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नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा की तैयारियां जोरों पर, यहां देखें पदयात्रा का पूरा कार्यक्रम - NARMADA PANCHKOSHI PARIKRAMA

मां नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा पदयात्रा 11 दिसंबर से शुरू हो रही है. समिति ने श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन जारी की है.

Narmada Panchkoshi Parikrama
नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा की तैयारियां जोरों पर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 8:06 PM IST

बड़वानी : मां नर्मदा पंचकोशी पदयात्रा समिति द्वारा शुलपाणी झाड़ी की 136वीं 5 दिवसीय पदयात्रा 11 दिसंबर से शुरू होगी. इस दौरान 5 दिन तक बड़वानी व धार जिले के 50 से अधिक तटीय क्षेत्रों से परिक्रमावासी गुजरेंगे. यात्रा में बड़वानी, धार, खरगोन जिले सहित अन्य स्थानों के बड़ी संख्या में यात्री शामिल होंगे. यात्रा बड़वानी जिला मुख्यालय के समीप नर्मदा बैकवाटर किनारे शुरू होगी.

पहले दिन ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान

यात्रा संचालक शंकर सिंह कोंचे ने बताया कि पहले दिन 11 दिसंबर को ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान कर राजघाट से परिक्रमावासी बड़वानी कृषि मंडी आएंगे. यहां भोजन कर कल्याणपुरा मुख्य मार्ग से होकर जमदाबेड़ी पिछोडी बसाहट होकर पालिया बसाहट में रात्रि विश्राम होगा. दूसरे दिन 12 दिसंबर को सुबह स्नान ओंकार ध्वजा पूजन आरती के बाद सोंदूल पुनर्वास मार्ग से भामटा होते हुए जांगरवा में प्रवेश होगा. भोजन प्रसादी लेकर नाव घाट से पार होकर मेघनाथ तीर्थ धार जिले में यात्रा का प्रवेश व आश्रम मंदिर दर्शन कर पिपरीपुरा दुर्गा मंदिर दर्शन चंदनखेड़ी होते हुए नवादपुरा कोणदा में प्रवेश होगा. यहां स्वल्पाहार कर हेलादड़ होते हुए भंवरिया में प्रवेश रात्रि विश्राम होगा.

नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा पहले दिन ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान (ETV BHARAT)

चौथे दिन ग्राम मलवाड़ा में होगा रात्रि विश्राम

तीसरे दिन 13 दिसंबर को ओंकार ध्वजा आरती बाद धुलसर मार्ग से कटनेरा होते हुए प्राचीन सिद्ध क्षेत्र व अंबे मां के दर्शन गेबीनाथ मठ आश्रम (स्वामी महंत 108 रामदास त्यागीजी) द्वारा स्वल्पाहार होगा. प्रसादी ग्रहण कर निसरपुर में प्रवेश कर मंदिरों के दर्शन, कड़माल सांई मंदिर में रात्रि विश्राम होगा. चौथे दिन 14 दिसंबर को ओंकार ध्वजा पूजन आरती के बाद यात्रा कड़माल ग्राम पुराने चिखल्दा मार्ग शक्कर फैक्ट्री से नर्मदा नगर में प्रवेश करेगी. ग्रामवासियों के सहयोग से स्वल्पाहार चाय ग्रहण कर सड़क मार्ग से सौडल बाबा मंदिर चारभुजा मंदिर, गजाननजी महाराज बालीपुर आश्रम दर्शन कर यात्रा ग्राम मलवाड़ा में रात्रि विश्राम होगा.

क्या सावधानी रखनी होगी यात्रियों को

पांचवें दिन 15 दिसंबर को पश्चिम दिशा से सोडल बाबा मार्ग नर्मदा पुल से यात्रा ग्राम कसरावद में मां अंबिका आश्रम दर्शन और मां रेवा के युवा संगठन द्वारा तक्षक नाग मंदिर दर्शन व स्वल्पाहार कर मुख्य सडक़ मार्ग से बड़ा भीलट मंदिर दर्शन बीटीआई सडक़ मार्ग से मंडी होते हुए राजघाट पहुंचेंगे. यहां स्नान, ध्वज पूजन व आरती के बाद प्रसादी वितरण के साथ यात्रा संपन्न होगी. समिति ने परिक्रमा करने वालों से आह्वान किया है कि नर्मदा में बैकवॉटर अधिक होने से स्नान सावधानी पूर्वक करें या केवल नर्मदा दर्शन करें. बच्चे व वृद्ध यात्रा में शामिल न हों तो अच्छा. मां नर्मदा की स्वच्छता का ध्यान रखें. ठंड के कारण साथ में गर्म कपड़े व कंबल के साथ ही बिछौना व टॉर्च साथ रखें.

