गोरखपुर: जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में कूटरचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी कर बैंक को 4 करोड़ 45 लाख रुपये से अधिक की चपत लगा दी गई. इसकी शिकायत जब पुलिस तक पहुंची तो छानबीन की गई. पुलिस ने धोखाधड़ी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. साथ ही गबन की पूरी पटकथा का खुलासा किया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक की ओर से धोखाधड़ी के संबंध में थाना शाहपुर में प्रार्थना पत्र दिया गया था. बताया गया कि रियाज और शरुफ नाम के दो व्यक्ति गणेशपुरम नकहा न. एक के निवासी हैं. अगस्त 2023 में बालाजीपुरम राप्तीनगर में निर्मित मकान और प्लाट को बंधक रखकर बैंक से 4 करोड़ 45 लाख रुपये का गृह ऋण लिया. लोन की वसूली की कार्यवाही के दौरान पते पर बैंक द्वारा जाकर देखा गया तो वहां ताला लगा था. मकान पर रमेन्द्रनाथ तिवारी के नाम की नेमप्लेट लगी थी.
पुलिस कप्तान ने बताया कि पड़ोसियों से मकान के संबंध में पूछा गया तब पुष्टि हुई कि रियाज नाम का कोई भी व्यक्ति मकान में नहीं रहता है. मकान मालिक ने मकान को किराये पर दिया है. बैंक की जांच में पाया गया कि रियाज के लोन की पैरवी अन्य ऋणकर्ता अर्चना पांडेय और रुद्रांश पांडेय द्वारा की गई थी. जिस सम्पत्ति पर रियाज द्वारा लोन पास कराया गया था वह रुद्रांश के पिता राजेश पांडेय के नाम पर पाई गई. रियाज के नाम पर खोले गए बचत खाते में लोन की राशि ट्रांसफर करने के बाद एक सप्ताह के अन्दर रुद्रांश की मां अर्चना के केनरा बैंक के खाता में स्थानान्तरित कर दी गई थी. ऋण प्राप्त करने के समय प्रस्तुत किए गए पैनकार्ड, आधारकार्ड, आईटीआर, जीएसटीन उद्यम आधार नंबर व अन्य दस्तावेजों को जांच के दौरान अवैध और कूटरचित पाया गया.
पुलिस कप्तान ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत किया गया है. घटना में अन्य लोगों की संलिप्तता के सम्बन्ध में गहनता से जांच की जा रही है. रुद्रांश पांजेय को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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