सोलन: एटक राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक जिला मुख्यालय सोलन में प्रदेश के अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित हुई. जिसमें औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के झाड़माजरी के कारखाने में लगी भयंकर आग में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई. एटक राज्य कमेटी ने हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मजदूर के परिवार को 25 लाख रुपए और घायल हुए मजदूरों को 5 से 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग सरकार से की है.
एटक राज्य अध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि बद्दी के झाड़माजरी में लापरवाह कंपनी अधिकारियों की वजह से यह हादसा पेश आया है, उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री एक्ट ( कारखाना अधिनियम ) का उल्लंघन लगातार जारी है इस बारे में एटक ने उद्योग श्रम मंत्री से लेकर श्रम विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार जानकारी दी है,लेकिन अभी तक इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.
एटक प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने इस दर्दनाक व अमानवीय घटना पर कड़ा रोष जाहिर करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के उद्योगों में श्रम नियमों का लगातार उल्लंघन जारी है. पिछले वर्षों में मजदूरों की जान जाने कि कई घटनाएं हो चुकी है परंतु श्रम विभाग के अधिकारियों की नींद नही खुली है. प्रदेश के कारखानों में मजदूरों के कार्य करने की स्थितियां बद्दतर हैं व मजदूरों की जान जाने का खतरा हमेशा बना हुआ है. इस दर्दनाक घटना ने सरकार व कम्पनी प्रबंधन कि पोल खोल कर रख दी है. ऐसी घटनाओं के लिए कारखाना मालिकों व श्रम विभाग के अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी मानवीय लापरवाही द्वारा ऐसे हादसों पर रोक लग सके व हर हालत में कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा की जाए.
इन दर्दनाक घटनाओं के लिए सरकार, श्रम विभाग व उद्योगपति सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं, क्योंकि अधिकतर कारखानों में श्रम नियमों, विशेषकर फैक्टरी एक्ट का उल्लंघन जारी है. इस कारण लगातार मजदूरों की जानें जा रही हैं. लगता है श्रम विभाग के अधिकारी संवेदनहीन हो गए हैं और अपने कर्तव्यों को भूल चुके हैं तभी ऐसी दर्दनाक घटनाएं जारी हैं. भविष्य में ऐसी घटनाओं के विरुद्ध एटक राज्य कमेटी ने प्रदेशव्यापी आंदोलन का फैसला लिया है ताकि फैक्टरी एक्ट लागूकरवा कर मजदूरों की कीमती जानें बचाई जा सके.
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