श्रीगंगानगर : राजस्थान सरकार की ओर से अनूपगढ़ जिले को रद्द करने के फैसले ने स्थानीय निवासियों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है. इस निर्णय के विरोध में अनूपगढ़ के लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं. जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन जोर पकड़ चुका है. संघर्ष समिति के आह्वान पर अनूपगढ़ की नई धान मंडी और मुख्य बाजार पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक अनूपगढ़ क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंप भी बंद रखने की घोषणा की गई है.
अनूपगढ़ की विधायक शिमला नायक ने कहा कि यह फैसला लोगों के लिए हानिकारक है. अनूपगढ़ का अंतिम छोर श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से करीब 250 किलोमीटर दूर है. इस दूरी के कारण लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सांसद कुलदीप इंदौरा ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. सांसद ने याद दिलाया कि अनूपगढ़ के लोगों ने इसे जिला बनाने के लिए वर्षों तक संघर्ष किया और जयपुर तक पदयात्रा भी की थी.
अनिश्चितकालीन धरना शुरू : कलेक्ट्रेट के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है. लोग सरकार से अनूपगढ़ को फिर से जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. इस धरने को आसपास की मंडियों का भी समर्थन मिल रहा है. लोगों का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती. उनका यह आंदोलन स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.