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इस बसंत पंचमी पर बरसेगी मां सरस्वती की कृपा, इस विधि से करें पूजा-अर्चना

Basant Panchami on 14th February: इस बार 14 फरवरी को बसंत पंचमी है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और भक्त को विद्या और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं. पढ़िए पूरी खबर...

मां सरस्वती
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 6:33 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 7:15 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष उल्लेख है. बसंत पंचमी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा आराधना की जाती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा लेकर श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थी और बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. वही बसंत पंचमी से ही सर्दी की ऋतु खत्म होती है और बसंत से ही आगामी त्योहारों की शुरुआत होती है.

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस साल 13 फरवरी को दोपहर 2:41 मिनट पर पंचमी तिथि शुरू हो रही है. इसका समापन 14 फरवरी को दोपहर 12:35 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 14 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7:01 से लेकर दोपहर 12:35 तक रहेगा.

आचार्य दीप कुमार शर्मा का कहना है कि श्रद्धालु बसंत पंचमी के दिन सफेद या पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करें. मां सरस्वती की पूजा में गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. इसके अलावा छात्र भी मां सरस्वती की वंदना करें. ताकि उन्हें विद्या और ज्ञान की प्राप्ति हो सके.

ये भी पढ़ें: देव आस्था के आगे बौने साबित हुए बर्फ से लदे पहाड़, 40 KM का सफर तय कर चेत गांव पहुंचा देवता शैट्टी का रथ

कुल्लू: सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष उल्लेख है. बसंत पंचमी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा आराधना की जाती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा लेकर श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थी और बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. वही बसंत पंचमी से ही सर्दी की ऋतु खत्म होती है और बसंत से ही आगामी त्योहारों की शुरुआत होती है.

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस साल 13 फरवरी को दोपहर 2:41 मिनट पर पंचमी तिथि शुरू हो रही है. इसका समापन 14 फरवरी को दोपहर 12:35 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 14 जनवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7:01 से लेकर दोपहर 12:35 तक रहेगा.

आचार्य दीप कुमार शर्मा का कहना है कि श्रद्धालु बसंत पंचमी के दिन सफेद या पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करें. मां सरस्वती की पूजा में गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. इसके अलावा छात्र भी मां सरस्वती की वंदना करें. ताकि उन्हें विद्या और ज्ञान की प्राप्ति हो सके.

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Last Updated : Feb 10, 2024, 7:15 PM IST
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