बालोद : आज के समय में सिंगल यूज प्लास्टिक का चलन जोरों पर है.लोग कम खर्चे और मैन पावर के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक को तरजीह देते हैं.लेकिन ये सिंगल यूज प्लास्टिक लोगों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है.एक तो कचरा ऊपर से मवेशी इस प्लास्टिक को खाकर मौत के गाल में समा रहे हैं.ऐसे में बालोद की श्रद्धा साहू ने इस समस्या का समाधान निकाला.श्रद्धा साहू ने 2016 में बर्तन बैंक की शुरुआत की.जिसका मकसद शादियों में स्टील के बर्तन बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराना था.
सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जागरुकता : बालोद की रहने वाली श्रद्धा साहू ने 8 साल पहले बर्तन बैंक की नींव रखी थी. जहां पर उन्होंने सामाजिक आयोजनों में मुफ्त में स्टेनलेस स्टील के बर्तन देना शुरू किया. श्रद्धा की ये कोशिश अब रंग ला रही है.क्योंकि अक्सर शादियों में श्रद्धा के कारण लोग सिंगल यूज प्लास्टिक की बजाय स्टील के बर्तन का इस्तेमाल कर रहे हैं. वैवाहिक आयोजनों में पहुंचकर श्रद्धा स्टील बर्तन के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है.साथ ही साथ बिना किसी शुल्क के लोगों को स्टील के बर्तन उपलब्ध करा रहीं हैं.श्रद्धा अपने बैंक में हर तरह के बर्तन रखीं हैं.जो सामाजिक कार्यक्रमों,शादी और दूसरे आयोजनों में बर्तन उपलब्ध कराती हैं.आज पूरे बालोद जिले के 80 और प्रदेश के 5 हजार गांवों में श्रद्धा अपनी बैंक की सेवा दे चुकी हैं.
ग्रामीण भी पहल से हैं खुश : श्रद्धा साहू के बारे में सोनबोईर परिवार के सदस्य भोलाराम साहू ने बताया कि हर तरफ कचरा ही कचरा दिखता है. आयोजनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का चलन बढ़ चुका है.लेकिन श्रद्धा साहू के कारण अब जिले में लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कम कर रहे हैं.वहीं चेतन साहू की माने तो उन्होंने अपने परिवार के आयोजनों में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है. वहीं वर्षा साहू ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक को सभी जगह पर बंद किया जाना चाहिए. इसलिए सामाजिक आयोजन से इसकी शुरुआत की गई है. लेकिन हर दुकान हर जगह सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है.इसे पूरी तरह से बंद करने की जरुरत है.
'' आज हर कोई सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहा है.जिसके कारण कई लोग बीमार हो रहे हैं.गौवंश खतरे में है.इसलिए सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद कर देना चाहिए.''- वर्षा साहू, ग्रामीण
मेहनत लाई रंग : वहीं बर्तन बैंक की संस्थापक श्रद्धा साहू ने बताया कि एक छोटी सी शुरुआत आज जन अभियान बनकर सामने आ रही है. 8 साल पहले हमने एक अभियान की शुरुआत की थी. वह भी एक छोटे से जगह उमरपोटी गांव से. आज गांव-गांव स्टील बर्तन बैंक की स्थापना हमने की है और वहां पर शिक्षा से लोग बर्तन भी दान कर रहे हैं.
''हमारा प्रयास अब रंग लाने लगा है.पूरे प्रदेश के 10 जिलों में हम इस अभियान की शुरुआत कर चुके हैं. लगभग 5000 गांव इससे लाभांवित हैं. बालोद जिले की बात करें तो यहां पर 80 गांव में स्टील बर्तन बैंक से भोजन कराने को लेकर प्रोत्साहित कर चुके हैं.'' श्रद्धा साहू, संस्थापक बर्तन बैंक
आपको बता दें कि हम छोटी सी सहूलियत के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करते हैं .लेकिन ये प्लास्टिक आने वाले समय में हमारे लिए ही खतरा बनेगा.प्लास्टिक से धरती पानी और वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है. प्लास्टिक को नष्ट होने में कई साल लगते हैं.इसलिए सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करके हमें धरती को बचाना होगा.इसी मकसद के साथ श्रद्धा बर्तन बैंक को ज्यादा से ज्यादा गांवों तक पहुंचा रहीं हैं.