बांका: आज यानी 25 जनवरी को बांका डीएम अंशुल कुमार को 'बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिसेज अवार्ड 2024' से सम्मानित किया जाएगा. उनको राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ जिला निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में चुना गया है. जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी. जिसमें बताया गया कि डीएम ने कुशलता और नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए एक बार फिर से राज्य में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है.
सर्वश्रेष्ठ जिला निर्वाचन पदाधिकारी बने अंशुल: हाल ही में राज्यस्तरीय बेस्ट इलेक्टोरल प्रैक्टिसेज अवार्ड 2024 के अंतर्गत 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर बांका जिलाधिकारी को बेस्ट डीईओ अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. पटना के अधिवेशन भवन होने वाले राज्यस्तरीय समारोह में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया जाएगा. लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान डीएम ने न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को पूरी सफलता के साथ संपन्न कराया, बल्कि इसे वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी एक मिसाल बना दिया.
अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मिसाल: डीएम अंशुल कुमार ने पूरे बिहार राज्य में सबसे कम खर्चे में निर्वाचन का संचालन कर एक अनूठा उदाहरण पेश किया था. उनकी नेतृत्व क्षमता, सुव्यवस्थित योजना और टीम प्रबंधन के कारण लोकसभा चुनाव में बांका प्रभावी और पारदर्शी व्यवस्था के लिए पूरे राज्य में प्रशंसा का पात्र बना. डीएम की यह उपलब्धि न केवल इस जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह पूरे राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी है.
चुनौती को अवसर में बदला: आईएएस अंशुल कुमार ने अपने उत्कृष्ट कार्य और समर्पण से यह साबित कर दिया कि जब नेतृत्व सही दिशा में हो तो चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है. बांका संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस उपलब्धि को जो बात अलग बनाती है, वह यह है कि मतदाताओं और मतदान कर्मियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं के संबंध में कोई समझौता नहीं किया गया. रसद से लेकर कर्मचारियों के पारिश्रमिक तक हर आवश्यक प्रावधान सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना पूरा किया गया.
चुनाव के दौरान वित्तीय अनुशासन बनाए रखा: इसके अलावा यह उजागर करना महत्वपूर्ण है कि 2024 के चुनाव के लिए कुल व्यय लोकसभा 2019 के आम चुनाव के समान है. मतदान कर्मियों के पारिश्रमिक में उल्लेखनीय वृद्धि, वाहन मुआवजे में वृद्धि और समग्र मुद्रास्फीति को देखते हुए यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इन परिस्थितियों में ऐसा वित्तीय अनुशासन बनाये रखना, लागत प्रभावी और जिम्मेदार चुनावी प्रबंधन के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कौन हैं अंशुल कुमार?: उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अंशुल कुमार ने 2015 में यूपीएससी एग्जाम में 293वीं रैंक हासिल की थी. उस साल उनका सेलेक्शन इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में भी हुआ था, उनकी रैंक 97वीं थी. उससे पहले 2014 में एसएससी एग्जाम क्लीयर कर वह एक्साइज इंस्पेक्टर बने थे. गाजियाबाद में पले-बढ़े अंशुल कुमार ने प्रयागराज से बीटेक किया है.
ये भी पढ़ें: बिहार की सोनी करेंगी राष्ट्रपति के साथ डिनर, गणतंत्र दिवस समारोह के लिए दिल्ली रवाना