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बहराइच में किसानों की 200 एकड़ जमीन पर घाघरा में समाहित, कटान पीड़ितों ने सुनाया दर्द - Ghaghra river havoc

बहराइच में हर साल घाघरा नदी का कहर (Ghaghra River Havoc) किसानों पर टूटता है, लेकिन शासन प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. नतीजतन इस साल 200 एकड़ से ज्यादा जमीन घाघरा में समा चुकी है. कई गांवों के लोग बेघर हो चुके हैं.

घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण.
घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 4:26 PM IST

बहराइच : बिछिया थाना क्षेत्र के तहसील मिहीपुरवा अंतर्गत ग्राम पंचायत आम्बा का तेलागौड़ी गांव घाघरा बैराज के डाउन स्टीम की ओर बसा हुआ है. घाघरा नदी से सटा होने के कारण गांव की कई एकड़ जमीन हर साल घाघरा में समाहित हो जाती है. इस बार भी किसानों की करीब 200 एकड़ जमीन घाघरा के कटान की भेंट चढ़ चुकी है. इस पर गांव के लोगों ने शासन व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.

प्रदर्शन करते घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण.
प्रदर्शन करते घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण. (Photo Credit: ETV Bharat)

बहराइच के बिछिया थाना क्षेत्र में घाघरा नदी उफान पर है. इससे घाघरा बैराज के डाउन स्टीम की ओर बसे ग्राम पंचायत आम्बा का तेलागौड़ी गांव में तेजी से कटान हो रही है. इससे ग्रामीण भयभीत हैं. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम के गांव पहुंचने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्या बताने बाहर निकल आए. गांव की मीना, सीला देवी, मैना, पार्वती, दुईजी, अनीता, केवली, सुमन, राजकुमार, राजकिशोर, योगेंद्र प्रसाद, श्याम निषाद, सियाराम आदि ने बताया कि घाघरा नदी तेजी से कटान करती जा रही है. नदी से मात्र 50 मीटर गांव की दूरी पर है. अगर प्रशासन ने सुरक्षा के कोई इंतज़ाम न किए गए तो गांव जल्द ही घाघरा में समा जाएगा.

घाघरा नदी की कटान से भयभीत ग्रामीण.
घाघरा नदी की कटान से भयभीत ग्रामीण. (Photo Credit: ETV Bharat)

ग्नामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन से अभी तक कोई कटान पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचा है. यहां पर बांध बनाने की मांग पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट लेने के समय गांव आते हैं. इसके बाद यहां की समस्या से मुंह मोड़ लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि घाघरा की कटान में धान और गन्ने की फसलें समा चुकी हैं.

यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में शारदा व घाघरा का कहर, नदी में समाए कई घर, दो स्कूल भी ख़तरे में

यह भी पढ़ें : सुनो सरकार! अब सहा नहीं जा रहा 'कटान' का दर्द, कहीं दे दो सुरक्षित आशियाना

बहराइच : बिछिया थाना क्षेत्र के तहसील मिहीपुरवा अंतर्गत ग्राम पंचायत आम्बा का तेलागौड़ी गांव घाघरा बैराज के डाउन स्टीम की ओर बसा हुआ है. घाघरा नदी से सटा होने के कारण गांव की कई एकड़ जमीन हर साल घाघरा में समाहित हो जाती है. इस बार भी किसानों की करीब 200 एकड़ जमीन घाघरा के कटान की भेंट चढ़ चुकी है. इस पर गांव के लोगों ने शासन व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है.

प्रदर्शन करते घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण.
प्रदर्शन करते घाघरा नदी की कटान से प्रभावित ग्रामीण. (Photo Credit: ETV Bharat)

बहराइच के बिछिया थाना क्षेत्र में घाघरा नदी उफान पर है. इससे घाघरा बैराज के डाउन स्टीम की ओर बसे ग्राम पंचायत आम्बा का तेलागौड़ी गांव में तेजी से कटान हो रही है. इससे ग्रामीण भयभीत हैं. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम के गांव पहुंचने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्या बताने बाहर निकल आए. गांव की मीना, सीला देवी, मैना, पार्वती, दुईजी, अनीता, केवली, सुमन, राजकुमार, राजकिशोर, योगेंद्र प्रसाद, श्याम निषाद, सियाराम आदि ने बताया कि घाघरा नदी तेजी से कटान करती जा रही है. नदी से मात्र 50 मीटर गांव की दूरी पर है. अगर प्रशासन ने सुरक्षा के कोई इंतज़ाम न किए गए तो गांव जल्द ही घाघरा में समा जाएगा.

घाघरा नदी की कटान से भयभीत ग्रामीण.
घाघरा नदी की कटान से भयभीत ग्रामीण. (Photo Credit: ETV Bharat)

ग्नामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन से अभी तक कोई कटान पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचा है. यहां पर बांध बनाने की मांग पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट लेने के समय गांव आते हैं. इसके बाद यहां की समस्या से मुंह मोड़ लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि घाघरा की कटान में धान और गन्ने की फसलें समा चुकी हैं.

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