जगदलपुर: बस्तर में सेवा निवृत्ति हुए कर्मचारियों की पीपीओ जारी करने में बस्तर जिला आदर्श बन गया है. बस्तर जिले में सेवानिवृत हो रहे कर्मचारी के पेंशन प्रकरण का निराकरण उनके सेवा समाप्ति के साथ पूरा हो रहा है. छत्तीसगढ़ में बस्तर इस दिशा में सबसे तेज काम करने वाला जिला बन चुका है. बीते 8 महीनों से लगातार रिटायर होने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दिन ही उनका पीपीओ दे दिया जाता है. जिससे ठीक अगले महीने से उनका पेंशन प्रकरण तैयार होता है और उन्हें अगले महीने से ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है.
दफ्तरों के चक्कर काटने से मिला निजात: आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद अपने ही दफ्तरों में पेंशन प्रकरण कंप्लीट करवाने के लिए कर्मचारियों को चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने इस मामले में पहल करते हुए सभी विभागों को रिटायर होने से पहले कर्मचारियों के सभी प्रकरण पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना करना ना पड़े. जिले के ट्रेजरी ऑफिसर प्रत्येक रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को पीपीओ देकर सम्मानित करते हैं.
रिटायरमेंट के काफी दिक्कतों का सामना उनको करना पड़ता है. इस कारण तत्काल पीपीओ देने का एक फैसला बस्तर जिले ने लिया और यह काम सफल हो रहा है. अभी तक 300 से अधिक लोगों को तत्काल पीपीओ दिया गया. इसके अलावा पेंशनर संघ से भी लगातार मिलकर उनकी समस्याओं और सुझावों को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है. इससे कर्मचारी काफी खुश हैं. - विजय दयाराम,कलेक्टर, बस्तर
सेवा निवृत्त कर्मचारी मथुरा प्रसाद तिवारी ने बताया, "सालों तक सेवा देने के बाद अब रिटायरमेंट ले रहे हैं. बस्तर जिला ही एक ऐसा जिला है, जहां सेवा निवृत्त के दिन ही उन्हें वेतन प्राधिकार पत्र दिया जाता है. हम अपने आप को सौभाग्यशाली कर्मचारी मानते हैं, जिन्हें ऐसे जिले के अधिकारी मिले. इससे पहले नहीं मिलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन बस्तर जिले की स्थिति अलग है. यहां अगले ही महीने से पेंशन मिलना शुरू हो जाता है, जिसके कारण आर्थिक व पारिवारिक कठिनायों का सामना नहीं करना पड़ता है."
बस्तर कलेक्टर ने गाया "आमी आऊं बस्तरिया": बस्तर के सेवा निवृत्त कर्मचारी इस पहल को एक अच्छी शुरुआत बता रहे हैं. उनका मानना है कि ये निरंतर रहनी चाहिए. क्योंकि पेंशन समय पर नहीं मिलने से परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने सभी सेवानिवृत्त लोगों की मांग को देखते हुए उनके बीच हल्बी गीत, जो उन्होंने बस्तर को लेकर गाया था, "आमी आऊं बस्तरिया" गीत भी गाया.