लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार समेत उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. देश और प्रदेश में नौकरियों को लेकर बसपा सुप्रीमो ने दोनों सरकारों पर सवाल खड़े किए हैं.
1.देश में रोजगार का घोर अभाव ही नहीं बल्कि अमीर व गरीबों के बीच बढ़ती खाई अर्थात देश में पूंजी के असामान्य वितरण से आर्थिक गैर-बराबरी के रोग के गंभीर होने से जन व देशहित प्रभावित, जो अति चिन्तनीय। देश में विकास दर के दावे के हिसाब से यहाँ उतनी नौकरी क्यों नहीं? इसके लिए दोषी कौन?
— Mayawati (@Mayawati) August 20, 2024
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया कि देश में रोजगार का घोर अभाव ही नहीं, बल्कि अमीर और गरीबों के बीच बढ़ती खाई यानी देश में पूंजी के असामान्य वितरण से आर्थिक गैर-बराबरी के रोग के गंभीर होने से जन व देशहित प्रभावित है, जो अति चिन्तनीय है. देश में विकास दर के दावे के हिसाब से यहां उतनी नौकरी क्यों नहीं?
3. लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले यूपी में 6.5 लाख प्लस सरकारी नौकरी का दावा क्या ऊँट के मुंह में ज़ीरा नहीं? इसी प्रकार केन्द्र में भी स्थाई नौकरियों का बुरा हाल है जहाँ पद खाली पड़े हैं। इससे SC, ST, OBC आरक्षण का कोटा भी प्रभावित है। अपार बेरोजगारी के मद्देनजर सही समाधान जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) August 20, 2024
इसके लिए दोषी कौन है? उन्होंने कहा कि यूपी सरकार का भारी भरकम विज्ञापनों के जरिए यह दावा कि यहां रोजगार की बहार, वास्तव में इनके अन्य दावों की तरह ही यह जमीनी हकीकत से दूर हवाहवाई ज्यादा है. पेट भरने के लिए मेहनत व जैसा-तैसा स्वरोजगार को भी अपनी उपलब्धि मानना बेरोजगारी आदि की समस्या का समाधान नहीं है.
लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले यूपी में 6.5 लाख प्लस सरकारी नौकरी का दावा क्या ऊंट के मुंह में जीरा नहीं? इसी प्रकार केन्द्र में भी स्थाई नौकरियों का बुरा हाल है, वहां पद खाली पड़े हैं. इससे SC, ST, OBC आरक्षण का कोटा भी प्रभावित है. बढ़ी बेरोजगारी के मद्देनजर सही समाधान जरूरी है.