बाराबंकी : आठ वर्ष पूर्व बीएसएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रहे सौतेले भाई की शादी वाले दिन दिनदहाड़े हत्या के मामले में आरोपी भाइयों को दोषी करार देते हुए बाराबंकी की अदालत ने आजीवन कारावास और 22-22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर-2 अनिल कुमार शुक्ला ने बुधवार को सुनाया.
एडीजीसी रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि नगर कोतवाली के कानून गोयान निवासी वादी विकास रस्तोगी उर्फ विक्की ने 25 नवंबर 2016 को नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि सुबह 9 बजे वादी अपने छोटे भाई अविनाश रस्तोगी उर्फ मनु के साथ घंटाघर धनोखर रोड पर सामान लेने के लिए गया था. उसी वक्त उसके सौतेले भाई विवेक रस्तोगी उर्फ दीपू और विकास रस्तोगी उर्फ छोटू अपने-अपने हाथ में तमंचा व रिवाल्वर पिस्टल लेकर आए और वादी के छोटे भाई अविनाश पर फायर करने लगे. इस पर वादी का भाई भागा तो उन लोगों ने दौड़ाकर उसे गोलियां मार दीं. गोलियां लगने से वादी का भाई गिर पड़ा. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अभियोजन के मुताबिक अविनाश की शादी उसी दिन 25 नवंबर 2016 को होनी थी. अविनाश की शादी आरोपी विकास रस्तोगी उर्फ छोटू की साली से होनी थी. आरोपी विकास नहीं चाहता था कि अविनाश उसकी साली से शादी करे और उसने अविनाश से मना किया था कि वह उसकी साली से शादी न करे वरना वह उसको जान से मार देगा.
वादी की तहरीर पर नगर कोतवाली में आरोपी विकास रस्तोगी उर्फ छोटू और विवेक रस्तोगी उर्फ दीपू पुत्रगण शिवकुमार रस्तोगी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 506 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. तत्कालीन विवेचक भगवती प्रसाद यादव द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर दोनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. अभियोजन द्वारा 12 गवाह पेश किए गए. अभियोजन और बचाव पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाहों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने आरोपियों विकास रस्तोगी उर्फ छोटू और विवेक रस्तोगी उर्फ दीपू को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास और प्रत्येक को 22-22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
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