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पंडित धीरेंद्र शास्त्री उड़नखटोला से वापस पहुंचे बागेश्वर धाम, खजुराहो एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत

9 दिवसीय सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा का ओरछा में हुआ समापन. खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचे बाबा बागेश्वर का माला पहनाकर हुआ स्वागत.

DHIRENDRA SHASTRI HINDU PADYATRA
DHIRENDRA SHASTRI HINDU PADYATRA (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 10:03 PM IST

छतरपुर: बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक 9 दिवसीय सनातन हिन्दू एकता पद यात्रा संपन्न हो गई. बागेश्वर धाम पीठाधीश पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में जात-पात, छुआ-छूत मिटाने का उद्देश्य लेकर यह यात्रा की जा रही थी. नौवें दिन रामराजा सरकार को भगवा ध्वजा चढ़ाकर उनकी पूजा अर्चना करते हुए यात्रा का समापन हो गया. यात्रा के बाद बाबा बागेश्वर हेलीकॉप्टर से खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचे बाबा का माला पहनाकर स्वागत हुआ. पूर्व मंत्री संजय पाठक के साथ वह धाम के लिए रवाना हुए. विराम के अवसर पर आए जगतगुरू तुलसी पीठाधीश्वर पूज्य रामभद्राचार्य महाराज सहित देश भर की जानी मानी हस्तियां शामिल हुईं.

ओरछा में हुआ सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा का समापन

ओरछा पहुंचने पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को पुष्पांजलि समर्पित की. इस अवसर पर स्वामी कृष्णानंद महाराज, हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज सहित विभिन्न स्थानों से आए संतों के साथ ही मंत्री प्रह्लाद पटेल, दिलीप अहिरवार, विधायक अरविंद पटैरिया, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, झांसी महापौर बिहारीलाल आर्य, विधायक संजय पाठक सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

PANDIT DHIRENDRA SHASTRI (Etv Bharat)

इस अवसर पर बागेश्वर महाराज के गुरू जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने पद यात्रियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा "जो हिमालय के समान स्थिर और चन्द्रमा के समान शीतल है, वही हिन्दू है. हिन्दू कभी हिंसक नहीं होता लेकिन हिंसा का विनाश करने वाला अवश्य होता है. अब ओम शांति के साथ ओम क्रांति का नारा भी लगना चाहिए." एक सवाल में उन्होंने कहा " जहां भी हिन्दू मंदिर होंगे उन्हें हम लेकर रहेंगे." रामचन्द्रदास महाराज ने कहा "ओरछा दूसरी अयोध्या है यहां से जाति-पाति के ढांचे को ढहाने का संकल्प लेना है."

गांव-गांव जाकर हिन्दुओं को जगाएंगे: बागेश्वर महाराज

पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "तमाम परिस्थितियों के कारण सीधे-साधे लोग उन तक नहीं पहुंच पाते. इसलिए उन्होंने इस यात्रा से एक संकल्प लिया है. वे बीच-बीच में गांव-गांव जाएंगे और लोगों को कट्टर हिन्दू बनाने के लिए जगाएंगे. इस पदयात्रा से जो अलख जगी है, वह लगातार बढ़ती रहे क्योंकि अगर हिंदू नहीं रहेगा तो न हिन्दुस्तान रहेगा न संस्कृति रहेगी और न परंपरा बचेगी. गांव-गांव जाकर लोगों को जगाकर उनसे दक्षिणा नहीं बल्कि यह वचन लेना है कि वे आखिरी सांस तक अपने धर्म में रहें."

झांकियों ने बढ़ाया यात्रा का आकर्षण
इस पद यात्रा में विभिन्न समाजों और देश की विभिन्न संस्कृतियों को समाहित करने वाली झांकियों भी साथ-साथ चल रही थीं. निवाड़ी में महाराष्ट्र, राजस्थान सहित कई प्रदेशों की अद्भुत झांकियां सजाई गईं. ये झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं. बीच में भी कई जगह सजीव झांकियां सजाई गई थीं.

जगह-जगह बुल्डोजर से सनातनियों ने बरसाए फूल
बागेश्वर धाम की सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा में मप्र से लेकर उप्र की सीमाओं में जगह-जगह बुलडोजर से फूलों की बारिश की गई. पदयात्रियों पर बुलडोजर में खड़े होकर लोगों ने पुष्प बरसाए.

आज संकल्प लें कि जात-पात की दीवार तोड़ेंगे: चिदानंद मुनि जी महाराज
उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन से आए चिदानंद मुनि जी महाराज ने कहा कि आज खण्ड-खण्ड भारत होते देखकर मन में पीड़ा होती है. लेकिन एक मंदिर से शुरू हुई पदयात्रा विश्व यात्रा बनेगी. उन्होंने कहा "आज हम सब संकल्प लें कि जाति-पाति की दीवार को हम मिटाकर रहेंगे. सनातन बचेगा तभी भारत बचेगा."

