बहराइच : महसी तहसील के तमाजपुर गांव में फिर से भेड़िये ने बच्चे को खींचकर ले जाने की कोशिश की. मां के चीखने पर भेड़िया बच्चे को छोड़कर एक बकरी लेकर भाग गया. लाठी-डंडे लेकर ग्रामीण भेड़िये के पीछे भागे. इसके बाद कुछ दूरी पर उसे घेरकर पीट-पीटकर मार डाला. जानकारी मिलने पर डीएफओ टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. भेड़िये के पास ही बकरी भी मरी पड़ी थी. टीम ने दोनों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. वहीं एक महीने से ज्यादा समय बाद फिर से भेड़िये की सक्रियता से लोग दहशत में हैं.
तमाजपुर गांव में शनिवार की रात करीब 10 बजे 3 साल का नियाज मां के साथ मच्छरदानी के अंदर सो रहा था. इस दौरान दबे पांव एक भेड़िया पहुंच गया. उसने झपट्टा मारकर बच्चे को ले जाने की कोशिश की. बच्चे की चीख सुनकर महिला की नींद खुल गई. इस पर उसने शोर मचाना शुरू कर दिया. इससे भेड़िया बच्चे को छोड़कर पास में बंधी बकरी को उठा ले गया. ज्यादा रात न होने के कारण कुछ ही देर में तमाम ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर जुट गए.
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ग्रामीण जिस ओर भेड़िया भागा था उसी ओर दौड़ पड़े. कुछ दूर आगे जाने पर उन्हें भेड़िया दिख गया. इस पर उन्होंने भेड़िये को घेर लिया. हालांकि तब तक भेड़िये ने बकरी को मार डाला था. इसके बाद ग्रामीणों ने पीट-पीटकर भेड़िये को मार डाला. जानकारी मिलने पर गांव में वन विभाग की टीम पहुंच गई. डीएफओ अजीत प्रताप सिंह भी आ गए. उन्होंने बताया कि दो सितंबर के बाद से कोई भी घटना घटित नहीं हुई. पांचवां भेड़ियां 10 सितंबर को पकड़ा गया था. इसके बाद कहीं भी भेड़िया नजर नहीं आया था. इससे लोगों ने राहत की सांस ली थी. एक महीने से भेड़िये ने कहीं पर हमला नहीं किया था.
डीएफओ ने बताया कि वन कर्मियों ने जानकारी दी कि तमाजपुर गांव में एक भेड़िया मरा पड़ा है. उसके साथ बकरी भी थी. टीम के साथ हम मौके पर पहुंचे. दोनों को डिवीजन में ले आए. पोस्टमार्टम के लिए पैनल बना दिया गया है. चिकित्सक पोस्टमार्टम कर रिपोर्ट देंगे. भेड़िये को काफी चोट आई थी. खून भी निकल रहा है. ऐसे प्रतीत होता है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसे मारा है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है.
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जिले के अलग-अलग इलाकों में करीब 3 महीनों तक आदमखोर भेड़ियों का आतंक था. भेड़ियों के हमले में 10 बच्चों समेत एक महिला की मौत हो चुकी है. इसके बाद अलग-अलग इलाकों में करीब 5 आदमखोर भेड़िये पकड़े गए थे. दावा किया जा रहा था कि अब एक ही भेड़िया बचा है, और वह लंगड़ा है. हालांकि जिस भेड़िये को ग्रामीणों ने मारा, बताया जा रहा है कि वह लंगड़ा नहीं. अनुमान है कि इलाके में और भेड़िये हो सकते हैं. इस आशंका से लोग भयभीत हैं.
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