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अब 3D मैप पर होगा बनारस, काशी का डिजिटल मैप हो रहा तैयार

काशी जल्द ही 3D मैप पर भी होगा. इसके लिए योगी सरकार काशी का डिजिटल मैप (kashi digital map) तैयार करा रही है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 10:38 AM IST

वाराणसी: योगी सरकार काशी का डिजिटल मैप (kashi digital map) बनवाने जा रही है. ये प्रतिरूप डिजिटल होगा और थ्री-डी रूप में दिखेगा. 3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन से एक-एक गली, प्रमुख स्थानों समेत पूरी काशी दिखेगी. थ्री डी जीआईएस से काशी के विकास का खाका आसानी से खींचा जा सकेगा. इससे मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाना आसान हो जाएगा. इसके अलावा बाढ़, क्राउड मैनेजमेंट के साथ ही सुरक्षा के लिए ये तकनीक बेहद कारगर साबित होगी.शहर के विकास के लिए काम करने वाली सरकारी संस्थाओं के एक क्लिक पर शहर का थ्री -डी मैप सामने होगा, जिससे विकास की रणनीति बनाना आसान होगा. वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा लाई जा रही इस योजना में सभी विभाग का समन्वय रहेगा.3-डी जीआईएस मैपिंग का काम जल, थल और नभ तीनों से होगा. इसके लिए सर्वे भी पहली फरवरी से शुरू हो गया है.


डिजिटल रूप में अब जल्द ही एक और काशी दिखाई देगी. इसमें बनारस का चप्पा-चप्पा दिखाई देगा. बनारस की संकरी गलियां हों, मंदिर या अन्य प्रमुख स्थल, सभी डिजिटल रूप में दिखाई देगा. वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि वाराणसी शहर के 160 वर्ग किलोमीटर का 3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन बनाए जाने का कार्य “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार)” तकनीकी के माध्यम से किया जाएगा.


3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन बनाए जाने से वाराणसी के विकास की योजना बनाने में काफी आसानी होगी. इसमें सड़कों से लेकर गलियों, छोटे और बड़े भवनों का नाप समेत एक-एक इंच का माप रहेगा, जिससे विकास की योजनाओं से जुड़ा कोई भी विभाग इस 3-डी मैपिंग के माध्यम से एक क्लिक से जगह की उपलब्धता, उपयोगिता कार्य की सुगमता आदि देख सकते हैं. इसके अलाव लो लैंड की पहचान कर जलजमाव से बचा सकता है. बाढ़ में पानी से डूबने वाली स्थानों की पहचान की जा सकेगी.

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज, जल प्रबंधन, यातायात, देव दीपावली समेत अन्य त्योहार या दूसरे मौके पर क्राउड मैनेजमेंट में मदद मिलेगी आग लगने पर रेस्क्यू, फायर एनओसी देने के लिए प्राथमिक निरीक्षण, विकास प्राधिकरण को भी योजना बनाने और अवैध निर्माणों, निगरानी, एनओसी आदि देने में मदद मिलेगी. इसके अलावा तहसील स्तर से बनने वाली योजनाओं और अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि देने में सहायक होगी.

हाल ही में वाराणसी निगम क्षेत्र का विस्तार हुआ था, जिसमें 90 की जगह 100 वार्ड हो गए हैं. नए विस्तारित क्षेत्रों में विकास की नई योजना बनाने में थ्री डी विज़न काफी कारगर साबित होगा. मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि 3 डी जीआईएस का काम जल्द ही शुरू होगा. इसके लिए एरियल व्यू के लिए एयरक्राफ्ट, ड्रोन, सड़कों पर गाड़िया, गलियों में बाइक, बैकपैक वॉकर्स आदि माध्यम से किया जाएगा. पूरा काम करीब 9 महीने में प्रस्तावित है.

वाराणसी: योगी सरकार काशी का डिजिटल मैप (kashi digital map) बनवाने जा रही है. ये प्रतिरूप डिजिटल होगा और थ्री-डी रूप में दिखेगा. 3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन से एक-एक गली, प्रमुख स्थानों समेत पूरी काशी दिखेगी. थ्री डी जीआईएस से काशी के विकास का खाका आसानी से खींचा जा सकेगा. इससे मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाना आसान हो जाएगा. इसके अलावा बाढ़, क्राउड मैनेजमेंट के साथ ही सुरक्षा के लिए ये तकनीक बेहद कारगर साबित होगी.शहर के विकास के लिए काम करने वाली सरकारी संस्थाओं के एक क्लिक पर शहर का थ्री -डी मैप सामने होगा, जिससे विकास की रणनीति बनाना आसान होगा. वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा लाई जा रही इस योजना में सभी विभाग का समन्वय रहेगा.3-डी जीआईएस मैपिंग का काम जल, थल और नभ तीनों से होगा. इसके लिए सर्वे भी पहली फरवरी से शुरू हो गया है.


डिजिटल रूप में अब जल्द ही एक और काशी दिखाई देगी. इसमें बनारस का चप्पा-चप्पा दिखाई देगा. बनारस की संकरी गलियां हों, मंदिर या अन्य प्रमुख स्थल, सभी डिजिटल रूप में दिखाई देगा. वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने बताया कि वाराणसी शहर के 160 वर्ग किलोमीटर का 3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन बनाए जाने का कार्य “लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार)” तकनीकी के माध्यम से किया जाएगा.


3-डी अर्बन स्पेशियल डिजिटल ट्विन बनाए जाने से वाराणसी के विकास की योजना बनाने में काफी आसानी होगी. इसमें सड़कों से लेकर गलियों, छोटे और बड़े भवनों का नाप समेत एक-एक इंच का माप रहेगा, जिससे विकास की योजनाओं से जुड़ा कोई भी विभाग इस 3-डी मैपिंग के माध्यम से एक क्लिक से जगह की उपलब्धता, उपयोगिता कार्य की सुगमता आदि देख सकते हैं. इसके अलाव लो लैंड की पहचान कर जलजमाव से बचा सकता है. बाढ़ में पानी से डूबने वाली स्थानों की पहचान की जा सकेगी.

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज, जल प्रबंधन, यातायात, देव दीपावली समेत अन्य त्योहार या दूसरे मौके पर क्राउड मैनेजमेंट में मदद मिलेगी आग लगने पर रेस्क्यू, फायर एनओसी देने के लिए प्राथमिक निरीक्षण, विकास प्राधिकरण को भी योजना बनाने और अवैध निर्माणों, निगरानी, एनओसी आदि देने में मदद मिलेगी. इसके अलावा तहसील स्तर से बनने वाली योजनाओं और अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि देने में सहायक होगी.

हाल ही में वाराणसी निगम क्षेत्र का विस्तार हुआ था, जिसमें 90 की जगह 100 वार्ड हो गए हैं. नए विस्तारित क्षेत्रों में विकास की नई योजना बनाने में थ्री डी विज़न काफी कारगर साबित होगा. मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि 3 डी जीआईएस का काम जल्द ही शुरू होगा. इसके लिए एरियल व्यू के लिए एयरक्राफ्ट, ड्रोन, सड़कों पर गाड़िया, गलियों में बाइक, बैकपैक वॉकर्स आदि माध्यम से किया जाएगा. पूरा काम करीब 9 महीने में प्रस्तावित है.

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