बालाघाट। जिले के सीनियर एडवोकेट ने सराहनीय कदम उठाते हुए कानून की अपनी सारी किताबें दान कर दी. सारी किताबें शहर के जटाशंकर त्रिवेदी शासकीय पीजी कालेज को दान दी. उन्होंने कानून की 1447 किताबें दान की जिसकी कीमत 25 लाख बताई जा रही है. इन किताबों में कई दुर्लभ किताबें हैं जिनका अब प्रकाशन बंद हो चुका है. कई किताबें विदेशी प्रकाशकों की हैं. इतनी किताबें दान में मिलने पर कालेज प्रबंधन ने खुशी जताई है और उनका धन्यवाद दिया है.
किताबों की कीमत 25 लाख
जटाशंकर त्रिवेदी शासकीय पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य गोविंद सिरसाठे ने बताया कि "राव साहब की लाइब्रेरी में कानून की 1447 किताबें हैं, जिनकी कीमत लगभग 25 लाख रुपये है. ये किताबें ना सिर्फ लॉ के स्टूडेंट्स के लिए लाभकारी होगी अपितु इस विषय पर पीएचडी करने वालों के बहुत काम आऐंगी. सीनियर एडवोकेट एम पी राव के छोटे भाई एम वी राव ने बताया कि "किताबों को दान करने का निर्णय उनके बड़े भाई का है". साथ ही वे उनके स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित नजर आएं और बातचीत करते हुए भावुक हो उठे.
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57 साल वकालत का है अनुभव
एम पी राव का जन्म बालाघाट में हुआ था लेकिन इनके पुर्वज मुलत: कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं. उन्होंने सागर के हरि सिंह गौर विश्वद्यालय से वकालत की पढ़ाई की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद 1960 से लगातार बालाघाट के जिला न्यायालय में वकालत करने लगें. उन्होंने 57 साल तक वकालत की. हालांकि अब 89 साल की अवस्था में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को लेकर परेशान हैं.