बस्ती: उत्तर प्रदेश में इन दिनों जहां सरकार के विरोध में सरकारी स्कूल के शिक्षक आमने-सामने हैं, तो वहीं दूसरी ओर बस्ती से एक ऐसी हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आप भी यह कहेंगे कि सरकार जिन गुरुजी को मोटी रकम देकर गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय भेजती है, वही गुरुजी आते तो एकदम ठीक समय पर हैं लेकिन, डिजिटल हाजिरी लगाने के बाद ऐसा लगता है कि वह स्कूल तक आ गए यही बहुत है. वह स्कूल आते-आते इतने थक जाते हैं कि नींद के आगोश में चले जाते हैं. यूपी के बस्ती से सामने आई तस्वीर को तो देखकर यही लगता है.
दरअसल बस्ती जनपद के सल्टौवा ब्लॉक से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्कूल में पढाने वाले गुरुजी की पोल खोल दी है. यह हाल तब है जब सरकारी गुरुजी और उत्तर प्रदेश सरकार में डिजिटल हाजिरी को लेकर आपस में तनातनी है, जिसको लेकर सरकारी टीचर इन दोनों इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन, सरकार है कि वह बैकफुट पर जाने को तैयार नहीं है.
सरकार के सख्त रवैए के बाद थक हारकर ऐसे गुरुजी को अब स्कूल की चौखट पर जाने की जहमत उठानी पड़ रही है. अब आलम यह है कि कामचोर शिक्षक को घर से स्कूल आने में इतनी मेहनत करनी पड़ रही है कि वह घर से स्कूल आते आते थक जा रहे हैं.
चौकिए नहीं यह बात 16 आने सच है, क्योंकि बस्ती जनपद के परसा पुरई गांव में पड़ने वाले प्राइमरी स्कूल से एक सरकारी अध्यापक जिनका नाम नवीन कुमार बताया जा रहा है, उनके आलस्यपने का वीडियो उनकी करतूत और सरकारी शिक्षकों की पोल खोल रहा है.
प्राइमरी के सहायक अध्यापक नवीन कुमार पर मानो इन दिनों डिजिटल हाजिरी पहाड़ बनकर टूटा है. ऐसा इसलिए क्योंकि गुरुजी घर से चलते तो हैं बच्चों को ज्ञान का पाठ पढ़ाने लेकिन स्कूल पहुंचते-पहुंचते वह इतने थक जाते हैं कि क्लास को वह बेडरूम समझ वहां पड़े बेंच पर बड़ी ही आराम से नींद की आगोश में चले जाते हैं. उनकी नींद का कार्यक्रम अभी और चलता लेकिन भला हो ग्रामीणों का जिन्होंने गुरु जी की इस कुम्भकर्णी नींद को अपने मोबाइल में कैद कर लिया.
सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसको देखते हुए अब लोग सरकारी शिक्षकों की जमकर खिल्ली उड़ा रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार अगर ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था ना करती तो कम से कम यह शिक्षक अपने घर में तो सो पाते लेकिन खैर सरकार तो सरकार ठहरी सरकारी शिक्षक डाल-डाल तो सरकार पात-पात चल रही है.
फिलहाल वायरल हो रहे इस वीडियो से एक बात तो साफ है कि सरकारी शिक्षक जिस डिजिटल हाजिरी का विरोध कर रहे हैं, असल में सरकार ऐसे ही नकारे शिक्षकों पर ऑनलाइन हाजिरी करके उन पर नकेल कसने की कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अगर सरकार के दबाव में ऐसे शिक्षक विद्यालय आ भी गए तो भी वह इस कदर कुम्भकर्णी नींद में सोएंगे तो देश के नौनिहालों का भविष्य तो मानो चौपट ही है.
वहीं इस पूरे मामले पर जब हमने जिले के बेसिक शिक्षा के मुखिया अनूप कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि वीडियो संज्ञान में आया है. इस पर जांच करके आरोपी सही से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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