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आखिर चमगादड़ों की क्यों हो रही है मौत? भीषण गर्मी के कारण कई जीवों पर संकट - Bat Death In Jharkhand

Bat Death Case. झारखंड के पलामू और गढ़वा जिले में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. इससे कई जीव-जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है. वहीं, पिछले चार दिनों में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो चुकी है.

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चमगादड़ो की क्यों हो रही है मौत? (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 1, 2024, 6:00 PM IST

रांची: झारखंड का इलाका भीषण गर्मी की चपेट में है. झारखंड के पलामू और गढ़वा इलाके में रिकॉर्ड तापमान के आंकड़े दर्ज किए जा रहे हैं. गढ़वा इलाके में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. पिछले चार दिनों में झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार और रांची के इलाके में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हुई है. चमगादड़ के अलावा अन्य पक्षियों की भी मौत हुई है.

इस भीषण गर्मी में चमगादड़ों की मौत का पहला मामला गढ़वा के इलाके से आया था. आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौत हो रही है. इस बीच गढ़वा और लातेहार के प्रशासन ने मरे हुए चमगादड़ों का सैंपल लिया और जांच के लिए भेजा दिया गया. जांच के बाद मौत का वास्तविक कारण निकल कर सामने आएगा.

भीषण गर्मी को सहन नहीं कर पा रहे हैं चमगादड़

दरअसल, चमगादड़ की अन्य पक्षियों की तरह पंख नहीं होते है, पंख की जगह झिल्ली लगी हुई रहती है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव का कहना है कि भीषण गर्मी में तापमान को चमगादड़ सहन नहीं कर पा रहे हैं. उनके पंखों को नुकसान हो रहा है और वे नीचे गिर जा रहे हैं, जिस कारण उनकी मौत हो रही है.

वन्य प्राणी विशेषज्ञ का कहना है कि चमगादड़ों को बचाने के लिए पेड़ों पर पानी की छिड़काव की जरूरत है. चमगादड़ जिस पेड़ पर रहते हैं उसे चिन्हित कर पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि बढ़ते तापमान का असर कम हो सके. दिन में चमगादड़ के अनुश्रवण क्षमता कम होती है, जिस कारण वे अपना ठिकाना नहीं बदल पाते है और ऐसे में दिन की गर्मी उनके लिए जानलेवा बन रही है.

प्रशासन ने लोगों से मृत चमगादड़ों के संपर्क में नहीं आने की अपील

वन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी ने लोगों से अपील किया है कि मृत चमगादड़ों को न छुए और न ही उनके संपर्क में आए. मृत चमगादड़ों के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा हो सकता है. लातेहार के डीएफओ रौशन कुमार ने बताया कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, लोग इससे संक्रमित भी हो सकते है. उन्होंने बताया कि मृत चमगादड़ों को जलाया गया है.

ये भी पढ़ें: गढ़वा के बाद हजारीबाग में भी सैकड़ों चमगादड़ों की मौत, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

ये भी पढ़ें: गिरिडीह के बगोदर में दो दिनों से लगातार हो रही चमगादड़ों की मौत, पशु विभाग जमा करेगा सैंपल

रांची: झारखंड का इलाका भीषण गर्मी की चपेट में है. झारखंड के पलामू और गढ़वा इलाके में रिकॉर्ड तापमान के आंकड़े दर्ज किए जा रहे हैं. गढ़वा इलाके में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. पिछले चार दिनों में झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार और रांची के इलाके में सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हुई है. चमगादड़ के अलावा अन्य पक्षियों की भी मौत हुई है.

इस भीषण गर्मी में चमगादड़ों की मौत का पहला मामला गढ़वा के इलाके से आया था. आशंका जताई जा रही है कि भीषण गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौत हो रही है. इस बीच गढ़वा और लातेहार के प्रशासन ने मरे हुए चमगादड़ों का सैंपल लिया और जांच के लिए भेजा दिया गया. जांच के बाद मौत का वास्तविक कारण निकल कर सामने आएगा.

भीषण गर्मी को सहन नहीं कर पा रहे हैं चमगादड़

दरअसल, चमगादड़ की अन्य पक्षियों की तरह पंख नहीं होते है, पंख की जगह झिल्ली लगी हुई रहती है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ प्रोफेसर डीएस श्रीवास्तव का कहना है कि भीषण गर्मी में तापमान को चमगादड़ सहन नहीं कर पा रहे हैं. उनके पंखों को नुकसान हो रहा है और वे नीचे गिर जा रहे हैं, जिस कारण उनकी मौत हो रही है.

वन्य प्राणी विशेषज्ञ का कहना है कि चमगादड़ों को बचाने के लिए पेड़ों पर पानी की छिड़काव की जरूरत है. चमगादड़ जिस पेड़ पर रहते हैं उसे चिन्हित कर पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए ताकि बढ़ते तापमान का असर कम हो सके. दिन में चमगादड़ के अनुश्रवण क्षमता कम होती है, जिस कारण वे अपना ठिकाना नहीं बदल पाते है और ऐसे में दिन की गर्मी उनके लिए जानलेवा बन रही है.

प्रशासन ने लोगों से मृत चमगादड़ों के संपर्क में नहीं आने की अपील

वन विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी ने लोगों से अपील किया है कि मृत चमगादड़ों को न छुए और न ही उनके संपर्क में आए. मृत चमगादड़ों के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा हो सकता है. लातेहार के डीएफओ रौशन कुमार ने बताया कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, लोग इससे संक्रमित भी हो सकते है. उन्होंने बताया कि मृत चमगादड़ों को जलाया गया है.

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