बालाघाट। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की बुनियाद पंचायत को माना जाता है. लेकिन जब पंचायत ही 50 साल पुराने भवन में संचालित हो रही है तो इसे प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता न कहें तो क्या कहें. कटंगी तहसील के ग्राम पंचायत धनकोषा की तस्वीर कुछ ऐसी ही है. ये पंचायत में पिछले 50 साल से पुराने भवन में संचालित हो रही है. पंचायत भवन बिना उपयोग के ही समय की मार झेलता हुआ खंडहर में तब्दील हो गया है. पंचायत प्रतिनिधि टूटे भवन में बैठकर काम निपटा रहे हैं.
पंचायत के सारे कामकाज किए बंद
अब तक नए पंचायत भवन की स्वीकृति नहीं मिलने से नाराज धनकोषा की सरपंच शीला मड़ावी ने साफ कर दिया है "अब पंचायत में किसी भी तरह के कामकाज नहीं होंगे. जब तक पंचायत की नई इमारत स्वीकृत होकर भवन का निर्माण नहीं होता तब तक पंचायत से जुड़े किसी भी तरह के कामकाज कर पाना मुश्किल है. सरपंच ने बताया कि करीब 40 साल पुराना पंचायत भवन काफी पहले जर्जर हो चुका है. विभाग के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को एक नहीं बल्कि अनेक बार पत्र लिखकर नए भवन की स्वीकृति प्रदान करने की मांग की गई लेकिन सभी से सिर्फ आश्वासन ही मिला."
तेज बारिश से पंचायत भवन की छत उड़ी
सरपंच ने बताया कि बीते दिनों तेज बारिश और आंधी तूफान की वजह से पंचायत भवन की छत उड़ गई और पंचायत के भीतर रखी तमाम सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ. जिसकी जानकारी भी अधिकारियों को दी गई. बावजूद इसके अफसरों ने पंचायत की स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया. ऐसे में अब इस साल बारिश के दिनों में पंचायत में बैठ पाना मुश्किल है. पंचायत प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि अब पंचायत से जुड़े कामकाज नहीं किए जाएंगे.
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किसी जनप्रतिनिधि या अफसर ने नहीं सुनी फरियाद
सरपंच ने कई बार जनपद और जिला पंचायत के अधिकारियों से मांग की लेकिन ध्यान न दिए जाने से सरपंच-सचिव और ग्रामीण परेशानी झेलने को विवश हैं. गौरतलब है कि करीब दो माह पहले की बेमौसम तेज बारिश और आंधी-तूफान से पंचायत के भवन की छत उड़ गई थी और बारिश के पानी से पंचायत का कम्प्यूटर, फोटो कॉपी मशीन सहित अन्य बिजली के उपकरण सब बर्बाद हो चुके हैं. पंचायत कर्मियों को काम करने के समय जानमाल का खतरा बना रहता है. कभी भी दीवारों के गिरने का डर बना रहता है. सोमवार से पंचायत में तालाबंदी कर दी गई है.