संभल : शाही जामा मस्जिद का 4 दिन बाद दोबारा सर्वे शुरू हुआ तो बवाल हो गया. सर्वे करने के लिए पहुंची टीम के मस्जिद में घुसने के बाद जमा भीड़ हिंसक हो गई. कुछ ही देर में पुलिस फोर्स पर पथराव होने लगा. हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इसके बाद आंसू गैस के गोले भी दागे गए. लेकिन उपद्रव बढ़ता ही गया. पथराव में सीओ-इंस्पेक्टर, एसपी के गनर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के भी पैर में चोट लगी है. जबकि कई पुलिसकर्मियों की गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के साथ कार में आग लगा दी गई. इस मामले में करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. जबकि एसपी के पैर में भी चोट लगी है. वहीं एसपी का कहना है कि उपद्रवियों को बख्शेंगे नहीं, उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी.मुरादाबाद मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की.
सुबह 7.30 बजे शाही जामा मस्जिद का फिर से सर्वे करने के लिए रविवार को एडवोकेट कमीशन रमेश राघव, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता गोपाल शर्मा, प्रिंस शर्मा, विष्णु शर्मा पहुंचे. वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली के अलावा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोग भी साथ रहे. जबकि मौके पर डीएम डॉक्टर राजेंद्र सिंह पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई सहित भारी तादाद में पुलिस फोर्स मौके पर तैनात हो गई. मस्जिद तक जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी, ताकि भीड़ न जुटे, लेकिन ये उपाय नाकाफी हुए.
तनाव भरे माहौल में लोग शाही जामा मस्जिद के पास जुटने लगे. सर्वे शुरू होने के कुछ देर बाद ही बवाल शुरू हो गया. हजारों की तादात में लोग जुटे लोगों ने देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया. पुलिस फोर्स को पथराव पर लाठीचार्ज करना पड़ा. हालात को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. फिर भी भीड़ हिंसक बनी रही. उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों की बाइकें फूंक दीं. पथराव में एसपी के पैर में भी चोट आई. इसके साथ ही सीओ-इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने किसी तरह हालात काबू में किए.
उपद्रवियों पर लगेगा NSA : एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि पुलिस को टारगेट बनाकर पथराव किया गया. कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मेरे भी पैर में चोट लगी है. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को निशाना बनाया गया है. पास ही दूसरी बाइक और अन्य गाड़ियां खड़ी थीं लेकिन उपद्रवियों ने उनको नुकसान नहीं पहुंचाया. कहा कि माहौल खराब करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे. इन सभी की शिनाख्त कर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. मौके पर शांति व्यवस्था बहाल है.
डीजीपी बोले- पत्थरबाजों पर होगी कार्रवाई : इस घटना को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी प्रशांत कुमार ने पत्थरबाजों पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. सोशल मीडिया साइट एक्स पर बयान जारी करते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों के तहत संभल में सर्वे कराया जा रहा था. इस दौरान अराजक तत्वों की ओर से पत्थर फेंके गए. मौके पर पुलिस व विभाग के आलाधिकारी मौजूद हैं. स्थिति को कंट्रोल में ले लिया गया है. पत्थरबाजों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाएगी.
याचिका पर कोर्ट ने दिया था आदेश: हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया था. उसी दिन सर्वे भी हुआ, जिसके बाद सियासी घमासान भी मच गया. बता दें कि इस मामले में 26 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है, जबकि अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
शाही जामा मस्जिद का सर्वे पूरा: संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वे आज रविवार को पूरा हो गया. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सर्वे के बाद कहा कि एडवोकेट कमिश्नर इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे. मस्जिद में फोटो और वीडियो लिए गए हैं. बताया कि सुबह 7.30 से 10 बजे तक सर्वे हुआ. इसके साथ ही अधिवक्ता ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
एक दिन पहले सपा सांसद के पिता सहित 48 लोगों पर पुलिस ने की थी कार्रवाई : शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के बीच प्रशासन ने एक दिन पहले शनिवार को ही समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क को 10 लाख रुपए के मुचलके से पाबंद किया था. इसके अलावा जिले के 46 अन्य लोगों को भी पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद किया गया. एसडीएम संभल डॉ वंदना मिश्रा के मुताबिक शांति व्यवस्था के मद्देनजर 48 लोगों के मुचलके भरे गए हैं. इनमें दो लोगों के खिलाफ 10-10 लाख के मुचलके पाबंद किए गए हैं. इनमें एक सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के पिता मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क और दूसरे समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष फिरोज खान शामिल हैं. इसके अलावा 46 लोगों के खिलाफ 5 - 5 लाख रुपये के मुचलके भरे गए हैं.
