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दिल्ली वक्फ बोर्ड: मनी लाउंड्रिंग मामले के तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

Delhi Waqf Board: अदालत ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के तीन आरोपियों की जमानत देने से इनकार कर दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 9:36 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. स्पेशज जज राकेश स्याल ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, ऐसे में आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, जीशान हैदर और दाउद नासिर शामिल हैं.

बता दें कि कोर्ट ने 19 जनवरी को इस मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी. करीब पांच हजार पेजों की चार्जशीट ने ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर शामिल हैं. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ED के समन पर रोक लगाने से किया इनकार

ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है. ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गईं. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.

इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के नाम हैं. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

ये भी पढ़ें: दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित


नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. स्पेशज जज राकेश स्याल ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, ऐसे में आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने जिन आरोपियों को जमानत देने से इनकार किया उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, जीशान हैदर और दाउद नासिर शामिल हैं.

बता दें कि कोर्ट ने 19 जनवरी को इस मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी. करीब पांच हजार पेजों की चार्जशीट ने ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर शामिल हैं. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है.

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ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा हुआ है. ईडी के मुताबिक आप विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेची गईं. आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है. जावेद इमाम को ये संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली. जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख में बेची. जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी.

इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के नाम हैं. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज की थी. जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.

सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.

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