बगहाः बिहार में पुलों के गिरने की घटना तो अब आम हो चली है, अब ग्रामीण विकास विभाग की एक और कारस्तानी सामने आई है. मामला बगहा जिले का है जहां विभाग ने बांसी नदी पर बने पुराने पुल को बिना किसी प्लैनिंग के तोड़ डाला और नये पुल का निर्माण भी पूरा नहीं करवाया. लिहाजा लोग घुटने भर पानी में आवाजाही को मजबूर हैं. इलाके की ऐसी हालत देखकर वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार भड़क गये और फोन लगाकर ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर को फटकार लगाई.
तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे थे सांसदः दरअसल इन दिनों बगहा जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं, ऐसे में वाल्मीकिनगर के सांसद सुनील कुमार बाढ़ ग्रस्त इलाकों के साथ-साथ पिपरा-पिपरासी तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी दौरान ग्रामीणों ने ग्रामीण विकास विभाग की कारस्तानी सांसद को सुनाई-दिखाई तो वे भड़क उठे.
पुराना पुल तोड़ा, नया भी अधूराः जानकारी के मुताबिक बिहार-यूपी सीमा पर बसे मंझरिया-रामनगर और अर्जुनही के बीच बांसी नदी पर दशकों पुराना पुल था और वो पुल ही इलाके के लोगों की आवाजाही का एक मात्र साधन था. जब इस पुल की जगह नये पुल बनाने की घोषणा हुई तो लोगों ने ग्रामीण विकास विभाग से इस बात की गुहार लगाई कि नये पुल का निर्माण पूरा होने तक पुराने पुल को न तोड़ा जाए. लेकिन ग्रामीण विकास विभाग ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के ही पुराना पुल तोड़ दिया. इधर नया पुल भी आधा अधूरा ही छोड़ दिया है.
घुटने भर पानी में आवाजाही को मजबूरः ग्रामीण विकास विभाग की इस कारस्तानी का खामियाजा अब इलाके के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. पुराना पुल टूट जाने की वजह से अब कई गावों के लोग घुटने भर पानी में आवाजाही को मजबूर हैं. इसके अलावा स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सांसद ने लगाई इंजीनियर को फटकारः इधर बाढ़ से प्रभावित इलाकों के साथ-साथ पिपरा-पिपरासी तटबंध के निरीक्षण के लिए पहुंचे सांसद सुनील कुमार से लोगों ने इस बात की शिकायत की तो सांसद खुद मौके पर पहुंचे और लोगों की परेशानियों से अवगत हुए. लोगों को पानी में आवाजाही करते देख सांसद भड़क उठे. उन्होंने फोन लगाकर ग्रामीण विकास विभाग के इंजिनीयर को फटकार लगाई और कार्रवाई की चेतावनी दी.
"इस बात की शिकायत ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री और मुख्यमंत्री से करेंगे क्योंकि विभाग के इंजीनियर ने ठेकेदारों के भरोसे काम छोड़ दिया है और लापरवाही बरत रहे हैं. यहां तक कि पुल तोड़ने के पहले डायवर्जन तक की व्यवस्था नहीं की गयी. इंजीनियर को इस लापरवाही के लिए जवाब देना ही होगा." सुनील कुमार, सांसद, वाल्मीकिनगर
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