अयोध्या: शारदीय नवरात्र के उपलक्ष में फिल्मी सितारों की रामलीला का छठा संस्करण का प्रारंभ गणेश वंदना से प्रारंभ हुआ. उसके बाद शिव ने पार्वती को राम कथा श्रवण कराने के प्रसंग का मंचन हुआ.मंचन के पहले बॉलीवुड स्टार अपने शंकर के भूमिका में नजर आये. बिंदु दारा सिंह ने हनुमान की भूमिका के बाद अब शंकर की भूमिका निभाने को लेकर कहा, कि जब प्रभु राम पर संकट आया तो शंकर जी ने ही हनुमान जी को उनकी सहायता के लिए भेजा था. और हमेशा इसी प्रकार से प्रभु की सेवा करता रहूंगा. हमारी किस्मत अच्छी है कि बार-बार अयोध्या आने का मौका मिल रहा है.
वहीं बॉलीवुड स्टार अवतार गिल ने नारद मुनि की भूमिका निभाते हुए कहा, कि मैं इस रामलीला में सभी प्रकार का किरदार निभा चुका हूं. इसलिए इस बार नारद की भूमिका को निभा रहा हूं. इसके पहले रावण विभीषण जनक दशरथ खरदूषण परशुराम, सहित सभी भूमिकाओं को निभाने का अवसर मिल चुका है. हमें हर बार अयोध्या आने से खुशी मिलती है.
अयोध्या की रामलीला के आज के प्रसंग में देव ऋषि नारद की तपस्या से स्वर्ग लोक में इंद्र का सिंहासन कांपने लगा. इससे भयभीत होकर इंद्र ने कामदेव को अप्सराओं के साथ नारद मुनि की तपस्या को भंग करने के लिए भेजा, लेकिन अनेक प्रयासों के बावजूद नारद जी की तपस्या भंग नहीं होती. कामदेव पर विजय प्राप्त कर लेने से नारद के मन में अभिमान जग जाता है और भगवान विष्णु अपने परम भक्त के अहंकार को दूर करने के लिए लीला रचते हैं.
विश्व मोहिनी की सुंदरता पर मोहित होकर नारद अपने आराध्य भगवान विष्णु से सुंदर रूप मांगते हैं. लेकिन, विष्णु उन्हें बंदर का स्वरूप दे देते हैं. इससे नारद मुनि को स्वयंवर सभा में मजाक का पात्र बनना पड़ता है और भगवान विष्णु उस कन्या का वरण कर लेते हैं. इससे क्रोधित होकर नारद भावावेश में आकर भगवान विष्णु को शाप दे देते हैं कि जिस तरह वह नारी वियोग की पीड़ा से गुजर रहे हैं,उसी तरह विष्णु जी को भी नारी वियोग का कष्ट झेलना पड़ेगा और यही बंदर उनकी सहायता करेंगे. बाद में नारद को अपने कथन पर पछतावा होता है.