बगहाः बिहार के बगहा जिले से होकर बहनेवाली गंडक नदी में मगरमच्छों की भरमार है. ऐसे में गंडक में रहनेवाले मगरमच्छ अक्सर आस-पास के रिहायशी इलाकों में भी अपनी उपस्थिति का अहसास कराते रहते हैं. शुक्रवार को भी एक मगरमच्छ पटखौसी मोहल्ले के श्याम हॉस्पिटल के पास एक घर में घुस आया. लोगों ने मगरमच्छ को देखा तो उसे रस्सियों से बांध कर वापस गंडक नदी में छोड़ दिया.
लगातार तीसरे दिन आया मगरमच्छः बगहा के पटखौली मोहल्ले में शाम के समय लगातार तीन दिनों से ये मगरमच्छ चहलकदमी करते दिख रहा था. बुधवार को पहली बार मगरमच्छ को लोगों ने अस्पताल के पास सड़क पर देखा और वन विभाग को सूचित किया. जब तक वन विभाग की टीम आती तब तक मगरमच्छ नजदीक के ही छोटे से पानी भरे गड्ढे में घुस गया.गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन शुक्रवार की शाम जब मगरमच्छ एक व्यक्ति के दरवाजे पर जाकर आराम फरमाने लगा तो लोगों ने खुद ही उसे पकड़ लिया और गंडक नदी में लाकर छोड़ दिया.
मगर काफी मशक्कत के बाद पकड़ा गयाः मगरमच्छ एक घर के अंदर कमरे में आराम फरमा रहा था. घर के लोगों ने जब मगरमच्छ को देखा तो आस-पास के लोगों को सूचना दी. जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग पहुंच गये और कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को बांस और रस्सी के सहारे पकड़ लिया और फिर गंडक में छोड़ आए.
ग्रामीणों में दहशतः स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मोहल्ले के अंतिम छोर पर खेत और गड्ढे हैं. गड्ढों में बरसात का पानी भरा है. ऐसे में मगरमच्छ घरों तक चले आ रहे हैं. आशंका है कि अभी और मगरमच्छ इन गड्ढों में होंगे. ऐसे में लोगों में डर बना हुआ है. लोग अपने बच्चों को शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं.
"मगरमच्छ अमूमन नदी के अलावा तालाब या बरसात के दौरान जमा पानी वाले गड्ढों में भी अपना अधिवास बना लेते हैं.इनकी सूंघने की क्षमता काफी तेज होती है.ऐसे में घरों के बाहर यदि मांस या मछली का कांटा फेंका जाता है तो मगरमच्छ लोगों के घरों के पास पहुंच जाते हैं. यहीं नहीं उन्हे गड्ढों में मछली या मेढ़क जैसे छोटे-मोटे आहार मिल जाते हैं." सुब्रत बहेरा, अधिकारी, वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया