नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को फंडिंग करने के आरोपी जगतार सिंह जोहल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने ज़मानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि तथ्यों से पता चलता है कि जगतार फंडिंग की गतिविधियों में शामिल था और वह मामले में अन्य सभी साजिशकर्ताओं को भी जानता था.
दरअसल, जगतार सिंह जोहल को पंजाब पुलिस ने 2017 में गिरफ्तार किया था. वह ब्रिटेन का निवासी है. उस पर कई हत्याओं में शामिल होने और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स को फंडिंग करने का आरोप है. जोहल को पंजाब पुलिस ने 2017 में आर्म्स एक्ट और यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत गिरफ्तार किया था. जोहल के खिलाफ 2010 में कई हत्याओं और हत्या के प्रयास में शामिल होने के मामले में पंजाब पुलिस ने दस एफआईआर दर्ज की थी.
पंजाब पुलिस ने जांच में पाया कि इन मामलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश है और उसके बाद उसने एनआईए को सभी एफआईआर की जांच ट्रांसफर कर दिया. जोहल पर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) जगदीश गगनेजा, आरएसएस के नेता रविंदर गोसाईं और पादरी सुल्तान मसीह की हत्याओं में शामिल होने का आरोप है. इसके पहले ट्रायल कोर्ट ने 7 सितंबर 2022 को जगतार सिंह जोहल की पांच मामलों में और 25 अप्रैल को दो मामलों में जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने सातों मामलों में जोहल की जमानत याचिकाएं खारिज करने का आदेश दिया. साथ ही हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट को इन मामलों के ट्रायल में तेजी लाने का निर्देश दिया.
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