बड़वानी : मां नर्मदा पंचकोशी पदयात्रा समिति द्वारा शुलपाणी झाड़ी की 136वीं 5 दिवसीय पदयात्रा 11 दिसंबर से शुरू होगी. इस दौरान 5 दिन तक बड़वानी व धार जिले के 50 से अधिक तटीय क्षेत्रों से परिक्रमावासी गुजरेंगे. यात्रा में बड़वानी, धार, खरगोन जिले सहित अन्य स्थानों के बड़ी संख्या में यात्री शामिल होंगे. यात्रा बड़वानी जिला मुख्यालय के समीप नर्मदा बैकवाटर किनारे शुरू होगी.

पहले दिन ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान

यात्रा संचालक शंकर सिंह कोंचे ने बताया कि पहले दिन 11 दिसंबर को ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान कर राजघाट से परिक्रमावासी बड़वानी कृषि मंडी आएंगे. यहां भोजन कर कल्याणपुरा मुख्य मार्ग से होकर जमदाबेड़ी पिछोडी बसाहट होकर पालिया बसाहट में रात्रि विश्राम होगा. दूसरे दिन 12 दिसंबर को सुबह स्नान ओंकार ध्वजा पूजन आरती के बाद सोंदूल पुनर्वास मार्ग से भामटा होते हुए जांगरवा में प्रवेश होगा. भोजन प्रसादी लेकर नाव घाट से पार होकर मेघनाथ तीर्थ धार जिले में यात्रा का प्रवेश व आश्रम मंदिर दर्शन कर पिपरीपुरा दुर्गा मंदिर दर्शन चंदनखेड़ी होते हुए नवादपुरा कोणदा में प्रवेश होगा. यहां स्वल्पाहार कर हेलादड़ होते हुए भंवरिया में प्रवेश रात्रि विश्राम होगा.

नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा पहले दिन ओंकार पूजन और नर्मदा स्नान (ETV BHARAT)

चौथे दिन ग्राम मलवाड़ा में होगा रात्रि विश्राम

तीसरे दिन 13 दिसंबर को ओंकार ध्वजा आरती बाद धुलसर मार्ग से कटनेरा होते हुए प्राचीन सिद्ध क्षेत्र व अंबे मां के दर्शन गेबीनाथ मठ आश्रम (स्वामी महंत 108 रामदास त्यागीजी) द्वारा स्वल्पाहार होगा. प्रसादी ग्रहण कर निसरपुर में प्रवेश कर मंदिरों के दर्शन, कड़माल सांई मंदिर में रात्रि विश्राम होगा. चौथे दिन 14 दिसंबर को ओंकार ध्वजा पूजन आरती के बाद यात्रा कड़माल ग्राम पुराने चिखल्दा मार्ग शक्कर फैक्ट्री से नर्मदा नगर में प्रवेश करेगी. ग्रामवासियों के सहयोग से स्वल्पाहार चाय ग्रहण कर सड़क मार्ग से सौडल बाबा मंदिर चारभुजा मंदिर, गजाननजी महाराज बालीपुर आश्रम दर्शन कर यात्रा ग्राम मलवाड़ा में रात्रि विश्राम होगा.

क्या सावधानी रखनी होगी यात्रियों को

पांचवें दिन 15 दिसंबर को पश्चिम दिशा से सोडल बाबा मार्ग नर्मदा पुल से यात्रा ग्राम कसरावद में मां अंबिका आश्रम दर्शन और मां रेवा के युवा संगठन द्वारा तक्षक नाग मंदिर दर्शन व स्वल्पाहार कर मुख्य सडक़ मार्ग से बड़ा भीलट मंदिर दर्शन बीटीआई सडक़ मार्ग से मंडी होते हुए राजघाट पहुंचेंगे. यहां स्नान, ध्वज पूजन व आरती के बाद प्रसादी वितरण के साथ यात्रा संपन्न होगी. समिति ने परिक्रमा करने वालों से आह्वान किया है कि नर्मदा में बैकवॉटर अधिक होने से स्नान सावधानी पूर्वक करें या केवल नर्मदा दर्शन करें. बच्चे व वृद्ध यात्रा में शामिल न हों तो अच्छा. मां नर्मदा की स्वच्छता का ध्यान रखें. ठंड के कारण साथ में गर्म कपड़े व कंबल के साथ ही बिछौना व टॉर्च साथ रखें.

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