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आईआईटी भिलाई में B.Ed कोर्स, अगले शैक्षणिक सत्र से होगा शुरू, जानिए - IIT Bhilai - IIT BHILAI

छत्तीसगढ़ की चुनिंदा उच्च शिक्षण संस्थानों में से एक आईआईटी भिलाई में बीएड कोर्स की शुरुआत होने जा रही है. अगले शिक्षण सत्र से बीएड के 4 साल के इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरूआत होगी. आईआईटी भिलाई ने इसके लिए पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से एमओयू भी किया है.

IIT BHILAI
आईआईटी भिलाई
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 16, 2024, 7:08 PM IST

आईआईटी भिलाई में B.Ed कोर्स होगा शुरू

दुर्ग भिलाई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई अब इंजीनियरिंग और प्रबंधन जैसे प्रतिष्ठित कोर्सों के बाद बीएड कोर्स शुरू करने जा रहा है. बीएड का यह इंटीग्रेटेड कोर्स चार साल का होगा. इसके तहत विद्यार्थियों को बीएससी-बीएड, बीए-बीएड और बीकाम-बीएड जैसी डिग्रियां दी जाएंगी. फिलहाल, इस इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरूआत आईआईटी भिलाई में अगले शैक्षणिक सत्र से होगी.

पहली बार आईआईटी ने बीएड के लिए मांगी अनुमति: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खास तरह से डिजाइन किए गए कोर्स के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों से आवेदन मांगे थे. इसे लेकर देशभर के सैकड़ों संस्थानों ने आवेदन किए हैं. लेकिन इनमें जो चौंकाने वाले संस्थान हैं, उनमें आईआईटी भिलाई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी भुवनेश्वर और आईआईटी मंडी शामिल हैं. पहली बार आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों ने बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति मांगी है. हालांकि, अब तक बीएड कोर्स की पढ़ाई शिक्षण से जुड़े संस्थान करा रहे हैं.

शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाना है उद्देश्य: मौजूदा समय में प्रदेश में बीएड कालेजों की कुल संख्या करीब 150 से ज्यादा है. एनसीटीई के मुताबिक, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में शिक्षकों के शिक्षण की गुणवत्ता को और मजबूती प्रदान करने की सिफारिश की गई है. इस अहम पहल के तहत उन छात्रों को प्लेटफार्म मुहैया कराना है, जो बारहवीं की पढ़ाई के बाद ही शिक्षण के क्षेत्र में जाना चाहते हैं. ऐसे में उनकी स्ट्रीम (संकाय) के आधार पर उन्हें बीएड करने का मौका मिलेगा.

आईआईटी भिलाई में बीएड कोर्स होगा शुरु: शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़े बदलाव आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने बताया, "नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी 2020) के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. शिक्षा व्यवस्था में अध्यापक शिक्षा (टीचर्स एजुकेशन) का भी इंपॉर्टेंट रोल है. इस दिशा में दूरगामी कदम उठाते हुए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने टीचर्स ट्रेनिंग की जिम्मेदारी आईआईटी भिलाई को सौंपा है. अब यहां 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू होंगे."

"बीएड की 2 साल की शिक्षा एजुकेशन पर है. बाकी 2 साल की शिक्षा इंजीनियरिंग और साइंसेस के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए हमने पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से एमओयू भी किया है." - प्रो राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई

नई शिक्षा नीति के तहत की जा रही पहल: नई शिक्षा नीति में साल 2030 के बाद स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड करने वाले शिक्षकों की ही भर्ती करने की सिफारिश की गई है. हालांकि, अभी इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरूआत सिर्फ देश के चुनिंदा और प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में ही की जाएगी. इसके बाद इसे बाकी संस्थानों में भी शुरू करने की मंजूरी दी जाएगी. एनसीटीई के अधिकारियों के मुताबिक, इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने के लिए इच्छुक शिक्षण संस्थानों के आवेदनों की पड़ताल की जा रही है. जरूरी औपचारिकताओं के बाद इन्हें कोर्स शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.

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पहली बार आईआईटी ने बीएड के लिए मांगी अनुमति: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खास तरह से डिजाइन किए गए कोर्स के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों से आवेदन मांगे थे. इसे लेकर देशभर के सैकड़ों संस्थानों ने आवेदन किए हैं. लेकिन इनमें जो चौंकाने वाले संस्थान हैं, उनमें आईआईटी भिलाई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी भुवनेश्वर और आईआईटी मंडी शामिल हैं. पहली बार आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों ने बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति मांगी है. हालांकि, अब तक बीएड कोर्स की पढ़ाई शिक्षण से जुड़े संस्थान करा रहे हैं.

शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाना है उद्देश्य: मौजूदा समय में प्रदेश में बीएड कालेजों की कुल संख्या करीब 150 से ज्यादा है. एनसीटीई के मुताबिक, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में शिक्षकों के शिक्षण की गुणवत्ता को और मजबूती प्रदान करने की सिफारिश की गई है. इस अहम पहल के तहत उन छात्रों को प्लेटफार्म मुहैया कराना है, जो बारहवीं की पढ़ाई के बाद ही शिक्षण के क्षेत्र में जाना चाहते हैं. ऐसे में उनकी स्ट्रीम (संकाय) के आधार पर उन्हें बीएड करने का मौका मिलेगा.

आईआईटी भिलाई में बीएड कोर्स होगा शुरु: शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़े बदलाव आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने बताया, "नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी 2020) के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. शिक्षा व्यवस्था में अध्यापक शिक्षा (टीचर्स एजुकेशन) का भी इंपॉर्टेंट रोल है. इस दिशा में दूरगामी कदम उठाते हुए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने टीचर्स ट्रेनिंग की जिम्मेदारी आईआईटी भिलाई को सौंपा है. अब यहां 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम शुरू होंगे."

"बीएड की 2 साल की शिक्षा एजुकेशन पर है. बाकी 2 साल की शिक्षा इंजीनियरिंग और साइंसेस के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए हमने पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से एमओयू भी किया है." - प्रो राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई

नई शिक्षा नीति के तहत की जा रही पहल: नई शिक्षा नीति में साल 2030 के बाद स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड करने वाले शिक्षकों की ही भर्ती करने की सिफारिश की गई है. हालांकि, अभी इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की शुरूआत सिर्फ देश के चुनिंदा और प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में ही की जाएगी. इसके बाद इसे बाकी संस्थानों में भी शुरू करने की मंजूरी दी जाएगी. एनसीटीई के अधिकारियों के मुताबिक, इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने के लिए इच्छुक शिक्षण संस्थानों के आवेदनों की पड़ताल की जा रही है. जरूरी औपचारिकताओं के बाद इन्हें कोर्स शुरू करने की अनुमति दी जाएगी.

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