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डॉक्टरों के हाई ऑब्जरवेशन में 'छोटा भीम', पैर में है मल्टीपल फ्रैक्चर, जख्मों से भरी गर्दन

टाइगर छोटा भीम का इलाज शुरू हो गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लापता होने के 4 दिन बाद रेस्क्यू कर भोपाल लाया गया था.

CHHOTA BHEEM TIGER TREATMENT BEGINS
घायल बाघ का भोपाल में इलाज शुरू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 17 hours ago

भोपाल: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लापता हुए टाइगर 'छोटा भीम' का चार दिनों बाद रेस्क्यू कर लिया गया था. अब भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में उसका इलाज किया जा रहा है. दरअसल, उसके गले में एक पट्टा था जिस वजह से उसके गले के चारों तरफ गहरे घाव बन गए हैं. इसके अलावा उसके पैरों के निचले हिस्सों में कई जगह फ्रैक्चर भी पाया गया है. अंदेशा है कि किसी शिकारी ने उसका शिकार करने का प्रयास किया था, जिसकी वजह से वह जख्मी हो गया था.

एक दिन पहले ली थी अच्छी डाइट

सात वर्षीय नर बाघ छोटा भीम को 30 नवंबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू कर इलाज के लिए भोपाल के वन विहार लाया गया था. ट्रेकुलाइज करने के लिए बेहोश किए जाने के कारण वह ट्रॉमा में पहुंच गया था. हालांकि बाद में उसकी स्थिति में सुधार हुआ और उसने 10 किलो मीट खाया. इससे उसके ठीक होने की उम्मीद करीब 80 फीसदी बढ़ गई थी.

सीनियर वाइल्ड लाइफ डॉक्टर अतुल गुप्ता ने बताया "बाघ के घावों का उपचार कर दिया गया है. गले में फंदा लगा होने की वजह से उसके गले में गहरे घाव हो गए थे. डॉक्टर्स की टीम बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं."

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4 दिन के बाद कर लिया गया था रेस्क्यू

दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से छोटा भीम नामक यह टाइगर पिछले महीने लापता हो गया था. उसी दौरान टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों द्वारा बनाया गया एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें यह बाघ दिखा था, लेकिन उसके गले में एक फंदा था. इसके बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघ की तलाश शुरू की. उसके रेस्क्यू के लिए 5 हाथी और 80 से ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया था. 4 दिन की मशक्कत के बाद बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया था.

भोपाल: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लापता हुए टाइगर 'छोटा भीम' का चार दिनों बाद रेस्क्यू कर लिया गया था. अब भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में उसका इलाज किया जा रहा है. दरअसल, उसके गले में एक पट्टा था जिस वजह से उसके गले के चारों तरफ गहरे घाव बन गए हैं. इसके अलावा उसके पैरों के निचले हिस्सों में कई जगह फ्रैक्चर भी पाया गया है. अंदेशा है कि किसी शिकारी ने उसका शिकार करने का प्रयास किया था, जिसकी वजह से वह जख्मी हो गया था.

एक दिन पहले ली थी अच्छी डाइट

सात वर्षीय नर बाघ छोटा भीम को 30 नवंबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू कर इलाज के लिए भोपाल के वन विहार लाया गया था. ट्रेकुलाइज करने के लिए बेहोश किए जाने के कारण वह ट्रॉमा में पहुंच गया था. हालांकि बाद में उसकी स्थिति में सुधार हुआ और उसने 10 किलो मीट खाया. इससे उसके ठीक होने की उम्मीद करीब 80 फीसदी बढ़ गई थी.

सीनियर वाइल्ड लाइफ डॉक्टर अतुल गुप्ता ने बताया "बाघ के घावों का उपचार कर दिया गया है. गले में फंदा लगा होने की वजह से उसके गले में गहरे घाव हो गए थे. डॉक्टर्स की टीम बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं."

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4 दिन के बाद कर लिया गया था रेस्क्यू

दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से छोटा भीम नामक यह टाइगर पिछले महीने लापता हो गया था. उसी दौरान टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों द्वारा बनाया गया एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें यह बाघ दिखा था, लेकिन उसके गले में एक फंदा था. इसके बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बाघ की तलाश शुरू की. उसके रेस्क्यू के लिए 5 हाथी और 80 से ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया था. 4 दिन की मशक्कत के बाद बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया था.

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