नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है. शराब नीति घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी ने अपनी असहमति दर्ज की है. पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि पीएमएलए एक ऐसा कानून है, जिसमें कोर्ट के पास ईडी के आरोपों के आधार पर रिमांड देने के अलावा कोई ओर विकल्प ही नहीं है. यही कारण है कि एक के बाद एक विपक्ष के सभी नेताओं पर पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा केस करवाया जाता है. क्योंकि पीएमएलए में बेल मिलना लगभग असंभव है.
ईडी के माध्यम से चुनावों को जीतना चाहते हैं पीएम मोदी -आतिशी
भाजपा पर निशाना साधते हुए आतिशी ने कहा कि आज पीएम मोदी ईडी के माध्यम से चुनावों को जीतना चाहते हैं. भाजपा का मीडिया सेल ईडी द्वारा जमा की गई रिमांड एप्लीकेशन को मीडिया में दे रहा है. क्या ईडी भाजपा के संगठन का हिस्सा है. जो भाजपा उनकी प्रेस-रिलीज़ जारी कर रहा है. ईडी दो साल की जांच के बाद भी एक रुपए का प्रोसीड ऑफ क्राइम नहीं ढूंढ पाई है. इसके बाद भी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया.
क्या है PMLA ACT ?
पीएमएलए के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, जिनमें अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है या ये कहे कि PMLA के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप निराधार हैं. हालांकि, यह साबित करना बेहद मुश्किल हो सकता है. इस कानून की धारा 45 में आरोपी की जमानत के लिए दो कठोर शर्तें हैं. ईडी को पीएमएलए कानून के तहत कुछ शर्तों के साथ बिना वारंट आरोपी के परिसरों की तलाशी लेने और उसे गिरफ्तार करने, संपत्ति की जब्ती और कुर्की का अधिकार प्राप्त है.
बयानों के आधार पर ईडी ने बनाया है सारा केस
आतिशी का कहना है कि ईडी ने जो अपनी एप्लीकेशन पेश की है. वह सिर्फ ऐसे गवाहों के बयान पर है जो डराकर-धमकाकर लिए गए है. प्रमुख उदाहरण राघव मगुंटा ने 16 सितंबर को जबाव दिया कि वो दिनेश अरोड़ा, अरुण पिल्लई, विजय नायर या किसी AAP नेता को नहीं जानते हैं. 10 फरवरी को राघव मगुंटा को गिरफ्तार कर लिया जाता है. फिर उन पर दबाव बनाया जाता है. कुछ दिनों बाद राघव मगुंटा अपना बयान पलट देते है. कहते है कि उन्होंने 25 करोड़ रुपये दिए है. इसके 2 सप्ताह के भीतर वो एप्लीकेशन देते है कि उन्हें कमर में दर्द हो रहा है, जिसके आधार पर उन्हें बेल मिल जाती है. ईडी इसका विरोध भी नहीं करती है.
वहीं स्पाइनल सर्जरी की आवश्यकता वाले सतेंद्र जैन जी को बेल नहीं मिलती है. इसी तरह पी शरद रेड्डी ने 9 नवंबर को कहा कि वह विजय नायर को किसी ने भी पैसे नहीं दिए. उन्हें 10 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया जाता है. उसके कुछ दिन बाद वो बयान देते हैं कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है और बयान देने के 2 हफ़्ते बाद उन्हें भी पीठ दर्द के बहाने बेल मिल जाती है. ये वही शरद रेड्डी हैं जिनके बयान को केजरीवाल की गिरफ्तारी के सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. गिरफ्तारी के तुरंत बाद शरद रेड्डी ने 45 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉल बॉण्ड भाजपा को दिए और जैसे ही ये पैसे पहुंचे शरद रेड्डी को बेल मिल जाती है.
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विपक्ष को खत्म कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही
आतिशी ने कहा कि आज देश में जांच नहीं हो रही है. केस नहीं चल रहा. बस लोकतंत्र की हत्या हो रही है. जब एक सिटिंग मुख्य मंत्री को बिना किसी सबूत के गिरफ़्तार कर लिया जाता है. जब चुनाव की घोषणा के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और विपक्ष के प्रमुख चेहरे अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया जाता है. चुनाव से पहले एक प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाता है.