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आवाजाही बाधित होने से विलंब से रवाना हुई बाबा तुंगनाथ की डोली, लोगों में आक्रोश - TUNGNATH DOLI IN RUDRAPRAYAG

बाबा तुंगनाथ की डोली मक्कूबैण्ड से पांच घंटे विलंब से रवाना हुई. निर्माण कार्य के चलते डोली आवागमन का पैदल रास्ता बंद हुआ.

Bbaba tungnath doli
बाबा तुंगनाथ की डोली देरी से रवाना होने पर लोगों में आक्रोश (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 6, 2024, 8:17 AM IST

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी के अंतर्गत पवधार-मक्कू बैंड पैदल मार्ग पर वन विभाग के टेंट व हट निर्माण से श्रद्धालुओं ने आक्रोश जताया. मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूबैण्ड के निकट पांच घंटे तक भक्तों के कंधों पर खड़ी रही. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली ने अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान किया. ऐसी में डोली को हूण्डू गांव पहुंचने में देरी हो गई.

बता दें कि अतीत से चली परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता-दुगलबिट्टा होते हुए मक्कू बैंड पहुंचती है. लेकिन कुछ दिनों पूर्व वन विभाग ने पवधार-मक्कूबैण्ड पैदल मार्ग पर लगभग 11 करोड़ की लागत से टेंट व हटों का निर्माण करने से पैदल मार्ग पर आवाजाही बाधित होने लगी है. वहीं मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली हूण्डू गांव देर से पहुंची.

लगभग चार बजे सांय तहसील व पुलिस प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई. प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की डोली हमेशा पैदल मार्गों से आवागमन करती है. देव मार्गों पर विकास के नाम पर अतिक्रमण करना या आवागमन बाधित करना धार्मिक आस्था के विरुद्ध है.

मामले में उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के पैदल मार्ग पर वन विभाग ने जो अतिक्रमण किया है, उसे पूर्ण हटाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है. पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली गुरुवार को शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेण्य मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी. मंगलवार को भगवान की डोली ने विभिन्न स्थानों पर भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि विश्राम के लिए भनकुन पहुंची. इस दौरान डोली के संग में बड़ी संख्या में भक्तजन चल रहे हैं.
पढ़ें-ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शीतकाल के लिए विराजमान हुए बाबा केदार, अगली यात्रा तक यहीं होंगे दर्शन

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी के अंतर्गत पवधार-मक्कू बैंड पैदल मार्ग पर वन विभाग के टेंट व हट निर्माण से श्रद्धालुओं ने आक्रोश जताया. मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूबैण्ड के निकट पांच घंटे तक भक्तों के कंधों पर खड़ी रही. प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली ने अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान किया. ऐसी में डोली को हूण्डू गांव पहुंचने में देरी हो गई.

बता दें कि अतीत से चली परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता-दुगलबिट्टा होते हुए मक्कू बैंड पहुंचती है. लेकिन कुछ दिनों पूर्व वन विभाग ने पवधार-मक्कूबैण्ड पैदल मार्ग पर लगभग 11 करोड़ की लागत से टेंट व हटों का निर्माण करने से पैदल मार्ग पर आवाजाही बाधित होने लगी है. वहीं मार्ग पर आवागमन बाधित करने से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली हूण्डू गांव देर से पहुंची.

लगभग चार बजे सांय तहसील व पुलिस प्रशासन की ओर से पैदल मार्ग से अतिक्रमण हटाने के बाद डोली अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई. प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की डोली हमेशा पैदल मार्गों से आवागमन करती है. देव मार्गों पर विकास के नाम पर अतिक्रमण करना या आवागमन बाधित करना धार्मिक आस्था के विरुद्ध है.

मामले में उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के पैदल मार्ग पर वन विभाग ने जो अतिक्रमण किया है, उसे पूर्ण हटाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है. पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली गुरुवार को शीतकालीन गद्दीस्थल मार्केडेण्य मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी. मंगलवार को भगवान की डोली ने विभिन्न स्थानों पर भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि विश्राम के लिए भनकुन पहुंची. इस दौरान डोली के संग में बड़ी संख्या में भक्तजन चल रहे हैं.
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