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बदल जाएगी दशाश्वमेध घाट संग इन घाटों की तस्वीर, जानें क्या है फ्यूचर प्लान

Beautification of Banaras ghats: बनारस के फेमस घाटों की सौंदर्यीकरण करने को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है.

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बनारस के फेमस घाटों का होगा सौंदर्यीकरण (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 10:49 AM IST

वाराणसी: 'घाट बनारसिया'. इसे आपने बहुत बार फिल्मी गानों में सुना होगा. ये बनारस के घाट सिर्फ बनारस ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी प्रसिद्ध हैं. घरेलू पर्यटक वाराणसी के घाटों पर घूमने और गंगा आरती देखने के लिए तो आते ही हैं. साथ ही, विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बड़ी मात्रा में रहती है. ऐसे में वाराणसी पर्यटन विभाग पर्यटन सुविधाओं को लगातार बढ़ा रहा है. वहीं, अब विभाग बनारस के फेमस घाटों का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही उन्हें आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने जा रहा है, जिसको लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है.

बनारस, धार्मिक नगरी होने के साथ ही देश का बड़ा पर्यटन केंद्र भी बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2014 में यहां से सांसद बनने के बाद ही कायाकल्प ऐसा हुआ, कि हर कोई एक बार बनारस जरूर घूमना चाहता है. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. गंगा जी के घाटों पर बड़ी मात्रा में लोग मौजूद रहते हैं, जो नौका विहार करते हैं और गंगा आरती भी देखने आते हैं. ऐसे में अब इन घाटों को पर्यटकों के लिए और भी सुंदर बनाने का काम किया जाएगा. इसके लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है.

इसे भी पढ़े-लखनऊ में हनुमान सेतु से पिपरा घाट तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण शुरू, दिसंबर 2025 में काम होगा खत्म

घाटों पर होंगी ये व्यवस्थाएं: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, वाराणसी घाटों के लिए जाना जाता है. बड़ी संख्या में पर्यटक बनारस के घाटों पर आते हैं. इन्हीं घाटों के रेनोवेशन की कार्ययोजना पर्यटन विभाग की ओर से बनाई गई है. इस साल के कार्यक्रम में दशाश्वमेध घाट, राजघाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, जैन घाट आदि को रेनोवेट करने का काम किया जाएगा. इसमें घाटों पर टूटे पत्थरों की मरम्मत, बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था, सोलर लाइट की व्यवस्था की जाएगी. पर्यटकों की आसानी के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं की जाएंगी.

शासन के पास भेजी जाएगी प्रोजेक्ट रिपोर्ट: आरके रावत ने बताया, कि घाटों के सौंदर्यीकरण का काम किया जाना है. जीर्णोद्धार का कार्य किया जाना है. इसका आकलन यूपीपीसीएल के माध्यम से किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल है. आर्किटेक्ट ने इसकी साइट विजिट कर ली है. और डीपीआर तैयार किया जा रहा है. जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को शासन के पास भेजने के साथ ही स्वीकृति कराई जाएगी. रावत ने बताया, कि शासन की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद रेनोवेशन का काम तेज गति से शुरू कर देंगे, जिससे पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें.

पीएम मोदी ने दी थी पर्यटन योजनाओं की सौगात: देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को काशी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने काशी के लोगों को 3,200 करोड़ से अधिक की 16 विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी. इन परियोजनाओं में पर्यटन से जुड़ी परियोजनाएं भी शामिल थीं. सारनाथ में पर्यटन सुविधाओं का पुनर्विकास, बाणासुर मंदिर एवं गुरुधाम मंदिर में पर्यटन विकास कार्य- टाउन हॉल-शॉपिंग कॉम्पलेक्स का लोकार्पण किया गया. वहीं, नगरीय क्षेत्र में 20 पार्कों का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्विकास के कार्यों का भी लोकार्पण इसी दिन किया गया था.


यह भी पढ़े-बनारस की गंगा आरती का यहां हो रहा गलत इस्तेमाल, काशी की कमेटियां भड़की, ये मांग उठाई...

वाराणसी: 'घाट बनारसिया'. इसे आपने बहुत बार फिल्मी गानों में सुना होगा. ये बनारस के घाट सिर्फ बनारस ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी प्रसिद्ध हैं. घरेलू पर्यटक वाराणसी के घाटों पर घूमने और गंगा आरती देखने के लिए तो आते ही हैं. साथ ही, विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बड़ी मात्रा में रहती है. ऐसे में वाराणसी पर्यटन विभाग पर्यटन सुविधाओं को लगातार बढ़ा रहा है. वहीं, अब विभाग बनारस के फेमस घाटों का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही उन्हें आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने जा रहा है, जिसको लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है.

बनारस, धार्मिक नगरी होने के साथ ही देश का बड़ा पर्यटन केंद्र भी बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2014 में यहां से सांसद बनने के बाद ही कायाकल्प ऐसा हुआ, कि हर कोई एक बार बनारस जरूर घूमना चाहता है. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. गंगा जी के घाटों पर बड़ी मात्रा में लोग मौजूद रहते हैं, जो नौका विहार करते हैं और गंगा आरती भी देखने आते हैं. ऐसे में अब इन घाटों को पर्यटकों के लिए और भी सुंदर बनाने का काम किया जाएगा. इसके लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है.

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घाटों पर होंगी ये व्यवस्थाएं: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया कि, वाराणसी घाटों के लिए जाना जाता है. बड़ी संख्या में पर्यटक बनारस के घाटों पर आते हैं. इन्हीं घाटों के रेनोवेशन की कार्ययोजना पर्यटन विभाग की ओर से बनाई गई है. इस साल के कार्यक्रम में दशाश्वमेध घाट, राजघाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, जैन घाट आदि को रेनोवेट करने का काम किया जाएगा. इसमें घाटों पर टूटे पत्थरों की मरम्मत, बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था, सोलर लाइट की व्यवस्था की जाएगी. पर्यटकों की आसानी के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं की जाएंगी.

शासन के पास भेजी जाएगी प्रोजेक्ट रिपोर्ट: आरके रावत ने बताया, कि घाटों के सौंदर्यीकरण का काम किया जाना है. जीर्णोद्धार का कार्य किया जाना है. इसका आकलन यूपीपीसीएल के माध्यम से किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट की कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल है. आर्किटेक्ट ने इसकी साइट विजिट कर ली है. और डीपीआर तैयार किया जा रहा है. जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को शासन के पास भेजने के साथ ही स्वीकृति कराई जाएगी. रावत ने बताया, कि शासन की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद रेनोवेशन का काम तेज गति से शुरू कर देंगे, जिससे पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें.

पीएम मोदी ने दी थी पर्यटन योजनाओं की सौगात: देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को काशी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने काशी के लोगों को 3,200 करोड़ से अधिक की 16 विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी. इन परियोजनाओं में पर्यटन से जुड़ी परियोजनाएं भी शामिल थीं. सारनाथ में पर्यटन सुविधाओं का पुनर्विकास, बाणासुर मंदिर एवं गुरुधाम मंदिर में पर्यटन विकास कार्य- टाउन हॉल-शॉपिंग कॉम्पलेक्स का लोकार्पण किया गया. वहीं, नगरीय क्षेत्र में 20 पार्कों का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्विकास के कार्यों का भी लोकार्पण इसी दिन किया गया था.


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