बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शिक्षण सत्र शुरू हुए करीब एक सप्ताह भी नहीं बीता और उससे पहले पोटाकेबिन में लापरवाही देखने को मिल रही है. शनिवार को कन्या आवासीय आश्रम तारलागुडा की मलेरिया से पीड़ित छात्रा की इलाज के दौरान मौत हुई थी. वहीं आज दूसरे ही दिन संगमपल्ली स्थित पोटाकेबिन की छात्रा की भी बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 30 घंटे के भीतर 2 छात्राओं की मौत से परिजनों और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है.
इलाज के दौरान बच्ची की मौत : संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा वैदिका जव्वा को बेहोशी की हालत में बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया था. उसकी स्थति नाजुक बनी हुई थी, जिसे देखने बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय, जिला पंचायत सीईओ और एसडीएम भी अस्पताल पहुंचे थे. कलेक्टर ने डॉक्टरों को बेहतर उपचार के निर्देश दिए. बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए जगदलपुर रेफर करने की भी तैयारी की जा रही थी, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई.
"बच्ची मलेरिया से पीड़ित थी. कल बेहोशी कि हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया." - डॉक्टर, बीजापुर जिला अस्पताल
संगमपल्ली पोटाकेबिन में तीन और बच्चे बीमार : शिक्षा विभाग के तमाम दावों के बीच पोटाकेबिन अधीक्षकों की लापरवाही सामने आ रही है. भोपालपटनम ब्लॉक में 30 घंटे में दूसरी घटना हैं. संगमपल्ली पोटाकेबिन में और तीन बच्चे मलेरिया से पीड़ित बताए जा रहे हैं. इसकी जानकारी डीएमसी ने दी है. मलेरिया से हुई दो बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला हरकत में आ गया है.
"आज पोटाकेबिन में मलेरिया दवाई का छिड़काव कराया जा रहा है. वहीं आरबीएसके स्वास्थ्य टीम पोटाकेबिन के बच्चों का स्वास्थ्य प्रशिक्षण कर रही है. 78 बच्चों का मलेरिया टेस्ट किया गया है, जिसमें से एक बच्ची सुष्मिता दुम्पा का सैम्पल मलेरिया पॉजिटिव आया, उनका इलाज चल रहा है." - डॉ चलपति राव, बीएमओ
शनिवार को हुई थी पहली बच्ची की मौत : इसी तरह कन्या आवासीय आश्रम तारलागुडा में लापरवाही से एक तीसरी कक्षा की छात्रा की मौत मलेरिया से हो गई. छात्रा की तबीयत खराब थी, लेकिन पोटा केबिन अधीक्षिका ने उपचार कराने के बजाए उसे परिजनों को सौंप दिया. समय पर उपचार नहीं होने से छात्रा की मौत हो गई. छात्रा चंदूर गांव की रहने वाली थी. इस पूरे घटना से शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है. मलेरिया से हुई छात्रा कि मौत पर उनके परिजनों को गहरा सदमा लगा है.
187 बच्चों की मलेरिया रिपोर्ट आई पॉजिटिव: गंगालूर पोटाकेबिन सहित बीजापुर ब्लॉक के आश्रमों में 187 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं. इनमें से 20 बच्चों को गंगालूर में भर्ती कराया गया है जहां सभी का इलाज जारी है. बीते तीन दिनों में दो बच्चों की जान मलेरिया से जा चुकी है. आरोप है कि बच्चों के आश्रम में मलेरिया की दवा का छिड़काव नहीं किया गया जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा. बीमारी बढ़ने के बाद भी हेल्थ कैंप नहीं लगाए गए. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार स्थिति गंभीर होती जा रही है.
कांग्रेस विधायक का सिस्टम पर सवाल: बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी ने मलेरिया से बच्ची की मौत पर दुख जताया है, शाह ने कहा कि इलाज और व्यवस्था में लापरवाही के चलते बच्ची की मौत हुई. विधायक ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल बस यहां के लोगों के लिए रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है.
''आदिवासी बच्चों की मौत पर लापरवाह अफसरों पर गाज गिरनी चाहिए. मौतों को रोकने में नाकाम साबित होने पर मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. परिवार को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए''. - विक्रम शाह मंडावी, कांग्रेस विधायक, बीजापुर