सिवान: राष्ट्रीय जनता दल ने पिछले दिनों अपने उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट जारी कर दी थी लेकिन उसमें सिवान का जिक्र नहीं था. जिसके बाद माना जा रहा था कि लालू परिवार पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को मनाने की कोशिश कर रहा है ताकि वह आरजेडी की कैंडिडेट बन जाएं लेकिन बात नहीं बनी. आखिरकार रविवार रात पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और इलाके के कद्दावर नेता अवध बिहारी चौधरी को 'लालटेन' का सिंबल थमा दिया गया.
"आज राष्ट्रीय जनता दल द्वारा मुझे आधिकारिक रूप से सिंबल दिया गया. इसके साथ ही मेरी जिम्मेदारी भी बढ़ गई. सिवान के तमाम अमन पसंद लोगों की आज जीत हुई है, सिवान में रह रहे सभी गांधीवादी विचारधारा के मित्रों की जीत हुई है. मैं आपके लिए पूर्व की तरह हमेशा सेवा में रहूंगा."- अवध बिहारी चौधरी, आरजेडी कैंडिडेट, सिवान
अवध बिहारी चौधरी को मिला 'लालटेन' का सिंबल: टिकट मिलने के बाद अवध बिहारी चौधरी ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताया. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने जिस विश्वास और उम्मीद के साथ मुझे सिवान लोकसभा क्षेत्र की जनता की सेवा करने के लिए मैदान में उतारा है, मैं विश्वास दिलाता हूं कि राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदों पर पूर्ण रूप से खड़ा उतरूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे अपने लोगों पर पूर्ण विश्वास है. वो लोग अपने सेवक को लोकसभा भेजकर सिवान के विकास की रुकी हुई गाड़ी को रफ्तार में लाएंगे.
सिवान में जंग जोरदार: लोकसभा चुनाव में सिवान को हॉट सीट माना जा रहा है, क्योंकि यहां मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हमेशा आरजेडी के टिकट से चुनाव लड़ती रही हैं लेकिन पूर्व सांसद के निधन के बाद हो रहे चुनाव में उनकी पत्नी निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर मैदान में है. लालू परिवार और शहाबुद्दीन फैमिली के बीच बढ़ी दूरियों के बाद पहली बार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे.
लालू और शहाबुद्दीन फैमिली में बढ़ी दूरी: मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद इन दोनों परिवार के बीच लगातार दूरियां बढ़ती चली गई. हिना शहाब और ओसामा शहाब के समर्थकों का आरोप है कि न तो शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनकी मिट्टी में लालू फैमिली से कोई सदस्य शरीक हुए और न ही कोई मेंबर घर पहुंचा. हालांकि बाद में ओसामा की शादी में तेजस्वी ने जरूर शिरकत की लेकिन दूरियां कभी खत्म नहीं हुई.
आरजेडी में हिना शहाब की अनदेखी: माना जा रहा है कि 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद हिना शहाब चाहती थीं कि उनको राज्यसभा भेजा जाए लेकिन लालू परिवार ने उनको इग्नोर किया. 17 महीने जब नीतीश कुमार के साथ आरजेडी सरकार में थी, तब भी उनके लिए या उनके करीबी विधायकों को सरकार में जगह नहीं मिली. जिस वजह से लगातार दूरियां बढ़ती गईं.
हिना शहाब को मनाने की कोशिश नाकाम: लालू परिवार को हिना शहाब की लोकप्रियता और इलाके में गहरी पैठ का एहसास है, इसलिए पिछले कुछ समय से उनको मनाने की कोशिश की जा रही थी. यही वजह है कि अवध बिहारी चौधरी के टिकट को होल्ड पर रखा गया था, ताकि हिना शहाब मान जाएं लेकिन वह निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़ी हैं. आखिरकार अवध बिहारी को लालू यादव ने टिकट सौंप दिया है.
आरजेडी से मुस्लिम समाज नाराज!: सिवान और आसपास के इलाके में शहाबुद्दीन परिवार की मजबूत पकड़ है. न केवल मुस्लिम समाज बल्कि सभी वर्गों में हिना शहाब की लोकप्रियता है. हिना शहाब की नाराजगी के कारण आरजेडी को मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने का डर है. यही वजह है कि आखिरी वक्त तक उनका इंतजार किया गया. हालांकि हालांकि हिना शहाब ने अभी तक आरजेडी के विरोध में सीधे तौर पर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन जानकार मानते हैं कि मुस्लिम समाज का एक बड़ा वोट बैंक आरजेडी से नाराज है. इसका खामियाजा पार्टी को न केवल सिवान बल्कि अन्य सीटों पर भी उठाना पड़ सकता है.
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