वाराणसी: अक्षय तृतीया जिसका इंतजार पूरे साल लोग करते हैं. इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. अक्षय का अर्थ ही होता है कभी ना नष्ट होने वाला. यही वजह है, कि अक्षय तृतीया के पर्व पर किसी भी चीज की खरीदारी करने से लेकर सोने चांदी को घर लाना और शुभ कार्यों को करना अति शुभ माना जाता है. सबसे बड़ी बात यह है, कि अक्षय तृतीया का पर्व ऐसा मौका होता है. जब बिना किसी लगन के मुहूर्त के बिना ही कोई काम किया जा सकता है. विवाह और मांगलिक कार्य तो इस दिन जोर-शोर से होते हैं, लेकिन इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर बिना मुहूर्त के आप कोई काम नहीं कर पाएंगे. यहां तक की इस बार अक्षय तृतीया पर कोई भी शादियां नहीं होगी, ना ही मांगलिक कार्य हो पाएंगे. इसकी बड़ी वजह सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण गुरु और शुक्र दोनों का अस्त होना है.
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का महापर्व मनाया जाता है, जो ईद वर्ष 10 मई को है. शास्त्रों में इस तिथि को ईश्वरीय तिथि माना जाता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम और हयग्रीव की जयंती मनाई जाती है. इसलिए, इस दिन किसी भी शुभ काम के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन बिना मुहूर्त के शादी, मुंडन, अन्नप्रासन सहित सभी मांगलिक कार्य किए जाते है, लेकिन इस बार ग्रहों के चाल के कारण अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ना ही शादियां होंगी और ना ही कोई मांगलिक कार्य. किसी भी मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त दिखाना भी अनिवार्य होगा.
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इस बारे में ज्योतिषाचार्य पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया, कि इस बार अक्षय तृतीया से पहले ऐश्वर्य और वैभव का ग्रह माने जाने वाला शुक्र और ज्ञान के ग्रह गुरु के अस्त होने के कारण अक्षय तृतीया के दिन शादी विवाह और मांगलिक कार्य नहीं होंगे. उन्होंने बताया, कि पंचाग के अनुसार 29 अप्रैल को रात 11 बजकर 04 मिनट पर शुक्र अस्त हो गए हैं. इसके 7 वें दिन यानी 6 मई को रात 11 बजकर 2 मिनट पर गुरु भी अस्त हो जाएंगे. ये दोनों ग्रह सुख, समृद्धि, वैभव, वैवाहिक जीवन के कारक ग्रह है. सनातन संस्कृति में इन दो ग्रहों के अस्त होने के बाद किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती, कोई मांगलिक कार्य नहीं होते और कोई शुभ कार्य को भी आगे नहीं बढ़ाया जाता है. यही वजह है, कि इस बार अक्षय तृतीया के मौके पर इनके अस्त होने के कारण ही किसी भी तरह का मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकेगा.
पण्डित संजय उपाध्याय ने बताया, कि विवाह शादी के अलावा अक्षय तृतीया पर मुंडन, उपनयन संस्कार, नामकरण, अक्षर ज्ञान जैसे कोई भी काम नहीं हो सकेंगे. 3 जून 2024 को गुरु ग्रह का उदय होगा और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 28 जून को उदय होंगे, लेकिन उसके बाद भी 10 दिनों तक मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं होंगे. जुलाई महीने में 9 तारिख से फिर से शादी विवाह के मुहूर्त की शुरुआत होगी.