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घर बैठे वेतन पा रहीं धनबाद के आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका! जानें, पूरा मामला - Anganwadi Center Closed

Anganwadi center inspection in Dhanbad. धनबाद के निरसा में स्कूल पूर्व शिक्षा और कुपोषण से लड़ने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना की गई थी. लेकिन जिला के एग्यरकुंड प्रखंड स्थित एक आंगनबाड़ी केंद्र एक साल से बंद पड़ा है. इस कारण न तो बच्चों की स्वास्थ्य की देखभाल हो पा रही है और साथ ही बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा से वंचित हो रहे हैं.

Anganwadi Center Closed
धनबाद एग्यरकुंड प्रखंड के बाउरी टोला का आंगनबाड़ी केंद्र. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 5, 2024, 6:32 PM IST

धनबाद, निरसाः जिले के एग्यरकुंड प्रखंड की गोपालपुर पंचायत के बाउरी टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पिछले एक वर्ष से बंद पड़ा है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने बीडीओ से की थी. जानकारी मिलने के बाद सोमवार को एग्यरकुंड बीडीओ मधु कुमारी औचक निरीक्षण करने आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच गईं. इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति को देखकर आश्चर्य जताया.

आंगनबाड़ी केंद्र के औचक निरीक्षण के दौरान जानकारी देतीं बीडीओ मधु कुमारी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

ग्रामीणों ने की थी बीडीओ से शिकायत

मौके पर आसपास के ग्रामीणों ने बीडीओ को बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र एक साल से बंद है. साथ ही महिला पर्यवेक्षिका ने बीडीओ को बताया कि आंगनबाड़ी सेविका की दिमागी हालत ठीक नहीं है. कुछ कहने पर गाली-गलौज पर उतारू हो जाती हैं. इस कारण एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में बड़े-बड़े घास उग आए हैं.

ग्रामीणों की शिकायत पर जांच के लिए पहुंची बीडीओ

वहीं स्थिति देखकर पर बीडीओ ने फौरन मौके से ही सीडीपीओ से बात की और आंगनबाड़ी कोड नंबर 208 की सेविका और सहायिका के खिलाफ जांच कर मामले में कार्रवाई करने की बात कही. बीडीओ मधु कुमारी ने अचरज जताते हुए कहा कि यह आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों से बंद पड़ा है तो सेविका और सहायिका को सैलरी कैसे मिल रही है और उसका वाउचर कैसे भरा जा रहा है.

वरीय अधिकारी को दी जाएगी सूचना

उन्होंने कहा कि अगर आंगनबाड़ी संचालिका मेंटल हैं तो उसे हटाया जाना चाहिए और वरीय अधिकारियों की इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि आंगनबाड़ी केंद्र में अविलंब नई सेविका और सहायिका की बहाली हो सके और गांव के बच्चे किसी भी लाभ से वंचित न रह पाएं. अब देखना यह है कि ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है और बाउरी टोला के आंगनबाड़ी केंद्र में कब तक बच्चों की गूंज सुनाई देती है.

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आंगनबाड़ी केंद्र के औचक निरीक्षण के दौरान जानकारी देतीं बीडीओ मधु कुमारी. (वीडियो-ईटीवी भारत)

ग्रामीणों ने की थी बीडीओ से शिकायत

मौके पर आसपास के ग्रामीणों ने बीडीओ को बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र एक साल से बंद है. साथ ही महिला पर्यवेक्षिका ने बीडीओ को बताया कि आंगनबाड़ी सेविका की दिमागी हालत ठीक नहीं है. कुछ कहने पर गाली-गलौज पर उतारू हो जाती हैं. इस कारण एक साल से आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में बड़े-बड़े घास उग आए हैं.

ग्रामीणों की शिकायत पर जांच के लिए पहुंची बीडीओ

वहीं स्थिति देखकर पर बीडीओ ने फौरन मौके से ही सीडीपीओ से बात की और आंगनबाड़ी कोड नंबर 208 की सेविका और सहायिका के खिलाफ जांच कर मामले में कार्रवाई करने की बात कही. बीडीओ मधु कुमारी ने अचरज जताते हुए कहा कि यह आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों से बंद पड़ा है तो सेविका और सहायिका को सैलरी कैसे मिल रही है और उसका वाउचर कैसे भरा जा रहा है.

वरीय अधिकारी को दी जाएगी सूचना

उन्होंने कहा कि अगर आंगनबाड़ी संचालिका मेंटल हैं तो उसे हटाया जाना चाहिए और वरीय अधिकारियों की इसकी सूचना देनी चाहिए, ताकि आंगनबाड़ी केंद्र में अविलंब नई सेविका और सहायिका की बहाली हो सके और गांव के बच्चे किसी भी लाभ से वंचित न रह पाएं. अब देखना यह है कि ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है और बाउरी टोला के आंगनबाड़ी केंद्र में कब तक बच्चों की गूंज सुनाई देती है.

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