साहिबगंज: सोमवार दोपहर एक किसान की जान बालबाल बच गई. ग्रामीण के शरीर पर अचानक उड़ती हुई मधुमक्खियों के झुंड ने किसान की पीठ पर छत्ता बनाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते किसान की पीठ मधुमक्खियों से भर गयी. पीठ पर छत्ता देख किसान की सांसें अटक गईं. इससे किसान ना हिल रहा था ना किसी को बता पा रहा था. साथ में बैठ दूसरे किसान की हालत खराब थी, वो दोनों एक ही मुद्रा में घंटों बैठे रहे.
इस बीच आसपास के लोगों ने कई युक्तियां बताईं लेकिन किसान ने इशारा किया कि कुछ नहीं करना है. क्योंकि इनको छेड़ने से मुश्किल होगी और इनके डंक से जान भी जा सकती है. इसके बाद करीब तीन घंटे के बाद किसी प्रकार से सावधानी के साथ किसान की शर्ट काटकर मधुमक्खियों को हटाया गया. जिससे किसान की जान बच सकी. ये पूरा मामला झारखंड और बिहार के सीमावर्ती गांव बाखरपुर का है.
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि सोमवार करीब 3:30 बजे किसान काशी साह और सहयोगी अशोक मंडल दोनों मकई के खेत को देखने के लिए गये थे. संभवत: इसी बीच रानी मधुमक्खी उड़कर किसान काशी साह की पीठ पर बैठ गई होगी. इसके बाद देखते देखते सारी मधुमक्खियों ने मिलकर किसान की पीठ पर छत्ता बनाना शुरू कर दिया होगा. इसकी खबर मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और मधुमक्खियों को हटाने के लिए कई तरह के उपाय सुझाए गये. लेकिन पीड़ित किसान ने किसी से कुछ ना करने की अपील की क्योंकि इससे उनके साथ साथ बाकी लोगों के लिए भी खतरा बढ़ जाता. पीठ पर छत्ता लिए किसान करीब 3 घंटे तक खेत में एक ही मुद्रा में अपने मित्र के साथ बैठे रहे.
सरपंच ने बताई आंखों देखीः बाखरपुर पूर्वी के सरपंच राजेश कुमार गुप्ता ने फोन पर बताया कि किसान काशीनाथ साह अपने मकई के खेत में गया था. देखते ही देखते करीब 3:30 बजे उसके शरीर पर मधुमक्खियों ने उनकी पीठ पर छत्ता बना दिया. इसकी जानकारी मिलने पर लोगों द्वारा बड़ी सावधानी से उनके शरीर के कपड़ा काटकर धीरे-धीरे हटाया गया. जिससे किसान की जान बची.
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