बस्ती : कुछ दिनों से चर्चा में बने बस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमाशंकर दुबे का नाता नए विवाद से जुड़ गया है. सीएमओ ने फर्जी नियुक्ति मामले में शासन की ओर से भेजे गए आरोप पत्र का जवाब दिया है. इसमें उन्होंने सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. सीएमओ का कहना है कि जब उन्होंने सैकड़ों नियुक्तियां फर्जी तरीके से कर दीं तो 6 महीने तक उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा उन्हें बजट क्यों भेजता रहा. सीएमओ का दावा है कि नियुक्ति शासनादेश के अनुसार है. उन पर जो आरोप लगाया गया है वह पूरी तरीके से निराधार हैं.
बस्ती जनपद के सीएमओ के खिलाफ एक स्पष्टीकरण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के वित्त नियंत्रक ने भेजा है. इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि बस्ती जनपद के सीएमओ डॉ. आरएस दुबे ने मनमानी तरीके और शासन से बिना अनुमोदन लिए ही 120 नियुक्तियां कर दी हैं.
सीएमओ डाॅ. रामशंकर दूबे ने इस पत्र पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जो भी नियुक्तियां की है वह शासन के नियमों के अनुसार हैं. फिर भी उनसे स्पष्टीकरण मांग लिया गया. इसलिए उन्हें ऐसा लगता है कि शासन के लोगों को कुछ भ्रम पैदा हो गया है. शासन को यह भी नहीं पता कि नियुक्तियां कितनी हुई हैं. पत्र का जिक्र करते हुए सीएमओ ने कहा कि उनके द्वारा मात्र 80 नियुक्तियां की गईं. शासन से 120 की जानकारी भेजी जा रही है जो कि सरासर गलत और भ्रामक है.
भाजपा के क्षेत्रीय कार्य समिति सदस्य विजय द्विवेदी और आरटीआई कार्यकर्ता दिलशाद ने शासन में बस्ती सीएमओ के भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोल रखा है. इस पर सीएमओ का कहना है कि पैसे के लालच में ये लोग ऐसा कर रहे हैं. शिकायत करने वाले विजय द्विवेदी और दिलशाद का कहना है कि नियुक्ति की तारीख में हेराफेरी करके वह सीएमओ बने अब फर्जी तरीके से नियुक्ति भी कर रहे हैं. मामले की जांच कराई जानी चाहिए.
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