नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा सोमवार को बजट पेश करने के दौरान राममय हो गया. वित्त मंत्री आतिशी ने त्रेता युग के रामराज्य की अवधारणा पर दिल्ली का बजट पेश किया. उन्होंने चौपाइयों के जरिए रामराज्य का व्याख्यान किया. मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की तुलना राम और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की तुलना हनुमान से की. दिल्ली में रामराज्य हो इस आधार पर व्यवस्थाओं व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 76 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया.
अरविंद केजरीवाल की भगवान राम से तुलना: "रघुकुल रीति सदा चलि आई. प्राण जाए पर वचन न जाई" चौपाई के आधार पर वित्त मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम से की और कहा कि वह अपने वचन के पक्के हैं. जिस तरह महाराज दशरथ द्वारा माता केकैयी को दिए वचन को पूरा करने के लिए प्रभु श्रीराम सबकुछ त्याग कर 14 साल के लिए वनवास पर चले गए थे. उसी तरह मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि वह लोगों को बेहतर जिंदगी देंगे. बच्चों को शानदार शिक्षा देंगे. बेहतर स्वास्थ्य सुविदा देंगे. इन वचनों को पूरा करने के लिए केजरीवाल ने भी बहुत मुश्किलों का सामना किया. विरोधियों ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन जिस तरह भगवान राम पीछे नहीं हटे. उसी तरह केजरीवाल भी अपने वादों से पीछे नहीं हटे.
सत्येंद्र जैन को हनुमान तो सिसोदिया को भाई बताया: आतिशी ने दिल्ली में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए कामकाज के लिए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को क्रेडिट दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह रामभक्त हनुमान आपदा की घड़ी में संजीवनी का पर्वत ही उखाड़कर लाए थे. उसी तरह सत्येंद्र जैन ने दिल्ली की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को पुनर्जीवित किया. वहीं, आतिशी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को भाई बताते हुए उनके कार्यों की सराहना की.
भाजपा ने बजट को राममय करने का पाखंड बतायाः दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बजट को झूठ का कागजी पुलिंदा बताया. उन्होंने कहा कि जो लोग राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं अब उन्हें भगवान श्रीराम की याद आ रही है. बजट भाषण में आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन की हनुमान जी से तुलना करने को बिधूड़ी ने शर्मनाक बताया.
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल स्वयं श्रीराम मंदिर के निर्माण का विरोध करते रहे हैं. उनके एक मंत्री ने हिंदू देवी-देवताओं के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया. यही नहीं, कांग्रेस ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाया और राम मंदिर के निर्माण का अदालत में विरोध किया. आज तक कांग्रेसी नेता अयोध्या में श्रीराम के दर्शन करने नहीं गए. आज आम आदमी पार्टी उसी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है और जब सारा विश्व श्रीराम के समक्ष नतमस्तक है तो दिल्ली के बजट को राममय करने का पाखंड किया जा रहा है.
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