ETV Bharat / state

30 दिन का काम, 17 दिन की पगार, कुछ तो किजिए साय सरकार - Barefoot technicians

Barefoot Technicians Spilling Pain छत्तीसगढ़ के शासकीय विभाग में कर्मचारियों को एक अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है.कर्मचारियों की माने तो काम तो पूरे महीने भर करते हैं.लेकिन वेतन 17 दिन का मिलता है.यदि कोई महीने भर काम ना करे तो उस पर इतना दबाव डाला जाता है कि वो अपना काम छोड़कर चला जाता है.Demands increase in salary

Barefoot technicians are not getting full salary
30 दिन का काम, 17 दिन की पगार (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 17, 2024, 7:19 PM IST

रायपुर : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा अंतर्गत श्रम आयुक्त दर पर कार्यरत बेयरफुट तकनीशियन (बी.एफ.टी.) ने 17 दिन से बढ़ाकर मासिक आधार पर वेतन भुगतान किए जाने की मांग की है.कर्मचारियों की माने तो उनसे 30 दिन काम लिया जाता है, लेकिन वेतन 17 दिनों का मिलता है. ये सारा काम विभागीय अधिकारी कर रहे हैं.

कई कर्मचारियों ने छोड़ी नौकरी : कर्मचारियों के मुताबिक अधिकारियों की मनमानी की वजह से कुछ कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी है. प्रदेश भर में करीब 500 बेयरफुट तकनीशियन (बी.एफ.टी.) की भर्ती की गई थी. लेकिन अधिकारियों की मनमानी और एक महीने काम करने के बाद 17 दिन का वेतन देने के कारण लगभग 100 लोगों ने नौकरी छोड़ दी है. वर्तमान में लगभग 400 लोग काम कर रहे हैं.

30 दिन का काम, 17 दिन की पगार
तकनीशियन संघ ने शासन से की मांग (ETV Bharat Chhattisgarh)

'बीएफटी तकनीशियन से 30 दिनों का काम लिया जा रहा है.लेकिन पैसा सिर्फ 17 दिनों का मिल रहा है.इस बारे में हम कई जगह पर अपनी मांगों को रख चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.'- नंद कुमार साहू,मीडिया प्रभारी, छत्तीसगढ़ बेयरफुट तकनीशियन

कुछ तो किजिए साय सरकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

कम वेतन में कैसे होगा गुजारा: आपको बता दें कि कर्मचारियों को महीने भर काम करने के बाद 17 दिन के वेतन के रूप में लगभग 7531 रुपए मिलते हैं. उनके कार्य क्षेत्र की बात की जाए तो वो 80 से 100 किलोमीटर और कई जगहों पर 120 किलोमीटर दूर है.लेकिन कम वेतन मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है.

शिकायत के बाद नहीं निकला समाधान : ऐसा नहीं है कि कर्मचारियों ने इसकी शिकायत किसी से ना की हो.पूर्व की कांग्रेस सरकार से लेकर अभी की बीजेपी सरकार के अफसरों से लेकर नेताओं तक कर्मचारियों ने अपनी मांग रखी है. लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नही हो सका है. हर बार कर्मचारियों को सिर्फ आश्वासन मिला है.

बालोद के तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहे हैं रेत माफिया
कांकेर के दूध नदी में रेत खनन का खेल, रात के अंधेरे में जेसीबी से हो रही खुदाई
Sand Mafia In Baloda bazar : सरकारी आदेश को खनन माफिया दिखा रहे ठेंगा, रोक के बावजूद रेत का अवैध खनन

रायपुर : पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा अंतर्गत श्रम आयुक्त दर पर कार्यरत बेयरफुट तकनीशियन (बी.एफ.टी.) ने 17 दिन से बढ़ाकर मासिक आधार पर वेतन भुगतान किए जाने की मांग की है.कर्मचारियों की माने तो उनसे 30 दिन काम लिया जाता है, लेकिन वेतन 17 दिनों का मिलता है. ये सारा काम विभागीय अधिकारी कर रहे हैं.

कई कर्मचारियों ने छोड़ी नौकरी : कर्मचारियों के मुताबिक अधिकारियों की मनमानी की वजह से कुछ कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी है. प्रदेश भर में करीब 500 बेयरफुट तकनीशियन (बी.एफ.टी.) की भर्ती की गई थी. लेकिन अधिकारियों की मनमानी और एक महीने काम करने के बाद 17 दिन का वेतन देने के कारण लगभग 100 लोगों ने नौकरी छोड़ दी है. वर्तमान में लगभग 400 लोग काम कर रहे हैं.

30 दिन का काम, 17 दिन की पगार
तकनीशियन संघ ने शासन से की मांग (ETV Bharat Chhattisgarh)

'बीएफटी तकनीशियन से 30 दिनों का काम लिया जा रहा है.लेकिन पैसा सिर्फ 17 दिनों का मिल रहा है.इस बारे में हम कई जगह पर अपनी मांगों को रख चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.'- नंद कुमार साहू,मीडिया प्रभारी, छत्तीसगढ़ बेयरफुट तकनीशियन

कुछ तो किजिए साय सरकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

कम वेतन में कैसे होगा गुजारा: आपको बता दें कि कर्मचारियों को महीने भर काम करने के बाद 17 दिन के वेतन के रूप में लगभग 7531 रुपए मिलते हैं. उनके कार्य क्षेत्र की बात की जाए तो वो 80 से 100 किलोमीटर और कई जगहों पर 120 किलोमीटर दूर है.लेकिन कम वेतन मिलने के कारण उनके सामने आर्थिक समस्या पैदा हो गई है.

शिकायत के बाद नहीं निकला समाधान : ऐसा नहीं है कि कर्मचारियों ने इसकी शिकायत किसी से ना की हो.पूर्व की कांग्रेस सरकार से लेकर अभी की बीजेपी सरकार के अफसरों से लेकर नेताओं तक कर्मचारियों ने अपनी मांग रखी है. लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नही हो सका है. हर बार कर्मचारियों को सिर्फ आश्वासन मिला है.

बालोद के तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहे हैं रेत माफिया
कांकेर के दूध नदी में रेत खनन का खेल, रात के अंधेरे में जेसीबी से हो रही खुदाई
Sand Mafia In Baloda bazar : सरकारी आदेश को खनन माफिया दिखा रहे ठेंगा, रोक के बावजूद रेत का अवैध खनन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.