ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ और प्रभु राम का गहरा नाता, माता कौशल्या की नगरी है रामलला का ननिहाल

Ram Pran Pratistha अयोध्या में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. प्रभु राम को छत्तीसगढ़ का भांजा माना जाता है. इस वजह से छत्तीसगढ़ में मामा अपने भांजे के पैर छूते हैं. ​

Ram mandir Pran Pratistha
राम का छत्तीसगढ़ के साथ संबंध
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 22, 2024, 8:04 AM IST

रायपुर: भगवान राम का छत्तीसगढ़ के साथ गहरा संबंध है. प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था. उनकी माता कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था. इसलिए, छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें अपना भांजा मानते हैं. इसीलिए छत्तीसगढ़ में भांजे के पैर छूने की परंपरा है. हर मामा अपने भांजे को राम के समान मानते है. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ये बातें कही.

वनवास के 10 साल प्रभु राम छत्तीसगढ़ में रहे: सीएम साय ने भगवान राम के 14 साल के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में बिताए समय के बारे में बताते हुए कहा, ''वनवास के 14 साल में से भगवान राम ने 10 साल छत्तीसगढ़ के जंगलों में बिताए. उस समय इस क्षेत्र को दंडकारण्य कहा जाता था.'' माता शबरी की कहानी भी छत्तीसगढ़ से जुड़ी है. वह शबर जनजाति से हैं और यह जनजाति अभी भी छत्तीसगढ़ और ओडिशा में रहती है.

रामवनपथ गमन का होगा विकास: विष्णुदेव साय ने कहा- "छत्तीसगढ़ में 25 से ज्यादा जगहों पर राम की स्मृतियों को संरक्षित किया जाएगा. जहां से भगवान श्री राम अपने वनवास के दौरान गुजरे थे. इन स्थानों का विकास किया जाएगा. रामवनपथगमन का विकास किया जाएगा. इसके अलावा 1000 किलोमीटर के शक्ति पीठ प्रोजेक्ट पर भी काम किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में शक्तिपीठों को जोड़ा जाएगा और उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा. तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी." सीएम ने कहा कि 22 जनवरी को घरों को फूलों और दीयों से सजाएं. जो लोग अयोध्या नहीं पहुंच सकते, वे जहां भी हो रामलला का स्वागत करें.

रायपुर: भगवान राम का छत्तीसगढ़ के साथ गहरा संबंध है. प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था. उनकी माता कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था. इसलिए, छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें अपना भांजा मानते हैं. इसीलिए छत्तीसगढ़ में भांजे के पैर छूने की परंपरा है. हर मामा अपने भांजे को राम के समान मानते है. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ये बातें कही.

वनवास के 10 साल प्रभु राम छत्तीसगढ़ में रहे: सीएम साय ने भगवान राम के 14 साल के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में बिताए समय के बारे में बताते हुए कहा, ''वनवास के 14 साल में से भगवान राम ने 10 साल छत्तीसगढ़ के जंगलों में बिताए. उस समय इस क्षेत्र को दंडकारण्य कहा जाता था.'' माता शबरी की कहानी भी छत्तीसगढ़ से जुड़ी है. वह शबर जनजाति से हैं और यह जनजाति अभी भी छत्तीसगढ़ और ओडिशा में रहती है.

रामवनपथ गमन का होगा विकास: विष्णुदेव साय ने कहा- "छत्तीसगढ़ में 25 से ज्यादा जगहों पर राम की स्मृतियों को संरक्षित किया जाएगा. जहां से भगवान श्री राम अपने वनवास के दौरान गुजरे थे. इन स्थानों का विकास किया जाएगा. रामवनपथगमन का विकास किया जाएगा. इसके अलावा 1000 किलोमीटर के शक्ति पीठ प्रोजेक्ट पर भी काम किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में शक्तिपीठों को जोड़ा जाएगा और उनका सौंदर्यीकरण किया जाएगा. तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी." सीएम ने कहा कि 22 जनवरी को घरों को फूलों और दीयों से सजाएं. जो लोग अयोध्या नहीं पहुंच सकते, वे जहां भी हो रामलला का स्वागत करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.