भरतपुरः जिले के बयाना में मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1) बयाना के कुर्की वारंट की पालना में क्लेम अवार्ड की राशि जमा नहीं करने पर बयाना तहसीलदार की गाड़ी कुर्क कर दी गई. न्यायालय के सहायक नाजिर राम अवतार गुप्ता ने तहसीलदार की सरकारी गाड़ी को कुर्क कर पुलिस कस्टडी में दिया. वाहन दुर्घटना में एक पैर गंवाने वाले परिवादी ने कोर्ट में याचिका पेश की थी.
क्लेम अवार्ड राशि हुई थी पारितः अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल ने बताया कि 17 नवंबर 2007 को गांव बमूरी थाना बयाना निवासी बनय सिंह की बाइक को दमदमा मोड़ पर एक बुग्घी ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना में परिवादी बनय सिंह का एक पैर कट गया था. पीड़ित बनय सिंह ने एडीजे कोर्ट (एमएसीटी) बयाना में क्लेम याचिका पेश की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं.-1 बयाना के तत्कालीन एडीजे कमल चंद नाहर ने 24 अगस्त 2012 को 4.50 लाख रुपए का अवार्ड पारित किया था. जिसमें टक्कर मारने वाले वाहन किसान बुग्घी को अवैध माना और सड़क पर उसके परिवहन को नहीं रोकने के लिए कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी को जिम्मेदार माना था.
इस पर मामले में अवार्ड राशि की एक तिहाई राशि भरतपुर कलेक्टर व जिला परिवहन अधिकारी, भरतपुर के द्वारा पीड़ित को अदा करने का आदेश पारित किया गया था. इसकी पालना कलेक्टर एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा नहीं किए जाने पर पीड़ित के अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल ने राशि की वसूली के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई. इस पर अपर जिला न्यायाधीश संख्या-1 बयाना सोनाली प्रशांत शर्मा ने उक्त दोनों विभागों के प्रतिनिधि तहसीलदार बयाना को अवार्ड की एक तिहाई राशि 1.50 लाख रुपए राशि जमा कराने के निर्देश दिए.
गाड़ी की कुर्की के दिए आदेशः इसके बाद भी राशि जमा नहीं करने पर बयाना तहसीलदार की गाड़ी की कुर्की कर वसूली के आदेश दिए. शनिवार को न्यायालय के सहायक नाजिर राम अवतार गुप्ता ने याची पीड़ित बनयसिंह के अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल की मौजूदगी में तहसीलदार की गाड़ी को कुर्क किया. गौरतलब है कि इसी मामले में 12 दिसंबर 2023 को भी तहसीलदार की गाड़ी को कुर्क किया गया था. 9 दिन तक गाड़ी कुर्क रहने के बाद तहसीलदार द्वारा एक माह में अवार्ड राशि अदा करने की अंडरटेकिंग देने पर गाड़ी को छोड़ दिया गया था. 9 माह बाद अवार्ड राशि जमा नहीं कराने पर अब कोर्ट ने फिर से कुर्की वारंट जारी किया है.