कोरिया : आयुष्मान कार्ड निर्माण के मामले में कोरिया जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस योजना के तहत गरीबों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है. कोरिया कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देशा पर जिले में डोर टू डोर अभियान चलाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं. ताकि आर्थिक कमी की वजह से कोई भी व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे.
डोर टू डोर अभियान से रहा सक्सेसफुल : कोरिया जिला प्रशासन की पहल से अधिकारी गांव गांव जाकर गरीबों को इस योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं. घर घर आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा दी जा रही है. ताकि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी आसानी से इस योजना का लाभ मिल सके. राज्य में प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारक परिवारों को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है. वहीं, अन्य राशन कार्डधारकों को भी प्रति परिवार 50 हजार रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी जा रही है.
पहले इलाज करवाने में बहुत परेशानी होती थी, लेकिन अब आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क इलाज मिल रहा है. इस कार्ड से हमारे परिवार को बहुत राहत मिली है, अब इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं रहती. हमारी बस्ती में घर-घर कार्ड बन रहे हैं. सबको इस सुविधा का लाभ मिल रहा है. हमारे जैसे गरीब लोगों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है. : हितग्राही
कोरिया जिले ने 92 प्रतिशत लक्ष्य किया हासिल : जिले में अब तक टारगेट 2,81,917 में से 2,58,559 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इस आंकड़े से साबित होता है कि जिले ने आयुष्मान कार्ड बनाने का 92 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है. जिले में अभी भी जो परिवार इस योजना से वंचित हैं, उनके लिए डोर टू डोर वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. रामगढ़ जैसे दूरस्थ वनांचल नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में भी निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाया जा रहा है.
हमारी कोशिश है कि हर व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिले और कोई भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे. इसीलिए शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. : चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर, कोरिया
आयुष्मान योजना की हो रही सराहना : कोरिया जिला प्रशासन की इस पहल ने प्रदेश में एक मिसाल कायम की है. गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई आयुष्मान योजना गरीबों के लिए मददगार साबित हो रही है. जिलेवासी आयुष्मान योजना की सराहना कर रहे हैं.