जयपुर: विश्व आयुर्वेद परिषद, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार से जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने आयुर्वेद कुंभ संयोजनम 2024 का शुभारंभ हुआ. ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, जयपुर सांसद मंजू शर्मा ने संयोजनम 2024 में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति नहीं, जीवन जीने की कला है.
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि आयुर्वेद हमारी चिकित्सा पद्धति ही नहीं है. यह जीवन जीने की एक कला है. यह हमें सिखाती है कि कैसे हम अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करके अपने स्वास्थ्य को इससे लाभ दे सकें. हम निरंतर अपने जीवन में आयुर्वेद पद्धतियों का प्रयोग करते हुए, आयुर्वेद नुस्खों का प्रयोग करते हुए हम अपने जीवन में अपनाएंगे, जिससे हमारा जीवन और स्वास्थ्य निश्चित रूप से स्वस्थ रहेगा.
पढ़ें: जयपुर में आयुर्वेद कुंभ 'संयोजनम्' का आयोजन 15 से, देशभर से शोधार्थी, चिकित्सक और शिक्षक लेंगे भाग
आयुर्वेद को जानने का अवसर मिलेगा: आयुर्वेद संस्थान जयपुर के कुलपति प्रो संजीव शर्मा ने कहा इस कार्यक्रम में देशभर से आए 3000 से अधिक शोधार्थी, चिकित्सक और शिक्षक भाग ले रहे हैं. आयुर्वेद में हुए नई रिसर्च और शोध इस आयुर्वेद कुंभ में पेश किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ के माध्यम से आयुर्वेद में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को आयुर्वेद के विषय में जानने का अवसर मिलेगा.
पढ़ें: आयुर्वेद चिकित्सकों की रिटायरमेंट आयु 62 साल ही रहेगी, राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज
वहीं कार्यक्रम के आयोजक सचिव राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के स्नातकोत्तर क्रिया शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सी आर यादव ने बताया कि इस कुंभ में देशभर के आयुर्वेद मनीषी, आयुर्वेद अध्येता, शोधकर्ता, चिकित्सक एवं औषध निर्माता उपस्थित रहेंगे. कार्यक्रमों की श्रृंखला में पोषणम, कर्माभ्यासम, उद्बोधनम, गतिविधिम, क्रीडनम आदि कार्यक्रमों का आयोजन होना है.
इन क्रियाओं का होगा अध्ययन: आगामी तीन दिनों तक इस कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़ी विभिन्न क्रियाओं का अध्ययन करवाया जाएगा. जिसमें पोषण के अंतर्गत आयुर्वेद आहार का संतर्पण, जन्य व्याधियों जैसे मोटापा, डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स, कर्माभ्यास के अंतर्गत आयुर्वेद में वर्णित प्रायोगिक कर्मों की क्रियाविधि जैसे शिरो बस्ती, शिरोधारा, नाडी परीक्षा, मर्म चिकित्सा, अग्निकर्म, नस्य कर्म, प्रकृति परीक्षण, जलौकावचारण आदि का अभ्यास करवाया जाएगा. आयुर्वेद में पेपर प्रेजेंटेशन और विभिन्न प्रतियोगिताओं स्लोगन, डिबेट, आशु भाषण, पोस्टर मेकिंग, सोशल मीडिया अवेयरनेस रील वीडियो, आयुर्वेद के प्रसार से जुड़े इन्नोवेटिव आइडिया, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप पर चर्चा की जाएगी. नाडी विशेषज्ञ वैद्य विनायक तायडे, मुंबई महाराष्ट्र, प्रायोगिक कर्माभ्यास करवाएंगे.