छतरपुर: बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार की नगरी ओरछा तक 9 दिवसीय सनातन हिन्दू एकता पद यात्रा संपन्न हो गई. बागेश्वर धाम पीठाधीश पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में जात-पात, छुआ-छूत मिटाने का उद्देश्य लेकर यह यात्रा की जा रही थी. नौवें दिन रामराजा सरकार को भगवा ध्वजा चढ़ाकर उनकी पूजा अर्चना करते हुए यात्रा का समापन हो गया. यात्रा के बाद बाबा बागेश्वर हेलीकॉप्टर से खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचे बाबा का माला पहनाकर स्वागत हुआ. पूर्व मंत्री संजय पाठक के साथ वह धाम के लिए रवाना हुए. विराम के अवसर पर आए जगतगुरू तुलसी पीठाधीश्वर पूज्य रामभद्राचार्य महाराज सहित देश भर की जानी मानी हस्तियां शामिल हुईं.

ओरछा में हुआ सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा का समापन

ओरछा पहुंचने पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को पुष्पांजलि समर्पित की. इस अवसर पर स्वामी कृष्णानंद महाराज, हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज सहित विभिन्न स्थानों से आए संतों के साथ ही मंत्री प्रह्लाद पटेल, दिलीप अहिरवार, विधायक अरविंद पटैरिया, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, झांसी महापौर बिहारीलाल आर्य, विधायक संजय पाठक सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

PANDIT DHIRENDRA SHASTRI (Etv Bharat)

इस अवसर पर बागेश्वर महाराज के गुरू जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने पद यात्रियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा "जो हिमालय के समान स्थिर और चन्द्रमा के समान शीतल है, वही हिन्दू है. हिन्दू कभी हिंसक नहीं होता लेकिन हिंसा का विनाश करने वाला अवश्य होता है. अब ओम शांति के साथ ओम क्रांति का नारा भी लगना चाहिए." एक सवाल में उन्होंने कहा " जहां भी हिन्दू मंदिर होंगे उन्हें हम लेकर रहेंगे." रामचन्द्रदास महाराज ने कहा "ओरछा दूसरी अयोध्या है यहां से जाति-पाति के ढांचे को ढहाने का संकल्प लेना है."

गांव-गांव जाकर हिन्दुओं को जगाएंगे: बागेश्वर महाराज

पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "तमाम परिस्थितियों के कारण सीधे-साधे लोग उन तक नहीं पहुंच पाते. इसलिए उन्होंने इस यात्रा से एक संकल्प लिया है. वे बीच-बीच में गांव-गांव जाएंगे और लोगों को कट्टर हिन्दू बनाने के लिए जगाएंगे. इस पदयात्रा से जो अलख जगी है, वह लगातार बढ़ती रहे क्योंकि अगर हिंदू नहीं रहेगा तो न हिन्दुस्तान रहेगा न संस्कृति रहेगी और न परंपरा बचेगी. गांव-गांव जाकर लोगों को जगाकर उनसे दक्षिणा नहीं बल्कि यह वचन लेना है कि वे आखिरी सांस तक अपने धर्म में रहें."

झांकियों ने बढ़ाया यात्रा का आकर्षण
इस पद यात्रा में विभिन्न समाजों और देश की विभिन्न संस्कृतियों को समाहित करने वाली झांकियों भी साथ-साथ चल रही थीं. निवाड़ी में महाराष्ट्र, राजस्थान सहित कई प्रदेशों की अद्भुत झांकियां सजाई गईं. ये झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं. बीच में भी कई जगह सजीव झांकियां सजाई गई थीं.

जगह-जगह बुल्डोजर से सनातनियों ने बरसाए फूल
बागेश्वर धाम की सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा में मप्र से लेकर उप्र की सीमाओं में जगह-जगह बुलडोजर से फूलों की बारिश की गई. पदयात्रियों पर बुलडोजर में खड़े होकर लोगों ने पुष्प बरसाए.

आज संकल्प लें कि जात-पात की दीवार तोड़ेंगे: चिदानंद मुनि जी महाराज
उत्तराखण्ड के ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन से आए चिदानंद मुनि जी महाराज ने कहा कि आज खण्ड-खण्ड भारत होते देखकर मन में पीड़ा होती है. लेकिन एक मंदिर से शुरू हुई पदयात्रा विश्व यात्रा बनेगी. उन्होंने कहा "आज हम सब संकल्प लें कि जाति-पाति की दीवार को हम मिटाकर रहेंगे. सनातन बचेगा तभी भारत बचेगा."

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