भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिला के खरीक थाना क्षेत्र के चौराहा गांव में सीएसपी संचालक ने डेढ़ दर्जन गांवों के सैकड़ों महिला पुरुषों के साथ फर्जीवाड़ा करते हुए बैंक अकाउंट से सारा पैसा साफ कर दिया है. फिलहाल बैंक के अधिकारी इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच में जुटे हैं.
भागलपुर में CSP संचालक ने की लाखों की ठगी: दरअसल नवगछिया के खरीक थाना क्षेत्र अंतर्गत चोरहर गांव में बैंक ऑफ बरोदा के ग्राहक सेवा केंद्र के जरिये लोगों ने पाई पाई जोड़कर खाते में पैसे जमा किये थे. किसी ने 50 हजार, किसी ने 30 हजार, किसी ने 20 हजार रखे थे. किसी ने अपनी बेटी की शादी के लिए तो किसी ने मवेशी खरीदने के लिए पैसे जमा किए थे.
"मेरी बहन का खाता यहां था, मवेशी खरीदने के लिए लोन लिया था. 30000 रुपये खाते में था,उस पैसे से भैंस खरीदते लेकिन अब खाते में मात्र 1500 बता रहा है."- गुलशन शर्मा, पीड़ित
'खेती का पैसा बैंक में रखा था': पीड़िता सविता देवी को भी चूना लगाया गया है. उनका कहना है कि पति विकलांग है, देख नहीं सकता है. मेहनत कर सारा पैसा बैंक में रखते थे. अब बैंक से ही पैसा गायब हो गया.
"पहले खाता में 56000 था, अभी कुछ नहीं है. खाते की जब जांच करवाई तो खाते से पैसा गायब मिला.पति काम धंधा नहीं कर पाता विकलांग है, जिस वजह से खेती का पैसा यहां रखते थे. अब सारा पैसा लेकर भाग गया."- सविता देवी, पीड़िता
'बेटी की शादी के लिए रखे थे पैसे': वहीं गौरी मंडल पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घरबार सब जल गया इसलिए पैसा सुरक्षित रखने के लिए बैंक में रख दिया, लेकिन अब बैंक से ही पैसा गायब हो गया है. उन्होंने बताया कि मेरी बेटी शादी योग्य है. घर पर एक बूढ़ी मां है. पैसों की सख्त जरूरत है और खाते से ही पैसा गायब हो गया. कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या करे.
"बेटी के शादी के लिए 2 लाख से अधिक पैसा रखा था, अभी 300 रुपये ही है. सभी पैसा मेरा लेकर भाग गया. घर में पैसा रखने से चोरी हो जाने और जल जाने का डर था इसीलिए बैंक में रख दिए थे, लेकिन यहां पर भी मेरे साथ धोखा हो गया."- गौरी मंडल, पीड़ित
सीएसपी संचालक परिवार संग फरार: लोगों के फर्जी तरीके से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट लेकर उनके खाता से रुपयों की निकासी कर ली गयी है. 100 से ज्यादा खाता से 40 लाख रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा हुआ है. इधर, फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ होने की भनक लगते ही बैंक आफ बड़ौदा का सीएसपी संचालक प्रवीण कुमार मेहता अपनी पत्नी और स्वजनों के साथ फरार हो गया.
'ब्रांच में नहीं हो रहा था जमा निकासी': वहीं पीड़ित मनोहर मंडल का आरोप है कि अगर ब्रांच में जमा निकासी किया जाता तो इतना बड़ा कांड नहीं होता. लोगों को अपने अकाउंट की जानकारी मिलती रहती, लेकिन उनका कहना है कि जब भी ब्रांच जाते तो लोगों को टालमटोल कर वापस कर दिया जाता था.
"इस बैंक में मेरी बेटी और पत्नी के नाम से दो अलग-अलग खाता था. दोनों खाते से पैसा गायब है. यदि ब्रांच में जमा निकासी होता तो इस तरह का कांड नहीं होता."- मनोहर मंडल, पीड़ित
बैंक की मिली भगत का ग्रामीणों का आरोप: ग्राहक सेवा केंद्र टिन के बने घर में संचालित था. यहां खरीक के चोरहर, भवनपुरा, राघोपुर, रतनपुरा, कहारपुर, मैरचा समेत डेढ़ दर्जन गांव के लोगों का खाता था. इधर पीड़ितों का कहना है कि जो हुआ है वह बैंक कर्मियों के मिलीभगत से हुआ है. जब भी पासबुक अपडेट करवाने जाते थे किसी न किसी बहाने से बैंक से निकाल दिया जाता था.
पासबुक अपडेट कराने के दौरान ठगी का खुलासा: पासबुक अपडेट कराने के दौरान खाता धारकों को पता चला कि किसी के खाता में सिर्फ 500 तो किसी में 1 हजार तो किसी के खाते में 200 रुपये ही शेष बचे हैं. पीड़ितों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. थाना पहुचकर पीड़ितों ने शिकायत की. पुलिस ने जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है.
बायोमेट्रिक के जरिए किया गया फर्जीवाड़ा: पिछले कई दिनों से खातों से सीएससी संचालक प्रवीण कुमार मेहता अपनी पत्नी और परिवार के लोगों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट लेकर अवैध तरीके से पैसे की निकासी कर रहा था और कुल 40 लाख रुपये निकासी की गई है. इधर खाताधारकों को इसकी भनक तब लगी जब वह पासबुक अपडेट करवाने गये.
मामले की जांच की मांग: ग्रामीणों का कहना है कि काफी मेहनत से पैसे जमा करके रखे थे. प्रवीण मेहता लेकर फरार हो गया. अब सवाल यह है कि जहां लाखों का ट्रांजेक्शन ग्राहक सेवा केंद्र में किया जाता है, वहां कौन सी सुरक्षा देखकर लाइसेंस निर्गत किया गया था. इसकी बारीकी से जांच हो तो बड़ा खुलासा हो सकता है.
बैंक मैनेजर का बयान: वहीं ब्रांच मैनेजर हरिओम कुमार से जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने इस मामले के बारे में जानकारी लिया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि हम लोग बयान देने के लिए अधिकृत नहीं है. अपने सीनियर को सीएसपी संचालक के ऊपर एफआईआर करने के लिए मेल कर दिया है और जैसे ही आदेश आता है, मैं एफआईआर दर्ज कराऊंगा.
"कुछ लोग खाताधारक हमारे ब्रांच में पहुंचे थे, जिन्होंने अपनी समस्या से मुझे अवगत कराया. वह लोग काफी संख्या में थाना भी पहुंचे. सीएससी संचालक पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लेकिन बैंक की तरफ से उच्च अधिकारी के आदेश पर ही प्राथमिक दर्ज करेंगे. जहां तक होगा प्रयास करेंगे क्योंकि गलत तो हुआ है."- हरिओम कुमार,ब्रांच मैनेजर
'40 लाख से ज्यादा का लगा है चूना': वहीं हरिओम कुमार ने कहा कि अभी हम लोग पूरे राशि का आंकलन कर रहे हैं. अनुमानित तो कुछ नहीं बताया जा सकता है, लेकिन 40 लाख से ज्यादा राशि की हेराफेरी हुई है. फिलहाल सीएसपी संचालक पूरे परिवार के साथ गांव से फरार है.