लखनऊ: बरेली में सीरियल किलर को गिरफ्तार करने पर एसपी बरेली अनुराग आर्य, अतीक के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर करने वाले डिप्टी एसपी एसटीएफ विमल कुमार और ढाई लाख के इनामी अपराधी आदित्य राणा को मार गिराने वाले हेड कांस्टेबल अरुण कुमार को मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से नवाजा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका ऐलान ध्वजारोहण के बाद किया है.
बरेली के सीरियल किलर को IPS अनुराग किया था गिरफ्तार: उत्तर प्रदेश के बरेली में 14 महीने में 9 महिलाओं की हत्या की गई. इन महिलाओं की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच थी. इसके खुलासे के लिए बीते दिनों बरेली एसपी अनुराग आर्य ने एक टीम बनाई और आरोपी कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया. कुलदीप महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता था और जब वह मना करतीं तो उनकी दुपट्टे या फिर साड़ी से गला कसकर हत्या कर देता था. इस सीरियल किलर को गिरफ्तार करने में बरेली एसपी अनुराग आर्य ने अहम भूमिका निभाई थी.
कौन हैं IPS अनुराग आर्य : मूल रूप से बागपत के रहने वाले अनुराग आर्य वर्ष 2013 बैच के आईपीएस हैं. सबसे पहले 2019 को अनुराग को मऊ की कमान सौंपी गई थी. अनुराग आर्य ने मुख्तार अंसारी और मुख्तार गिरोह से जुड़े लोगों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की थी. इसके बाद उन्हें आजमगढ़ और फिर बरेली जिले का एसपी बनाया गया है.
असद का एनकाउंटर करने वाले DSP को भी सम्मान: फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या करने में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम को 13 अप्रैल 2023 को झांसी में यूपी एसटीएफ की टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया था. असद का एनकाउंटर करने वाली टीम में विमल कुमार सिंह डीएसपी एसटीएफ भी शामिल थे.इन्हे भी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से नवाजा गया है.
कौन हैं डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह : मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले विमल कुमार सिंह वर्ष 2018 बैच के पीपीएस अफसर हैं. 4 फरवरी 2019 को उन्हें डिप्टी एसपी के पद पर प्रमोशन मिला था. विमल 2022 में STF यूनिट में शामिल हुए थे. फिलहाल विमल STF की लखनऊ यूनिट में तैनात हैं.
जांच आयोग की रिपोर्ट में भी असद का इनकाउंटर Real : बता दें कि इसी अगस्त में ही न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट भी आई है, जिसमें कहा गया कि 15 अप्रैल 2023 को अतीक-अशरफ की हत्या में सरकार-पुलिस का कोई हाथ नहीं था. वहीं लोचन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि असद समेत चार आरोपियों का एनकाउंटर Real था. आयोग की रिपोर्ट विधान सभा के पटल पर रखी गई थी. दोनों मामलों में गठित किए गए लोचन न्यायिक आयोग व भोसले आयोग ने मीडिया, पुलिस समेत कई विभागों के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाव भी दिए.
झांसी में STF ने असद और गुलाम को किया था ढेर : यूपी एसटीएफ ने असद और गुलाम को झांसी में मार गिराया था. दोनों उमेश पाल हत्याकांड में शामिल थे. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था. यूपी एसटीएफ की टीम दोनों को मध्य प्रदेश की सीमा से घेर कर झांसी में लाई थी. इसके बाद यहां हुई मुठभेड़ में दोनों इनामी मारे गए. बताया जाता है कि अतीक के पुराने करीबी ने गुलाम और असद अहमद को पनाह दी थी. इस बीच पुलिस के हत्थे असद के दो मददगार लग गए. पूछताछ में एसटीएफ को असद की लोकेशन मिल गई. झांसी में एनकाउंटर से पहले पुलिस ने गुलाम और असद को सरेंडर करने को कहा था. पुलिस का दावा है कि असद और गुलाम ने एसटीएफ पर गोलीबारी कर दी. जवाब में हुई फायरिंग में दोनों मारे गए. एसटीएफ ने असद के पास से मोटर साइकिल, विदेशी हथियार, बुलडॉग रिवाल्वर के साथ भारी मात्रा में गोलियां बरामद करने का दावा किया.
वीरता पदक पाने वाले पुलिसकर्मी : बता दें कि इसी के साथ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूपी पुलिस के 17 जाबाजों को वीरता पदक से नवाजा गया है. इसमें 9 यूपी STF के अफसर व कर्मी हैं. इसमें डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, अनिल कुमार हेड कांस्टेबल, हरि ओम कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह, विपिन कुमार कांस्टेबल, ज्ञानेंद्र कुमार राय इंस्पेक्टर, अनिल कुमार सिंह इंस्पेक्टर, सुनील कुमार हेड कांस्टेबल, सुशील कुमार हेड कांस्टेबल, राजीव चौधरी इंस्पेक्टर, जसवीर सिंह सब इंस्पेक्टर, रईस अहमद हेड कांस्टेबल, अरुण कुमार कांस्टेबल और अजय कुमार कांस्टेबल के नाम शामिल हैं.