला खदान इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि पर्यटन पर आधारित विकास की असीमित संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए झारखंड के लोगों को ही माहौल बनाना होगा. यहां जो भी पर्यटक आएंगे उनकी सुविधा और सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है, ये सोच लानी होगी. बाबूलाल मरांडी ने दूसरे राज्यों और देशों में रह रहे झारखंडी लोगों से आह्वान किया कि वे झारखंड आने का कार्यक्रम बनाएं, यहां के लोगों से बात करें कि वे सब मिलकर कैसे एक बेहतर झारखंड बना सकते हैं.

पॉजिटिव सरकार और खुले दिल वाले सीएम की जरूरत- संजय सेठः

बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम में रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि राज्य में खनिज आधारित विकास की जगह टूरिज्म, लाह, मोटा अनाज, सिल्क आधारित कार्य को बढ़ावा देना चाहिए. इसके साथ ही यहां की कला संस्कृति, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, खेल प्रतिभा को निखार कर बेहतर झारखंड बनाने के सपने को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए पॉजिटिव सरकार और खुले दिल के सीएम की जरूरत झारखंड राज्य को है.

वहीं एकल विद्यालय के झारखंड संयोजक ललन शर्मा ने कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए नजरिया बदलना होगा. जिनके ऊपर झारखंड के विकास की जिम्मेदीरी दी गयी थी, वे उत्तरदायित्व पर खरा नहीं उतरे, यही वजह रही कि हम पिछड़ गए. अभ्रख समाप्त हो गया, कोयला समाप्ति पर है, लौह अयस्क का भी वही हाल, जंगल का भी हाल खराब है, ऐसे में संतुलन कैसे होगा? उन्होंने कहा कि बेहतर झारखंड बनने का रास्ता गांव को रहने लायक बनाने में छुपा है.

वहीं पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री कार्यालय में ओएसडी रहे विवेक सिंह ने कहा कि बेहतर झारखंड की परिकल्पना का विचार तब आया जब महानगरों में झारखंड की चर्चा होती है. इसमें कॉमन बात यह सामने आती है कि इस राज्य के विकास की असीमित संभावनाएं रहने के बावजूद यह पिछड़ क्यों गया? उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच से सकारात्मक कार्य की शुरुआत नहीं हो सकती, इसलिए पुरानी बातों को छोड़ हम सबको नया संवाद कायम करना होगा. उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में जो बातें आयी हैं, वही बेहतर झारखंड का भविष्य का एजेंडा बनेगा. सभी झारखंडी सफल लोगों को एक मंच पर लाना होगा. अपने प्राकृतिक संसाधनों को अलग रखकर सोचना होगा, अपने ट्राइबल नृत्य, गीत-संगीत, खान पान, शिल्प को बढ़ावा देना होगा. पत्रकार मयूर शेखर ने कहा कि उद्यमियों को एक साथ खड़ा करना होगा, सरकारी नौकरी पाने की जगह अपना स्टार्ट अप खोलने की युवाओं में ललक पैदा करनी होगी, दूसरों पर डिपेंडसी कम करनी होगी.

इस कार्यक्रम के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद संजय सेठ ने कला और शिल्प के क्षेत्र में बेहतर करने वाले झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया. जिसमें अग्रेश मुर्मू , पद्मश्री अजय कुमार मंडावी, नमिता मुर्मू, देवेंद्र मंडावी, बुतुल राम मथरा, मिनकेंटन बघेल, सागर झरेका, निर्मल सोरेन, पकंचुराम सागर, विकास मुर्मू शामिल रहे.

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बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते वक्ता

रांचीः राज्य के विकास के लिए सुंदर माहौल बनाना जरूरी, ये कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का. वहीं रांची से बीजेपी सांसद ने कहा कि राज्य को एक पॉजिटिव सोच वाली सरकार की जरूरत है. ये तमाम बातें बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम में हुईं. रांची के आड्रे हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा नेता के साथ-साथ शहर के प्रबुद्धजन भी शामिल हुए.

वर्ष 2000 में नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आये झारखंड प्रदेश को एक बेहतर झारखंड के रूप में कैसे विकसित किया जाए. इसको लेकर रांची के आड्रे हाउस में एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में समाज के अलग-अलग वर्गों से आने वाले लोगों के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रांची के सांसद संजय सेठ, एकल विद्यालय के राज्य संयोजक ललन शर्मा, पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री कार्यालय में ओएसडी रहे विवेक सिंह, रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन सहित का कई हस्तियों ने शिरकत की. सभी वक्ताओं ने झारखंड की धरती को सभी तरह से धन-धान्य से परिपूर्ण बताते हुए कहा कि फिर हम विकास के दौर में पीछे क्यों छूट गए, यह बड़ा सवाल है.

