अल्मोड़ा: उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी में पौराणिक और ऐतिहासिक नंदा देवी के मेले की धूम मची हुई है. इसी क्रम में आज मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्षों को मंदिर परिसर लाया गया. कदली वृक्षों की शोभायात्रा भी निकाली गई. पूजा-अर्चना के बाद स्थानीय कलाकार उत्तराखंड की कुलदेवी मां नंदा सुनंदा की मूर्ति का निर्माण करेंगे.
दुलागांव से लाए गए कदली वृक्ष: मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों को बनाने के लिए कदली वृक्षों को इस बार नगर से लगे रैलाकोट के दुलागांव से लाया गया है. इससे पहले 9 सितंबर को कदली वृक्षों को आमंत्रण देने के लिए मंदिर के पुजारी सहित समिति के लोग दुलागांव गए थे. आज ढोल नगाड़ों और मां के जयकरों के साथ लोग रैलाकोट के दुला गांव के लिए रवाना हुए. कदली वृक्षों के खंभे को कंधे में रखकर वाहन तक लाया गया, जहां से उन्हें अल्मोड़ा के शिखर तिराहे तक लाया गया. कदली वृक्षों की शोभायात्रा माल रोड होते हुए ड्योढ़ी, पोखर पहुंची, जहां पर वृक्षों की आरती की गई. इसके बाद शोभायात्रा थानाबाज़ार, चौक बाजार होते हुए नंदा देवी मंदिर पहुंची.
अष्टमी के दिन होगी मांग मां नंदा सुनंदा की पूजा: मंदिर के पुजारी तारा दत्त जोशी ने बताया कि कदली वृक्षों को मंगलवार को शोभायात्रा के साथ मंदिर में लाया गया है. अष्टमी के दिन विधि-विधान से मां नंदा सुनंदा की मूर्ति की पूजा की जाएगी. उन्होंने बताया कि 13 सितंबर को माता का डोला निकाला जाएगा और मूर्ति का विसर्जन होगा.
चंद राजाओं के वंशज करते हैं मां मां नंदा सुनंदा की पूजा: मंदिर व्यवस्थापक अनूप साह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष अलग-अलग स्थानों से कदली वृक्षों को लाया जाता है. पूजा-अर्चना चंद राजाओं के वंशज करते हैं. देर शाम तक मूर्ति का निर्माण होगा, जिसके बाद माता की मूर्ति की स्थापना की जाएगी.
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