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बैद्यनाथ राम के साथ हो गया खेला, जानिए क्यों मंत्री बनने से चूके दलित नेता - वैद्यनाथ राम नहीं बने मंत्री

Baidyanath Ram did not become minister. चंपई सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार से पहले जेएमएम से छह विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाने की चर्चा हो रही थी. लेकिन कांग्रेस विधायकों की नाराजगी को देखते हुए जेएमएम से छठे नाम यानी बैद्यनाथ राम का पत्ता कट गया.

Baidyanath Ram could not become minister in Champai government
Baidyanath Ram could not become minister in Champai government
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 16, 2024, 8:22 PM IST

रांची: काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार चंपई सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही गया. राजभवन में 16 फरवरी को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के 5 और कांग्रेस कोटे से 3 विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिन लोगों ने मंत्री पद की शपथ शुक्रवार को ली है उसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, बेबी देवी, हफिजुल हसन और दीपक बिरुवा शामिल हैं.

बात यदि कांग्रेस कोटे की करें तो कांग्रेस ने विवादों के बीच हेमंत मंत्रिमंडल में मंत्री रहे चेहरे को ही मंत्री बनाया है. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल ने एक बार फिर राज्यपाल के हाथों पद और गोपनीयता की शपथ ली है. राजभवन के बिरसा मंडप में अपराह्न 4:45 बजे हुई इस शपथग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस के अंदर मंत्री बनने को लेकर विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आता देखा गया.

बैद्यनाथ राम के साथ हो गया खेला

लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम के साथ खेला हो गया. ऐन वक्त पर बैद्यनाथ राम को कांग्रेस के दबाव की वजह से मंत्री पद की सूची से बाहर कर दी गई. जिस वजह से बैद्यनाथ राम मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए. बैद्यनाथ राम चंपई सोरेन सरकार में 12वें मंत्री के रुप में शामिल किए जाने थे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस झामुमो के बीच 12वें मंत्री पद को लेकर हेमंत सोरेन सरकार से ही विवाद चल रहा है. मगर राज्य में जैसे ही नेतृत्व परिवर्तन हुआ और नये सिरे से मंत्री बनाने की बात हुई तो कांग्रेस गठबंधन के अंदर दवाब बनाने में जुट गई.

कांग्रेस विधायकों की ऐन वक्त पर नाराजगी ने आग में घी का काम किया और एक वक्त ऐसा लग रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार एक बार आज टल ना जाए. बीच का रास्ता बैद्यनाथ राम की मंत्री पद के फैसले को समाप्त करके हुआ. आपको बता दें कि राजभवन से बैद्यनाथ राम को आमंत्रण यानी वारंट भी जारी हो चूका था.

इधर, बीजेपी ने इसे दलितों के साथ अन्याय बताते हुए चंपई सरकार को घेरने में जुट गई है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने निशाना साधते हुए एक्स पर ट्वीट कर आलोचना की है. बहरहाल आज जिस तरह से शपथग्रहण से पहले सियासी ड्रामा चला इससे साफ जाहिर होता है कि चंपई सरकार के लिए आने वाला समय आसान नहीं होगा. गठबंधन के बीच समन्वय के अलावे सरकार के कामकाज को गति देना बेहद ही चुनौती भरा होगा.

रांची: काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार चंपई सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही गया. राजभवन में 16 फरवरी को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के 5 और कांग्रेस कोटे से 3 विधायक को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जिन लोगों ने मंत्री पद की शपथ शुक्रवार को ली है उसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के मिथिलेश ठाकुर, बसंत सोरेन, बेबी देवी, हफिजुल हसन और दीपक बिरुवा शामिल हैं.

बात यदि कांग्रेस कोटे की करें तो कांग्रेस ने विवादों के बीच हेमंत मंत्रिमंडल में मंत्री रहे चेहरे को ही मंत्री बनाया है. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल ने एक बार फिर राज्यपाल के हाथों पद और गोपनीयता की शपथ ली है. राजभवन के बिरसा मंडप में अपराह्न 4:45 बजे हुई इस शपथग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस के अंदर मंत्री बनने को लेकर विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आता देखा गया.

बैद्यनाथ राम के साथ हो गया खेला

लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम के साथ खेला हो गया. ऐन वक्त पर बैद्यनाथ राम को कांग्रेस के दबाव की वजह से मंत्री पद की सूची से बाहर कर दी गई. जिस वजह से बैद्यनाथ राम मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए. बैद्यनाथ राम चंपई सोरेन सरकार में 12वें मंत्री के रुप में शामिल किए जाने थे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस झामुमो के बीच 12वें मंत्री पद को लेकर हेमंत सोरेन सरकार से ही विवाद चल रहा है. मगर राज्य में जैसे ही नेतृत्व परिवर्तन हुआ और नये सिरे से मंत्री बनाने की बात हुई तो कांग्रेस गठबंधन के अंदर दवाब बनाने में जुट गई.

कांग्रेस विधायकों की ऐन वक्त पर नाराजगी ने आग में घी का काम किया और एक वक्त ऐसा लग रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार एक बार आज टल ना जाए. बीच का रास्ता बैद्यनाथ राम की मंत्री पद के फैसले को समाप्त करके हुआ. आपको बता दें कि राजभवन से बैद्यनाथ राम को आमंत्रण यानी वारंट भी जारी हो चूका था.

इधर, बीजेपी ने इसे दलितों के साथ अन्याय बताते हुए चंपई सरकार को घेरने में जुट गई है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने निशाना साधते हुए एक्स पर ट्वीट कर आलोचना की है. बहरहाल आज जिस तरह से शपथग्रहण से पहले सियासी ड्रामा चला इससे साफ जाहिर होता है कि चंपई सरकार के लिए आने वाला समय आसान नहीं होगा. गठबंधन के बीच समन्वय के अलावे सरकार के कामकाज को गति देना बेहद ही चुनौती भरा होगा.

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