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लोक अदालत में करोड़ों रुपए के अवार्ड पारित, ना कोई हारा ना कोई जीता, फिर भी हर चेहरे पर छाई खुशी - NATIONAL LOK ADALAT IN KUCHAMAN

कुचामन न्यायालय में लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें करोड़ों रुपए के अवार्ड पारित किए गए.

National Lok Adalat In Kuchaman
कुचामन में राष्ट्रीय लोक अदालत (ETV Bharat Kuchaman City)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 22, 2024, 5:04 PM IST

कुचामनसिटी: कुचामन न्यायालय में रविवार को साल 2024 की चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे के साथ हजारों प्रकरणों का निस्तारण किया गया. पूर्व अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि इससे पहले अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायालय सुन्दर लाल खारोल ने बार संघ कुचामन के अधिवक्ताओं की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक अदालत की विधिवत शुरूआत की. इस मौके पर जयपुर हाइवे पर हाल ही में हुए हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई.

लोक अदालत में करोड़ों रुपए के अवार्ड पारित (ETV Bharat Kuchaman City)

न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने बताया कि न्यायालय के लंबित प्रकरणों, राजस्व न्यायालयों के लंबित प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों के कुल 2 बैंच का गठन किया गया. जिनमें बतौर अध्यक्ष एडीजे न्यायाधीश सुन्दरलाल खारोल और वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र सिंह एवं बतौर सदस्य एसडीएम सुनील कुमार ने कार्य किया. लोक अदालत में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय एवं वरिष्ठ सिविल न्यायालय तथा राजस्वों के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समझाइश के जरिए निस्तारण किया गया. इसी के साथ राजस्वों न्यायालयों के प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं विधिक सेवा समिति के प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों का भी जरिये राजीनामे से निस्तारण करते हुए करीब तीन करोड़ रुपए के अवार्ड पारित किये गए.

पढ़ें: लोक अदालत में किसी की हार नहीं बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है, कुचामन में वर्षों पुराने प्रकरणों का हुआ निस्तारण - Lok Adalat in Kuchaman City

राष्ट्रीय लोक अदालत में कइयों की जिंदगी बदली तो, कई लोगों की स्याह जिंदगी में खुशियों और शांति के रंग भर दिए. सालों से कोर्ट में चल रहे मामले कुछ पलों में निपट गए. दूरसंचार विभाग, बैंकों, बीमा कंपनियों से जुड़े मामलों के साथ कई अन्य प्रकरण समझाइश कर राजीनामे के जरिए केस निस्तारित किए गए. लोक अदालत में विद्युत विभाग से जुड़े कई प्रकरण भी निस्तारित किए गए. वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कुचामन में आयोजित लोक अदालत में ना कोई जीता ना हारा, लेकिन सबके चेहरे पर खुशी नजर आई.

पढ़ें: लोक अदालत में दूर हुए गिले-शिकवे, पति-पत्नी की सुलह के बाद परिजनों के छलके खुशी के आंसू - couple reunites in Lok Adalat

कोर्ट से अलग होती है लोक अदालत: ज्ञानेंद्र सिंह वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ने कहा कि आमतौर पर अदालत में मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट फीस जमा होती है, लेकिन अगर कोई इंसान विवाद को लोक अदालत में लेकर जाता है, तो उसे कोर्ट फीस नहीं देनी पड़ती. अगर अदालत में लंबित कोई मामला लोक अदालत में गया और बाद में उसका निपटारा हो गया, तो अदालत में मूल रूप से भुगतान की गई अदालती फीस भी पक्षकारों को वापस दे दी जाती है. लोक अदालत की खासियत ही त्वरित न्याय है. विवाद के पक्षकार अपने एडवोकेट की मदद से या खुद सीधे जज से बात कर सकते हैं, जो आमतौर पर अदालत में नहीं हो पाता, इस तरह लोक अदालत कोर्ट से अलग होती है.

कुचामनसिटी: कुचामन न्यायालय में रविवार को साल 2024 की चौथी और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामे के साथ हजारों प्रकरणों का निस्तारण किया गया. पूर्व अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि इससे पहले अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायालय सुन्दर लाल खारोल ने बार संघ कुचामन के अधिवक्ताओं की मौजूदगी में राष्ट्रीय लोक अदालत की विधिवत शुरूआत की. इस मौके पर जयपुर हाइवे पर हाल ही में हुए हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई.

लोक अदालत में करोड़ों रुपए के अवार्ड पारित (ETV Bharat Kuchaman City)

न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने बताया कि न्यायालय के लंबित प्रकरणों, राजस्व न्यायालयों के लंबित प्रकरणों एवं प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों के कुल 2 बैंच का गठन किया गया. जिनमें बतौर अध्यक्ष एडीजे न्यायाधीश सुन्दरलाल खारोल और वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र सिंह एवं बतौर सदस्य एसडीएम सुनील कुमार ने कार्य किया. लोक अदालत में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय एवं वरिष्ठ सिविल न्यायालय तथा राजस्वों के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समझाइश के जरिए निस्तारण किया गया. इसी के साथ राजस्वों न्यायालयों के प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं विधिक सेवा समिति के प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों का भी जरिये राजीनामे से निस्तारण करते हुए करीब तीन करोड़ रुपए के अवार्ड पारित किये गए.

पढ़ें: लोक अदालत में किसी की हार नहीं बल्कि दोनों पक्षों की जीत होती है, कुचामन में वर्षों पुराने प्रकरणों का हुआ निस्तारण - Lok Adalat in Kuchaman City

राष्ट्रीय लोक अदालत में कइयों की जिंदगी बदली तो, कई लोगों की स्याह जिंदगी में खुशियों और शांति के रंग भर दिए. सालों से कोर्ट में चल रहे मामले कुछ पलों में निपट गए. दूरसंचार विभाग, बैंकों, बीमा कंपनियों से जुड़े मामलों के साथ कई अन्य प्रकरण समझाइश कर राजीनामे के जरिए केस निस्तारित किए गए. लोक अदालत में विद्युत विभाग से जुड़े कई प्रकरण भी निस्तारित किए गए. वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कुचामन में आयोजित लोक अदालत में ना कोई जीता ना हारा, लेकिन सबके चेहरे पर खुशी नजर आई.

पढ़ें: लोक अदालत में दूर हुए गिले-शिकवे, पति-पत्नी की सुलह के बाद परिजनों के छलके खुशी के आंसू - couple reunites in Lok Adalat

कोर्ट से अलग होती है लोक अदालत: ज्ञानेंद्र सिंह वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश ने कहा कि आमतौर पर अदालत में मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट फीस जमा होती है, लेकिन अगर कोई इंसान विवाद को लोक अदालत में लेकर जाता है, तो उसे कोर्ट फीस नहीं देनी पड़ती. अगर अदालत में लंबित कोई मामला लोक अदालत में गया और बाद में उसका निपटारा हो गया, तो अदालत में मूल रूप से भुगतान की गई अदालती फीस भी पक्षकारों को वापस दे दी जाती है. लोक अदालत की खासियत ही त्वरित न्याय है. विवाद के पक्षकार अपने एडवोकेट की मदद से या खुद सीधे जज से बात कर सकते हैं, जो आमतौर पर अदालत में नहीं हो पाता, इस तरह लोक अदालत कोर्ट से अलग होती है.

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