जुमे की नमाज में जुटी थी भारी भीड़: 19 नवंबर को संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा पेश होने के बाद अदालत ने कोर्ट कमीशन के आदेश दिए तो उसी दिन मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ. हालांकि सर्वे के दौरान काफी तादात में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए थे, मगर तब पुलिस प्रशासन और जामा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों ने लोगों को समझाकर शांत कराया था. वहीं 22 नवंबर को शुक्रवार जुमे की नमाज में करीब 3000 लोग मस्जिद में नमाज में शामिल हुए थे. जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए कई थानों की पुलिस फोर्स के अलावा PAC और RRF को लगाया गया था. इस बीच रविवार को एक बार फिर जामा मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ तो बवाल हो गया.
19 नवंबर को हो चुका है एक बार सर्वे: संभल की शाही जामा मस्जिद पहले 19 नवंबर को सर्वे हो चुका है. हिंदू पक्ष ने बीते 19 नवंबर को संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में वाद दायर किया. जिला कोर्ट में यह वाद सुबह 11 बजे दायर किया गया. दोपहर 1 बजे इस मामले में सुनवाई हुई. वहीं शाम 4 बजे कोर्ट कमिश्नर का आदेश हुआ. शाम 6 बजे कोर्ट कमिश्नर सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंचे. रात करीब 7.30 बजे सर्वे कर कोर्ट कमिश्नर बाहर आए.
हिंदू पक्ष ने याचिका में रखे ये साक्ष्य: शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर थी. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने ही मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ा गया. इसके अलावा बाबरनामा और आइने अकबरी को आधार बनाया गया. साथ ही ASI की करीब 150 साल पुरानी एक किताब को भी साक्ष्य के तौर पर शामिल किया है. हिंदू पक्ष ने शक संवत का हजारों साल पुराना एक नक्शा पेश किया है. कहना है कि यहां पर भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत से निशान मौजूद हैं. इसी को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी.
मस्जिद 500 साल पुरानी: पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है. यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी. संभल की जामा मस्जिद का उल्लेख बाबरनामा में मिलता है. संभल जामा मस्जिद के एडवोकेट जफर अली के मुताबिक 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण उनके पास हैं. उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को बेबुनियाद करार देते हुए दावा किया कि जामा मस्जिद किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई.
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संभल में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक सर्वेक्षण दल के पहुंचने पर पथराव की घटना पर कहा, " न्यायालय के आदेश का पालन करवाना ये सरकार और पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। उसका पालन करवाया जाएगा और जो… pic.twitter.com/peJvPealX3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2024
हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद: जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले वादी एवं केला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी कहना है कि उनके पास संभल का शक संवत 987 का हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद है. नक्शे में शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर के तौर पर मौजूद है. यही नहीं, हजारों साल प्राचीन नक्शे में संभल, तीर्थराज संभल के नाम से अंकित है. वहीं नक्शे में संभल के 68 तीर्थ और 19 कूप भी दर्शाए गए हैं.
पांच बीघे में बनी है मस्जिद: जामा मस्जिद लगभग पांच बीघे में बनी है. जुमे की नमाज के दौरान यहां करीब एक हजार लोग आते हैं. संभल सदर की कुल जनसंख्या करीब 6 लाख है. जिसमें 85 फीसदी आबादी मुस्लिम है. जबकि जिले की कुल आबादी करीब 25 लाख है, जिसमें 60 फीसदी आबादी हिंदू है.
सपा सांसद ने जताई थी नाराजगी: जुमे की नमाज अदा करने के बाद सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे. कहा था कुछ शरारती तत्व हैं, जो माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. वह लोग याचिका दायर कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. सर्वे करने का जो आदेश न्यायालय ने दिया है, उससे सहमत नहीं हैं. वह इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. पुलिस-प्रशासन पर भी नाराजगी जाहिर की थी. कहा था कि आखिर इतनी कड़ाई क्यों की जा रही है. कहा कि जामा मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी.