देवघर: देश के विभिन्न कोने में ऐसे-ऐसे हुनरमंद और कलाकार हैं जो अपनी कला से लोगों को आकर्षित करते हैं और भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन करते हैं. ऐसे ही एक कलाकार देवघर जिले की आयुषी आन्या हैं. आयुषी देवघर के तिवारी चौक पर रहती हैं और वह पंडा समाज से ताल्लुक रखती हैं.
मगही, मैथिली और हिंदी में छठ की गीतों की तो खूब धमक है, लेकिन आम तौर पर संस्कृत में छठ के गीत सुनने को नहीं मिलते हैं. लेकिन लेकिन आयुषी आन्या ने संस्कृत भाषा में छठ के गीत सुनाकर सभी को काफी आनंदित कर दिया है. छठ के मौके पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में आयुषी आन्या ने शारदा सिन्हा के कई छठ के गीतों को संस्कृत भाषा में अनुवादित कर सुनाया.
कक्षा आठवीं से ही उन्हें संस्कृत के प्रति लगाव बढ़ गया था. जब उनके गुरु पंकज झा बच्चों को संस्कृत में पढ़ाते थे तो उनकी रुचि संस्कृत के प्रति बहुत ज्यादा बढ़ गई और तभी से वो संस्कृत भाषा को अपने जीवन में उतारा और आज वह संस्कृत से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. आयुषी आन्या ने बातचीत में कहा कि वह अपने जीवन में संस्कृत भाषा को आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है, ताकि भारत की पौराणिक भाषा को आज के युवा जान सकें. आयुषी की इस जुनून और उनके इस हुनर को देखते हुए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. इसके अलावा उन्हें कई कार्यक्रमों में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित भी किया गया है.
आयुषी संस्कृत और शास्त्रीय से स्नातक की डिग्री बीएचयू से प्राप्त कर रही हैं. इसके साथ ही वह संस्कृत भाषा में कई ऐसे गीत लिख रही हैं जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. खासकर सुप्रसिद्ध शारदा सिन्हा के छठ के गीतों को वह संस्कृत भाषा में अनुवाद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही हैं. इसके अलावा वह कई हिंदी गीतों का भी संस्कृत रूपांतरण कर चुकी हैं.
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