बेहतर झारखंड बनाने के लिए हर तबके को प्रयास करना होगा- बाबूलाल मरांडीः

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य को बेहतर झारखंड बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा. जिन कठिनाइयों को हमने झेला है, उन कठिनाइयों को आज की पीढ़ी को नहीं झेलना पड़े, इसका ख्याल रखना जरूरी है. वहीं इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि प्राकृतिक संसाधनों को दोहन कर विकास की गाथा नहीं लिखी जाए. उन्होंने कहा कि खनिज पर आधारित विकास की अपनी सीमाएं हैं.

पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन खत्म भी हो जाते हैं और उसके बाद सिर्फ पलायन बचता है. कोडरमा और गिरिडीह का माइका यानी अभ्रख खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है, कोयला खदान इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि पर्यटन पर आधारित विकास की असीमित संभावनाएं हैं लेकिन इसके लिए झारखंड के लोगों को ही माहौल बनाना होगा. यहां जो भी पर्यटक आएंगे उनकी सुविधा और सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है, ये सोच लानी होगी. बाबूलाल मरांडी ने दूसरे राज्यों और देशों में रह रहे झारखंडी लोगों से आह्वान किया कि वे झारखंड आने का कार्यक्रम बनाएं, यहां के लोगों से बात करें कि वे सब मिलकर कैसे एक बेहतर झारखंड बना सकते हैं.

पॉजिटिव सरकार और खुले दिल वाले सीएम की जरूरत- संजय सेठः

बेहतर झारखंड एक सार्थक संवाद कार्यक्रम में रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि राज्य में खनिज आधारित विकास की जगह टूरिज्म, लाह, मोटा अनाज, सिल्क आधारित कार्य को बढ़ावा देना चाहिए. इसके साथ ही यहां की कला संस्कृति, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, खेल प्रतिभा को निखार कर बेहतर झारखंड बनाने के सपने को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए पॉजिटिव सरकार और खुले दिल के सीएम की जरूरत झारखंड राज्य को है.

वहीं एकल विद्यालय के झारखंड संयोजक ललन शर्मा ने कहा कि समाज को बेहतर बनाने के लिए नजरिया बदलना होगा. जिनके ऊपर झारखंड के विकास की जिम्मेदीरी दी गयी थी, वे उत्तरदायित्व पर खरा नहीं उतरे, यही वजह रही कि हम पिछड़ गए. अभ्रख समाप्त हो गया, कोयला समाप्ति पर है, लौह अयस्क का भी वही हाल, जंगल का भी हाल खराब है, ऐसे में संतुलन कैसे होगा? उन्होंने कहा कि बेहतर झारखंड बनने का रास्ता गांव को रहने लायक बनाने में छुपा है.

वहीं पूर्व में केंद्रीय वित्त मंत्री कार्यालय में ओएसडी रहे विवेक सिंह ने कहा कि बेहतर झारखंड की परिकल्पना का विचार तब आया जब महानगरों में झारखंड की चर्चा होती है. इसमें कॉमन बात यह सामने आती है कि इस राज्य के विकास की असीमित संभावनाएं रहने के बावजूद यह पिछड़ क्यों गया? उन्होंने कहा कि नकारात्मक सोच से सकारात्मक कार्य की शुरुआत नहीं हो सकती, इसलिए पुरानी बातों को छोड़ हम सबको नया संवाद कायम करना होगा. उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में जो बातें आयी हैं, वही बेहतर झारखंड का भविष्य का एजेंडा बनेगा. सभी झारखंडी सफल लोगों को एक मंच पर लाना होगा. अपने प्राकृतिक संसाधनों को अलग रखकर सोचना होगा, अपने ट्राइबल नृत्य, गीत-संगीत, खान पान, शिल्प को बढ़ावा देना होगा. पत्रकार मयूर शेखर ने कहा कि उद्यमियों को एक साथ खड़ा करना होगा, सरकारी नौकरी पाने की जगह अपना स्टार्ट अप खोलने की युवाओं में ललक पैदा करनी होगी, दूसरों पर डिपेंडसी कम करनी होगी.

इस कार्यक्रम के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद संजय सेठ ने कला और शिल्प के क्षेत्र में बेहतर करने वाले झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया. जिसमें अग्रेश मुर्मू , पद्मश्री अजय कुमार मंडावी, नमिता मुर्मू, देवेंद्र मंडावी, बुतुल राम मथरा, मिनकेंटन बघेल, सागर झरेका, निर्मल सोरेन, पकंचुराम सागर, विकास मुर्मू शामिल रहे.

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